इस पोस्ट में परीक्षा में आने वाले संभावित हिन्दी मुहावरे (hindi muhavare) दिए गए है , आर्टिकल के अंत में महत्त्वपूर्ण प्रश्न भी पढ़ें ।आप इन्हें अच्छी तरह से तैयार करें।
मुहावरा:- मुहावरा बात कहने की एक शैली है। यह अरबी भाषा के ‘मुहावर’ शब्द से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है- ‘अभ्यास करना’ या ‘बातचीत’
‘लक्षणा व व्यंजना द्वारा वह सिद्ध वाक्य जो किसी बोली जाने वाली भाषा में प्रचलित हो कर रूढ़ हो गया हो तथा प्रत्यक्ष अर्थ के बजाय सांकेतिक अर्थ देता हो’, ‘मुहावरा’ कहलाता है।
जैसे:- खिचड़ी पकाना, लाठी खाना, नाम धरना आदि।
मुहावरों की विशेषताएँ
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1. मुहावरों का शाब्दिक अर्थ नहीं, बल्कि सांकेतिक अवबोधक अर्थ लिया जाता है। जैसे ‘खिचड़ी पकाना’ इसका शाब्दिक अर्थ होगा- खिचड़ी बनाना, परन्तु मुहावरे के रूप में सांकेतिक अर्थ होगा-षड्यंत्र करना।
2. मुहावरे का अर्थ प्रसंग के अनुसार होता है, जैसे- लडाई में खेत आना’ इसका अर्थ है ‘युद्ध में शहीद हो जाना’ न कि लड़ाई के स्थान पर किसी खेत का चले आना।
3. मुहावरे का मूल रूप कभी नहीं बदलता अर्थात् मुहावरे का स्वरूप स्थिर होता है, अन्यथा मुहावरा नष्ट हो जाता। जैसेः ‘कमर टूटना’ एक मुहावरा है इसके स्थान पर ‘कटि भंग’ शब्द का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
4. हिन्दी के अधिकांश मुहावरों का सीधा संबंध शरीर के विभिन्न अंगों यथा- मुँह, कान, नाक, हाथ, पाँव, आँख, सिर आदि से होता है, जैसे-मुँह की खाना, कान खड़े होना।
5. मुहावरा भाषा की समृद्धि तथा सभ्यता के विकास का मापक होता है।
मुहावरों का महत्त्व
- भाषा को सजीव बनातें है।
- कथन को प्राणयुक्त एंव प्रभावपूर्ण बनातें है।
- भाषा में सरलता एवं सरसता उत्पन्न करतें है।
- ⋅भाषा में प्रवाह व चमत्कार उत्पन्न करते है।
- भाषा को समृद्ध बनातें है।
मुहावरों के प्रयोग में सावधानियाँ:-
1. पहले मुहावरा फिर उसका अर्थ तथा अगली लाइन से वाक्य प्रयोग करना चाहिए,
जैसे:- बात का धनी – वायदे का पक्का।
वाक्य प्रयोग – मैं जानता हूँ कि वह बात का धनी है।
2. मुहावरे का वाक्य प्रयोग करते समय तुलना नहीं करनी चाहिए,
जैसे:- के समान, की तरह, के जैसा आदि शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
यथा:- अंधे की लकड़ी – एक मात्र सहारा
वाक्य प्रयोग – अपने वृद्ध माता-पिता का एक मात्र संतान मोहन उनके लिए अंधे की लकड़ी है।
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3. मुहावरों को कहीं भी डाल देना गलत है, बल्कि कारण बताते हुए कार्य बताना है।
4. घिसे-पिटे वाक्य प्रयोग से बचना चाहिए। (पाक, चीन)
5. वाक्य प्रयोग का संदर्भ तथा संभव छोटा रहना चाहिए।
6. वाक्य प्रयोग में मुहावरे का प्रयोग करना होता है न कि उसके अर्थ का।
7. मुहावरे को एक वाक्य में लिखना चाहिए।
जैसे:- टेढ़ी खीर होना – कठिन काम होना
वाक्य प्रयोग – अपने देश में भ्रष्टाचार की जड़े इतनी गहरी हो गई है कि इसे खत्म करना टेढ़ी खीर हो गई है।
लोकोक्तियाँ/कहावतें
लोकोक्ति का अर्थ है ‘लोक समाज में कही जाने वाली उक्तियाँ’ तथा कहावत का अर्थ है-‘कही जानें वाली बात’।
ऐसा वाक्य जो चमत्कृत ढंग से संक्षेप में, किसी सत्य या निधि का आशय, सशक्त रूप से व्यक्त करे तथा अधिक समय तक प्रयोग में आकर जन जीवन में प्रचालित हो गया हो, लोकोक्ति/कहावत कहलाता है।
लोकोक्तियों/कहावतों की विशेषताएँ
1. लोकोक्तियाँ/कहावतें प्रत्यक्ष अर्थ नहीं सांकेतिक अर्थ देतें है।
2. लोकोक्तियों/कहावतों में जीवन के गहरे तथा मूल्यवान अनुभव छिपे रहतें हैं, इसलिए इन्हें ‘ज्ञान की पिटारियाँ’ कहा जाता है।
3. लोकोक्तियाँ/कहावतें एक व्यक्ति से संबंधित न होकर ‘जन साधारण की घरोहरें’ होती है।
लोकोक्तियों/कहावतों का महत्त्व
- बोली को अधिक प्रमाणिक तथा जोरदार बनाती है।
- भाषा स्पष्ट तथा जीवन्त से उठती है।
- भाषा को सुन्दर बनाने के साथ-साथ जीवन को सीख भी देतें है।
- इनमें गहरे व मूल्यवान अनुभव दिये रहतें है।
- अलंकार शास्त्र में ‘लोकोक्ति अलंकार’ नाम से प्रसिद्ध होता है।
लोकोक्तियों/कहावतों के प्रयोग में सावधानियाँ:-
- कहावतों का वाक्य प्रयोग ढाई से तीन लाइन में देना चाहिए।
- पहले प्रकरण देना है फिर कहावत। प्रकरण ऐसा होना चाहिए जो कहावत सिद्ध करें।
प्रकरण समाप्त होनें पर – ठीक ही कहा गया है - यह तो वही बात हुई
- यहाँ यह बात चरितार्थ होती है, आदि शब्दों का प्रयोग करते हुए कहावतों को जोड़ना चाहिए।
मुहावरा तथा लोकोक्ति की पहचान:-
- 95 प्रतिशत मुहावरों के अन्त में ‘ना’ आता है।
- मुहावरों के अन्त में क्रिया होती है।
- 95 प्रतिशत मुहावरों का संबंध शरीर के विभिन्न अंगों से होता है।
- मुहावरे छोटे होतें है, लोकोक्तियाँ बड़ी होती है।
- लोकोक्तियों/कहावतों में कोई न कोई शिक्षा होती है।
मुहावरा तथा लोकोक्ति में अन्तर – Muhavare or Lokokti me Antar
मुहावरा | लोकोक्ति |
1. मुहावरे वाक्यांश है। | लोकोक्ति पूर्ण वाक्य है। |
2. मुहावरो का स्वतंत्र प्रयोग नहीं हो सकता | कहावतों का स्वतंत्र प्रयोग होता है। |
3. मुहावरों का अर्थ बिना वाक्य प्रयोग के स्पष्ट नहीं होता | लोकोक्तियाँ अपने आप में अर्थपूर्ण होतीं है। |
4. मुहावरा एक पक्षीय होता है। | लोकोक्तियाँ भाषा को सुन्दर बनानें के साथ-साथ कोई न कोई सीख/शिक्षा भी देती है। |
5. मुहावरा छोटा होता है तथा भाव को उद्दीपित करता है। | लोकोक्ति बड़ी होती है तथा स्वंय में भावपूर्ण होती है। |
6. मुहावरों की क्रिया काल, वचन तथा लिंग के अनुसार बदल जाती है। | लोकोक्तियों पर काल, वचन तथा लिंग का कोई प्रभाव नहीं पड़ता अर्थात् जस की तस रहतीं है। |
7. मुहावरा भाषा पर आधारित होता है। | लोकोक्ति बोली पर आधारित होती है। |
8. मुहावरों का प्रयोग अपेक्षाकृत पढ़ा-लिखा समास अधिक करता है। | लोकोक्तियों का प्रयोग अपेक्षाकृत ग्रामीण समास में अधिक होता है। |
9. ये मुख्यतः गद्य रूप में होतें हैं तथा सामान्यतः मौखिक के साथ-साथ लिखित रूप में प्रयुक्त होतें हैं। | ये मुख्यतः पद्य रूप में होते हैं तथा सामान्यतः मौखिक रूप में अधिक प्रयुक्त होतें है। |
10. मुहावरों के उद्भव व विकास की दिशा ऊपर से नीचें की ओर होती है। | लोकोक्तियों के उद्भव व विकास की दिशा नीचे से ऊपर की ओर होती है। |
मुहावरे – Muhavare in Hindi
1. अंक भरना (स्नेह से लिपटा लेना) – माँ ने देखते ही बेटी को अंक भर लिया।
2. अंग टूटना (थकान का दर्द) – इतना काम करना पड़ा कि आज अंग टूट रहे हैं।
3. अंगार बनना (लाल होना, क्रुद्ध होना) – कमजोर लोग ही छोटी बात पर अंगार हो उठते हैं या बनते हैं, सयाने नहीं।
4. अंगारों पर पैर रखना (जान-बूझकर हानिकारक कार्य करना) – अपने बाप के अकेले बेटे हो। इस तरह अंगारों पर पैर न रखो।
5. अंगारों पर लोटना (डाह होना, दुःख सहना) – वह उसकी तरक्की देखते ही अंगारों पर लोटने लगा। मैं जीवन भर अंगारों पर लोटता रहा हूँ।
6. अँगूठा दिखाना (समय पर धोखा देना) – अपना काम तो निकाल लिया, पर जब मुझे जरूरत पड़ी, तब अँगूठा दिखा दिया। भला, यह भी कोई मित्र का लक्षण है!
7. अँचरा पसारना (माँगना, याचना करना) – हे देवी मैया, अपने बीमार बेटे के लिए आपके आगे अँचरा पसारती हूँ। उसे भला-चंगा कर दो, माँ!
8. अंटी मारना (चाल चलना) – ऐसी अंटी मारो कि बच्चू चारों खाने चित गिरें।
9. अंड-वंड कहना (भला-बुरा या अंट-संट कहना) – क्या अंड-बंड कहे जा रहे हो। वह सुन लेगा, तो कचूमर ही निकाल छोड़ेगा।
10. अंधाधुंध लुटाना (बिना विचारे व्यय) – अपनी कमाई भी कोई अंधाधुंध लुटाता है ?
11. अंधा बनना (आगेे-पीछे कुछ न देखना) – धर्म से प्रेम करो, पर उसके पीछे अंधा बनने से तो दुनिया नहीं चलती।
12. अंधा बनाना (धोखा देना) – मायामृग ने रामजी तक को अंधा बनाया था। इस माया के पीछे मौजीलाल अंधे बने तो क्या!
13. अंधा होना (विवेकभ्रष्ट होना) – अंधे हो गए हो क्या! जवान बेटे के सामने यह क्या जो-सो बके जा रहे हो ?
14. अंधे की लकड़ी (एक ही सहारा) – भाई, अब तो यही एक बेटा बचा, जो मुझ अंधे की लकड़ी है। इसे परदेश न जाने दूँगा।
15. अंधेरखाता (अन्याय) – मुँहमाँगा दो, फिर भी चीज खराब। यह कैसा अंधेरखाता है।
16. अंधेरनगरी (जहाँ धाँधली का बोलबाला हो) – अठन्नी का सिक्का था, तो चाय अठन्नी में मिलती थी, एक रुपया का निकला, तो एक रुपया में मिलने लगी। यह बाजार नहीं, अंधेरनगरी ही है।
17. अकेला दम (अकेला) – मेरा क्या! अकेला दम हूँ; जिधर सींग समाएगा, चल दूँगा।
18. अक्ल पर पत्थर पड़ना (बुद्धिभ्रष्ट होना) – विद्वान और वीर होकर भी रावण की अक्ल पर पत्थर ही पड़ गया था कि उसने राम की पत्नी का अपहरण किया।
19. अक्ल की दुम (अपने को बड़ा होशियार समझनेवाला) – दस तक का पहाड़ा भी तो आता नहीं, मगर अक्ल की दुम गणित का पंडित बनता है।
20. अगले जमाने का आदमी (सीधा-सादा, ईमानदार) – आज की दुनिया ऐसी हो गई कि अगले जमाने का आदमी बुद्धू समझा जाता है।
21. अड़ियल टट्टू (अटक-अटककर या मूँह जोहकर काम करनेवाला) – ऐसा अड़ियल टट्टू है वह मुनीम कि कहो तभी कुछ करेगा, नहीं तो सारा काम ठप।
22. अढ़ाई दिन की हुकूमत (कुछ दिनों की शानोशौकत) – जनाब, जरा होशियारी से काम लें। यह अढ़ाई दिन की हुकूमत जाती रहेगी।
23. अन्न-जल उठन (रहने का संयोग न होना, मरना) – मालूम होता है कि तुम्हारा यहाँ से अन्न-जल उठ गया है, जो सबसे बिगाड़ किए रहते हो।
24. अन्न-जल करना (जलपान, नाराजगी आदि के कारण निराहार के बाद आहार-ग्रहण) – भाई, बहुत दिनों पर आए हो। अन्न-जल तो करते जाओ।
25. अन्न लगना (स्वस्थ रहना) – उसे ससुराल का ही अन्न लगता है। इसलिए तो वह वहीं का हो गया।
Hindi Muhavare part 1
26. अपना उल्लू सीधा करना (अपना काम निकालना) – अपना उल्लू सीधा करना हो, तो गधे तक को बाप कहो।
27. अपना किया पाना (कर्म का फल भोगना) – बेहूदों को जब मुँह लगाया है, तो अपना किया पाओ। झखते क्या हो ?
28. अपना-सा मुँह लेकर रह जाना (शार्मिंदा होना) आज-मैंने ऐसी चुभती बात कही कि वे अपना-सा मुँह लिए रह गए।
29. अपनी खिचड़ी अलग पकाना (स्वार्थी होना, अलग रहना) – यदि सभी अपनी खिचड़ी अलग पकाने लगें, तो देश और समाज की उन्नति होने से रही।
30. अपने पाँव आप कुल्हाड़ी मारना (संकट मोल लेना) – उससे तकरार कर तुमने अपने पाँव आप कुल्हाड़ी मारी है।
31. अपने पैरों खड़ा होना (स्वावलंबी होना) – अपनी तरक्की के लिए अपने पैरों खड़े होना जरूरी है।
32. अपने मुँह मियाँ मिट्ठू होना (अपनी बड़ाई आप करना) – जो योग्य होते हैं, उनकी प्रशंसा दूसरे करते ही हैं। वे अपने मुँह मियाँ मिट्ठू नहीं बनते।
33. अब-तब करना (बहाना करना) – कोई भी चीज माँगो, वह अब-तब करना शुरू कर देगा।
34. आँच न आने देना (जरा भी कष्ट या दोष न आने देना) – तुम निश्ंिचत रहो। तुमपर आँच न आने दूँगा।
35. आठ-आठ आँसू रोना (बुरी तरह पछताना) – इस उम्र में न पढ़ा, तो आठ-आठ आँसू रोना पड़ेगा।
36. आसन डोलना (लुब्ध या विचलित होना) – धन के आगे ईमान का भी आसन डोल जाया करता है।
37. आस्तीन का साँप (कपटी मित्र) – उससे सावधान रहो। आस्तीन का साँप है वह।
38. आसमान टूट पड़ना (गजब का संकट पड़ना) – पाँच लोगों को खिलाने-पिलाने में ऐसा क्या आसमान टूट पड़ा कि तुम सारा घर सिर पर उठाए हो ?
39. ईंट-से-ईंट बजाना (युद्धात्मक विनाश लाना) – शुरू में तो हिटलर ने यूरोप में ईंट-से-ईंट बजा छोड़ी, मगर बाद में खुद उसकी ईंटे बजने लगीं।
40. ईंट से जवाब पत्थर से देना (किसी की दुष्टता का करारा जवाब देना) – ऐसे दुश्मनों की ईंट का जवाब हम पत्थर से देते हैं।
41. ईद का चाँद होना (बहुत दिनों पर दिखना) – तुम्हें देखने को तरस गया, तुम तो ईद के चाँद हो गए।
42. उगल देना (गुप्त बात प्रकट करना) – कोतवाल से डरकर चोर ने सारी बात उगल दी।
43. उठा न रखना (कसर न छोड़ना) – मैं तुम्हारी नौकरी के लिए कुछ न उठा रखूँगा।
44. उलटी गंगा बहाना (प्रतिकूल कार्य) – ईश्वर और जीव में प्रेमी और प्र्रेमिका-जैसे संबंध की सूफियोंवाली कल्पना उलटी गंगा बहाना है। हमारा साहित्य भगवान और भक्त में पिता और पुत्र-जैसा ही संबंध मानता रहा है।
45. उड़ती चिड़िया पहचानना (मन की या रहस्य की बात ताड़ना) – कोई मुझे धोखा नहीं दे सकता। मैं उड़ती चिड़िया पहचान लेता हूँ।
46. उन्नीस-वीस होना (एक का दूसरे से कुछ अच्छा होना) – दोनों गायें बस उन्नीस-बीस हैं।
47. एक आँख से देखना (बराबर मानना) – प्रजातंत्र वह शासन है जहाँ कानून, मजदूरी, अवसर इत्यादि सभी मामले में सदस्यों को एक आँख से देखा जाता है।
48. एक लाठी से सबको हाँकना (उचित-अनुचित का बिना विचार किए व्यवहार) – समानता का अर्थ एक लाठी से सबको हाँकना नहीं है, बल्कि सबको समान अवसर और जीवन-मूल्य देना है।
49. कल पड़ना (चैन मिलना) – कल रात वर्षा हुई, तो थोड़ी कल पड़ी।
50. किरकिरा होना (विघ्न आना) – जलसे में अनके शरीक न होने से सारा मजा किरकिरा हो गया।
51. किस मर्ज की दवा (किस काम के) – चाहते हो चपरासीगीरी और साइकिल चलाओगे नहीं। आखिर तुम किस मर्ज की दवा हो ?
52. कोसों दूर भागना (बहुत अलग रहना) – भाँग की क्या बात, मैं तो बीड़ी के घुएँ तक से कोसों दूर भागता हूँ।
53. कलेजे पर साँप लोटना (कुढ़ना, डाह करना) – जो सब तरह से भरा पूरा है, दूसरे की उन्नति पर उसके कलेजे पर साँप क्यों लोटे!
54. कलेजा ठंडा होना (संतोष होना) – बड़ी बहू जब मरी, तब सौत का कलेजा ठंडा हुआ।
Hindi Muhavare part 2
55. कागजी घोड़े दौड़ना (केवल लिखा-पढ़ी करना, पर कुछ काम की बात न होना) – आजकल सरकारी दफ्तर में सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ते हैं, होता-जाता कुछ नहीं।
56. कुत्ते की मौत मरना (बुरी तरह मरना) – कंस की किस्मत ही ऐसी थी। कुत्ते की मौत मरा तो क्या !
57. किताब का कीड़ा होना (पढ़ने के सिवा कुछ न करना) – विद्यार्थी का अर्थ किताब का कीड़ा होना नहीं, बल्कि स्वस्थ शरीर और उन्नत मस्तिष्कवाला होनहार युवक होना है।
58. कलम तोड़ना (बढ़िया लिखना) – वाह! क्या अच्छा लिखा है! तुमने तो कलम तोड़ दी।
59. काँटा निकलना (बाधा दूर होना) – उस बेईमान से पल्ला छूटा। चलो, काँटा निकला।
60. कागज काला करना (बिना मतलब कुछ लिखना) – वारिसशाह ने अपनी ‘हीर’ के शुरू में ही प्रार्थना की है-रहस्य की बात लिखनेवालों का साथ दो, कागज काला करनेवालों का नहीं।
61. किस खेत की मूली (अधिकारहीन, शक्तिहीन) – मेरे सामने तो बड़ों-बड़ों को झुकना पड़ा है। तुम किस खेत की मूली हो ?
62. कुआँ खोदना (हानि पहुँचाने का यत्न करना) – जो दूसरों के लिए कुआँ खोदता है उसमें वह खुद गिरता है।
63. खरी-खोटी सुनान (भला-बुरा कहना) – कितनी खरी-खोटी सुना चुका हूँ, मगर वह बेकहा माने तब तो ?
64. खरी-खरी सुनाना (कटु सत्य कहना) – मैंने उसे वह खरी-खरी सुनाई कि वह अपनी सारी हेकड़ी भूल गया।
65. खून-पसीना एक करना (कठिन परिश्रम करना) – बाप ने खून-पसीना एक कर पढ़ाया और साहबजादे कमाने लगे, तो उसी बाप को दूध की मक्खी कर बैठे।
66. खटाई में पड़ना (झमेले में पड़ना, रुक जाना) – बात यह थी, लेकिन ऐन मौके पर उसके मुकर जाने से सारा काम खटाई में पड़ गया।
67. खाक छानना (भटकना) – नौकरी की खोज में वह खाक छानता रहा।
68. खेल खेलाना (परेशान करना) – खेल खेलाना छोड़ो और साफ-साफ कहो कि तुम्हारा इरादा क्या है।
69. गाल बजाना (डींग हाँकना) – जो करता है, वही जानता है। गाल बजानेवाले क्या जानें ?
70. गिन-गिनकर पैर रखना (सुस्त चलना, हद से ज्यादा सावधानी बरतना) – माना कि थक गए हो, मगर गिन-गिनकर पैर क्या रख रहे हो ? शाम के पहले घर पहुँचना है या नहीं ?
71. गुस्सा पीना (क्रोध दबाना) – गुस्सा पीकर रह गया। चाचा का वह मुँहलगा न होता, तो उसकी गत बना छोड़ता।
72. गला छूटना (पिंड छूटना) – उस कंजूस की दोस्ती टूट ही जाती, तो गला छूटता।
73. गिरगिट की तरह रंग बदलना (एक रंग-ढंग पर न रहना) – उसका क्या भरोसा। वह तो गिरगिट की तरह रंग बदलता है।
74. गूलर का फूल होना (लापता होना) – वह तो ऐसा गूलर का फूल हो गया है कि उसके बारे में कुछ कहना मुश्किल है।
75. गड़े मुर्दे उखाड़ना (दबी हुई बात फिर से उभारना) – जो हुआ सो हुआ, अब गड़े मुर्दे उखाड़ने से क्या लाभ ?
76. गाँठ का पूरा (मालदार) – धूर्त नौकरों को अक्ल का अंधा, गाँठ का पूरा मालिक बहुत पंसद आता है।
77. गाँ में बाँधना (खूब याद रखना) – यह बात गाँठ में बाँध लो, तंदुरुस्ती रही, तो सब रहेगा।
78. गुदड़ी का लाल (गरीब के घर में गुणवान का उत्पन्न होना) अपने वंश में प्रेमचंद सचमुच गुदड़ी के लाल थे।
79. घोड़े बेचकर सोना (बेफिक्र होना) – बेटी तो ब्याह दी। अब क्या, घोड़े बेचकर सोओ।
80. घड़ों पानी पड़ जाना (अत्यंत लज्जित होना) – वह हमेशा वर्ग में प्रथम होता था, मगर इस बार परीक्षा में चोरी करते समय रँगे हाथ पकड़े जाने पर बच्चू पर घड़ों पानी पड़ गया।
81. घी के दीये जलाना (अप्रत्याशित लाभ पर प्रसन्नता) – जिससे तुम्हारी बराबर उनती रही, वह बेचारा कल शाम कूच कर गया। अब क्या है, घी के दीये जलाओ।
82. घर बसाना (विवाह करना) – उसने घर क्या बसाया, बाहर निकलता ही नहीं।
83. घर का न घाट का (कहीं का नहीं) – कोई काम आता नहीं और न लगन ही है कि कुछ सीखे-पढ़े। ऐसा घर का न घाट का जिए तो कैसे जिए!
84. घात लगाना (मौका ताकना) – वह चोर दरवान इसी दिन के लिए तो घात लगाए था, वरना विश्वास का ऐसा रँगीला नाटक खेलकर सेठ की तिजोरी-चाबी तक कैसे पहुँच पाता ?
85. चल बसना (मरना, खत्म होना) – बेचारे का बेटा भरी जवानी में चल बसा।
86. चार दिन की चाँदनी (थोड़े दिन का सुख) – राजा बलि का सारा बल भी जब चार दिन की चाँदनी ही रहा, तो तुम किस खेत की मूली हो ?
87. चींटी के पर लगना या जमना (विनाश के लक्षण प्रकट होना) – इसे चींटी के पर जमना ही कहेंगे कि अवतारी राम से रावण बुरी तरह पेश आया।
88. चूँ न करना (सह जाना, जवाब न देना) – वह जीवनभर सारे दुःख सहता रहा, पर चूँ तक न की।
89. चंडूखाने की गप (बहकी या बेतुकी बातें करना) – तुम जो कह गए, वह चंडूखाने की गप के सिवा और क्या है ?
90. चादर से बाहर पैर पसारना (आय से अधिक व्यय करना) – डेढ़ सौ ही कमाते हो और इतनी खर्चीली लतें पाल रखी हैं। चादर के बाहर पैर पसारना कौन-सी अक्लमंदी है ?
91. चाँद पर थूकना (व्यर्थ निंदा या सम्माननीय का अनादर करना) – जिस भलेमानस ने कभी किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा, उसे ही तुम बुरा-भला कह रहे हो ? भला, चाँद पर भी थूका जाता है ?
92. चिराग तले अंधेरा (पंडित के घर में घोर मूर्खता का आचरण) – पंडितजी स्वयं तो बड़े विद्वान हैं, किंतु उनके लड़के को चिराग तले अंधेरा ही जानो।
93. चूड़ियाँ पहनना (स्त्री की सी असमर्थता प्रकट करना) – इतने अपमान पर भी चुप बैठे हो। चुड़ियाँ तो नहीं पहन रखी है तुमने ?
94. चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना (डरना, घबराना) – साम्यवाद का नाम सुनते ही पूँजीपतियों के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगती हैं।
95. छप्पर फाड़कर देना (अचानक या बिना परिश्रम के संपन्न करना) – भगवान देता है, तो छप्पर फाड़कर देता है।
96. छक्के छूटना (बुरी तरह पराजित होना) – महाराजकुमार विजयनगरम् की विकेट-कीपरी में अच्छे-अच्छे बाॅलर के छक्के छूट चुके हैं।
97. जल-भुनकर खाक हो जाना (क्रोध से पागल होना) – तुम तो जरा-सी बात पर जल-भुनकर खाक हुए जा रहे हो।
98. जहर उगलना (अपमानजनक बात कहना) – आजकल की चुनाव सभाओं में पार्टियाँ अपना कार्यक्रम बताती नहीं, अधिकतर अपने विरोधी उम्मीदवार के खिलाफ जहर उगलने का ही काम किया करती हैं।
99. जीती मक्खी निगलना (जानबूझकर कुछ अशोभन या अभद्र करना) – उस बेकसूर के खिलाफ गवाही ? मुझसे यह जीती मक्खी नहीं निगली जाएगी।
100. जूते चाटना (चापलूसी करना) – अफसरों के जूते चाटते-चाटते वह थक गया, मगर कोई फल न निकला।
101. जमीन पर पैर न पड़ना (अधिक घमंड करना) – अधिकार पाकर आज हमारे नेताओं के पैर जमीन पर
नहीं पड़ते।
102. जान पर खेलना (साहसिक कार्य करना) – हम जान पर खेलकर भी अपने देश की रक्षा करेंगे।
103. टका-सा मुँह लेकर रहना (शर्मिंदा होना) – जादूगर की पोल खुली कि वह टका-सा मुँह लेकर रह गया।
104. टट्टी की ओट में शिकार खेलना (छिपे तौर पर किसी के विरुद्ध कुछ करना) – भिड़ना ही हो, तो सामने आओ। टट्टी की ओट में शिकार क्या खेलते हो ?
105. टाँग अड़ाना (अड़चन डालना) – हर बात में टाँग की अड़ाते हो या कुछ आता भी है तुम्हें ?
106. टाट उलटना (दिवाला निकलना) – जब उसका टाट उलटा, तो रकम डूबी ही समझो।
107. तूती बोलना (प्रभाव जमाना) – आजकल तो आपकी ही तूती बोल रही है।
108. तोते की तरह आँखें फेरना (बेमुरव्वत होना) – कितना ही किसी का भला करो, वह तोते की तरह आँखे फेर ही लेगा। भैया, जमाना ही ऐसा है।
109. तीन तेरह होना (तितर-बितर होना) – यों तो आपसी मतभेद था ही, श्रीकृष्ण के आँखे मूँदते ही रहा-सहा यदुकुल और भी तीन-तेरह हो गया।
110. तिल का ताड़ करना (बात को तूल देना) – मैंने उसे सिर्फ बेहूदा कहा, मगर मुहल्लेवालों ने यह तिल का ताड़ कर दिया कि मैंने उसे दुनियाभर की गालियाँ दीं।
111. दौड़धूप करना (बड़ी कोशिश करना) – कौन बाप अपनी बेटी के ब्याह के लिए दौड़धूप नहीं करता ?
112. दो कौड़ी का आदमी (तुच्छ या अविश्वसनीय व्यक्ति) – किस दो कौड़ी के आदमी की बात करते हो ?
113. दिन दूना रात चौगुना (खूब उन्नति) – योजनओं के चलते ही देश का विकास दिन दूना रात चौगुना हुआ।
114. दो टूक बात कहना (स्पष्ट कह देना) – अंगद ने रावण से दो टूक बात की। दूत हो तो ऐसा!
Hindi Muhavare part 4
115. दो दिन का मेहमान (जल्द मरनेवाला) – किसी का क्या बिगाड़ेगा ? वह बेचारा तो खुद दो दिन का मेहमान है।
116. दूध के दाँत न टूटना (ज्ञानहीन या अनुभवहीन) – वह सभा में क्या बोलेगा ? अभी तो उसके दूध के दाँत भी नहीं टूटे हैं।
117. धज्जियाँ उड़ाना (किसी के दोषों को चुन-चुनकर गिनाना) – उसने उनलोगों की धज्जियाँ उड़ाना शुरू किया कि वे वहाँ से भाग खड़े हुए।
118. निनानवे का फेर (धन जोड़ने का बुरा लालच) – जेठमल निनानवे के फेर में दोपहर को दतुअन करता है, तो तीसरे पहर नाश्ता।
119. नौ-दो ग्यारह होना (चंपत होना) – लोग दौड़े कि चोर नौ-दो ग्यारह हो गए।
120. न इधर का, न उधर का (कहीं का नहीं) – कंबख्त ने न पढ़ा, न बाप की दस्तकारी सीखी; न इधर का रहा, न उधर का।
121. नाच नचाना (तंग करना) – यह नाच नचाना ठीक नहीं। आज तुम्हें दो टूक कह ही देना होगा।
122. पेट में चूहे कूदना (जोर की भूख लगना) – पेट में चूहे कूछ रहे हैं। पहले कुछ खा लूँ, तब तुम्हारी सुनूँगा।
123. पट्टी पढ़ाना (बुरी राय देना) – तुमने मेरे बेटे को कैसी पट्टी पढ़ाई कि वह घर जाता ही नहीं ?
124. पहाड़ टूट पड़ना (भारी विपत्ति आना) – उस बेचारे पर तो दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा।
125. पौ बारह होना (खूब लाभ होना) – क्या पूछना है! आजकल तुम व्यापारियों के ही तो पौ बारह हैं।
126. पाँचों उँगलियाँ घी में (पूरे लाभ में) – पिछड़े देशों में गरीबों और मेहनतकशों की हालत पतली रहती है तथा दलालों, कमीशन एजेंटों और नौकरशाहों की ही पाँचों उँगलियाँ घी में रहती हैं।
127. पगड़ी रखना (इज्जत बचाना) – हल्दीघाटी में झाला सरदार ने राजपूतों की पगड़ी रख ली।
128. फूलना-फलना (धनवान या कुलवान होना) – मेरा आशीर्वाद है; सदा फूलो-फलो।
129. बरस पड़ना (क्रोध में आना) – गलती न जाने किसकी थी और वह बरस पड़ा मुझ पर!
130. बाँसों उछलना (बहुत खुशी होना) – परीक्षा में सफलता का समाचार पाकर वह बाँसों उछल रहा है।
131. बाजी ले जाना या मारना (जीतना, आगे निकल जाना) – देखें, दौड़ में कौन बाजी ले जाता या मारता है।
132. बट्टा लगाना (कलंक लगाना) – शराब पीकर तुमने अपने धर्मात्मा पिता के नाम पर बट्टा लगा दिया।
133. बाजार गर्म होना (बोलबाला, काम में तेजी) – आजकल जात-पाँत का बाजार इतना गर्म है कि जिस दल को देखो, इसी आधार पर अपने उम्मीदवार खड़ा करता है।
134. बाँछें खिलना (अत्यंत प्रसन्न होना) – इस बार उसे लड़का हुआ है। तभी तो उसकी बाँछें खिली हुई हैं।
135. भाड़े का टट्टू (पैसे का गुलाम) – ये भाड़े के टट्टू क्या बिगाड़ लेंगे ? एक-एक आएँ। अगर छठी का दूध न याद दिलाया, तो मेरा नाम नहीं।
136. भींगी बिल्ली बनना (डर से दबना, डर या आशंका से दुबकना) – क्या भींगी बिल्ली बने घर में घुसे हो? अगहन का जाड़ा भी कोई जाड़ा है कि टहलते ही तुम्हंे निमोनिया धर दबाए ?
137. मक्खियाँ मारना (बेकार बैठे रहना) – आजकल पढ़े-लिखे लोग जब मक्खियाँ मार रहे हैं, तब जिसे कुछ नहीं आत उसका क्या कहना।
138. मैदान मारना (बाजी या लड़ाई जीतना) – पानीपत की लड़ाई में आखिर अब्दाली ने ही मैदान मारा।
139. मोटा असामी (मालदार) – रामलाल को बहुत दिनों बाद आज मोटा असामी हाथ लगा है।
140. मुट्ठी गरम करना (घूस देना) – पुलिस की मुट्ठी गरम करो, तो काम होगा।
141. रंग जमना (धाक जमना) – तुम्हारा तो कल खूब रंग जमा।
142. रंग लाना (प्रभाव उत्पन्न करना) – यह मामला एक-न-एक दिन रंग लाएगा।
143. रंग बदलना (परिवर्तन होना) – जमाने का रंग बदल गया है।
144. रास्ता देखना (इंतजार करना) – कल दुपहर मैं तुम्हारा रास्ता देखता रहा।
Hindi Muhavare part 5
145. रोंगटे खड़े होना (चकित होना, भयभीत होना) – वह इतनी ऊँचाई से कूदा कि हमारे रोंगटे खड़े हो गए।
146. लकीर का फकीर होना (पुरानी प्रथा पर ही चलना) – ये अबतक लकीर के फकीर ही हैं। टेबुल पर नहीं, चैके में ही खाएँगे।
147. लोहा मानना (श्रेष्ठ समझना) – आज दुनिया भारतीय जवानों का लोहा मानती है।
148. लेने के देने पड़ना (लाभ के बदले हानि) – नया काम है। सोच-समझकर आगे बढ़ाना। कहीं लेने के देने न पड़ जाएँ।
149. श्रीगणेश करना (शुभारंभ करना) – कोई शुभ दिन देखकर किसी शुभ कर्म का श्रीगणेश करना चाहिए।
150. सफेद झूठ (सरासर झूठ) – यह सफेद झूठ है कि मैंने उसे गाली दी।
151. सर्द हो जाना (डरना, मरना) – बड़ा साहसी बनता था, पर भूत का नाम सुनते ही सर्द हो गया।
152. साँप-छछूँदर की हालता (दुविधा) – पिता अलग नाराज हैं, माँ अलग। किसे क्या कहकर मनाऊँ ? मेरी तो साँप-छछूँदर की हालत है इन दिनों।
153. समझ (अक्ल) पर पत्थर पड़ना (बुद्धि भ्रष्ट होना) – रावण की समझ पर पत्थर पड़ा था कि भला कहनेवालों को उसने लात मारी।
154. सिक्का जमना (प्रभाव जमना) – आज तुम्हारे भाषण का वह सिक्का जमा कि उसके बाद बाकी वक्ता जमे ही नहीं।
155. सवा सोलह आने सही (पूरे तौर पर ठीक) – राम की सेना में हनुमान इसलिए श्रेष्ठ माने जाते थे कि हर काम में वे ही सवा सोलह आने सही उतरते थे।
156. हाथ पैर मारना (काफी प्रयत्न करना) – दारासिंह की कैंची में आने के बाद बदिये अय्यूब कितना ही हाथ-पैर मारता रहा, मगर तभी छूटा, जब पुट्ठा उखड़ने पर रेफरी ने आकर कैंची छुड़वाई।
157. हाथ के तोते उड़ना (स्तब्ध होना) – सर्बिया पर हिटलर का आक्रमण क्या हुआ, मित्रराष्ट्रों के हाथ के तोते उड़ गए।
158. हथियार डाल देना (हार मान लेना) – जब कुछ करते न बना तो उसने हथियार डाल दिए।
159. हाथ मलना (पछताना) – मौका चूक जाने पर बेचारा हाथ मलता रह गया।
‘गर्दन’ पर मुहावरे
160. गर्दन उठाना (प्रतिवाद करना) – सत्तारूढ़ सरकार के विरोध में गर्दन उठाना टेढ़ी खीर है।
161. गर्दन पर सवार होना (पीछा न छोड़ना) – जब देखो, तब मेरी गर्दन पर सवार रहते हो।
162. गर्दन काटना (जान से मारना, हानि पहुँचाना) – वह तो उनकी गर्दन काट डालेगा। झूठी शिकायत कर क्यों गरीब की गर्दन काटने पर तुले हो ?
‘सिर’ पर मुहावरे
163. सिर उठाना (विरोध में खड़ा होना) – देखता हूँ, मेरे सामने कौन सिर उठाता है ?
164. सिर भारी होना (सिर में दर्द होना, शामत सवार होना) – मेरा सिर भारी हो रहा है। किसका सिर भारी हुआ है जो इसकी चर्चा करे ?
165. सिर पर सवार होना (पीछे पड़ना) – तुम कब तक मेरे सिर पर सवार रहोगे ?
166. सिर से पैर तक (आदि से अंत तक) – तुम्हारी जिंदगी सिर से पैर तक बुराइयों से भरी है।
167. सिर पीटना (शोक करना) – चोर उस बेचारे की पाई-पाई ले गए। सिर पीटकर रह गया वह।
168. सिर पर भूत सवार होना (एक ही रट लगाना, धुन सवार होना) – मालूम होता है कि धनश्याम के सिर पर भूत सवार हो गया है, जो वह जी-जान से इस काम में लगा है।
169. सिर फिर जाना (पागल हो जाना) – धन पाकर उसका सिर फिर गया है।
170. सिर चढ़ाना (शोख करना) – बच्चों को सिर चढ़ाना ठीक नहीं।
‘मुँह’ पर मुहावरे
171. मुँह छिपाना (लज्जित होना) – वह मुझसे मुँह छिपाए बैठा है।
172. मुँह पकड़ना (बोलने से रोकना) – लोकतंत्र में कोई किसी का मुँह नहीं पकड़ सकता।
173. मुँह की खाना (बुरी तरह हारना) – अंत में उसे मुँह की खानी पड़ी।
174. मुँह दिखाना (प्रत्यक्ष होना) – तुमने ऐसा कुकर्म किया है कि अब किसी के सामने मुँह दिखाने के लायक न रहे।
Hindi Muhavare part 6
175. मुँह उतरना (उदास होना) – परीक्षा में असफल होने पर श्याम का मुँह उत्तर आया।
‘वात’ पर मुहावरे
176. बात का धनी (वायदे का पक्का) – मैं जानता हूँ, वह बात का धनी है।
177. बात की बात में (अतिशीघ्र) – बात की बात में वह चलता बना।
178. बात चलाना (चर्चा चलाना) – कृपया मेरी बेटी के ब्याह की बात चलाइएगा।
179. बात तक न पूछना (निरादर करना) – मैं विवाह के अवसर पर उसके यहाँ गया, पर उसने बात तक न पूछी।
180. बात बढ़ाना (बहस छिड़ जाना) – देखो, बात बढ़ाओगे तो ठीक न होगा।
181. बात बनाना (बहाना करना) – तुम्हें बात बनाने से फुर्सत कहाँ ?
‘दाँत’ पर मुहावरे
182. दाँत दिखाना (खीस काढ़ना) – खुद ही देर की और अब दाँत दिखाते हो।
183. दाँत तले उँगली दबाना (चकित होना) – ढाका का मलमल देखकर इंगलैंड के जुलाहे दाँतों तले उँगली दबाते थे।
184. दाँत काटी रोटी (गहरी दोस्ती) – राम के पिता से श्याम के पिता की दाँत काटी रोटी है।
185. दाँत गिनना (उम्र पता लगाना) – कुछ लोग ऐसे हैं कि उनपर वृद्धावस्था का असर ही नहीं होता। ऐसे लोगों के दाँत गिनना आसान नहीं।
‘कान’ पर मुहावरे
186. कान खोलना (सावधान करना) – मैंने उसके कान खोल दिए। अब वह किसी के चक्कर में नहीं आएगा।
187. कान खड़े होना (होशियार होना) – दुश्मनों के रंग-ढंग देखकर मेरे कान खड़े हो गए।
188. कान फूँकना (दीक्षा देना, बहकाना) – मोहन के कान ऊधो ने फूँके थे, फिर उसने किसी की कुछ न सुनी।
189. कान लगाना (ध्यान देना) – उसकी बातें कान लगाने योग्य हैं।
190. कान भरना (पीठ-पीछे शिकायत करना) – तुम बराबर मेरे खिलाफ अफसर के कान भरते हो।
191. कान में तेल डालना (कुछ न सुनना) – मैं कहते-कहते थक गया, पर ये कान में तेल डाले बैठे हैं।
192. कान पर जूँ न रेंगना (ध्यान न देना, अनसुनी करना) – सरकार तो बड़ी-बड़ी बातें कहती है, मगर अफसरों के कान पर जूँ नहीं रेंगती।
193. कान देना (ध्यान देना) – शिक्षकों की बातों का कान दीजिए।
‘नाक’ पर मुहावरे
194. नाक कट जाना (प्रतिष्ठा नष्ट होना) – पुत्र के कुकर्म से पिता की नाक कट गई।
195. नाक काटना (बदनाम करना) – भरी सभा में उसने मेरी नाक काट ली।
196. नाक-भौं चढ़ाना (क्रोध अथवा घृणा करना) – तुम ज्यादा नाक-भौं चढ़ाओगे, तो ठीक न होगा।
197. नाक में दम करना (परेशान करना) – शहर में कुछ गुंडो ने लोगों की नाक में दम कर रखा है।
198. नाक का बाल होना (अधिक प्यारा होना) – मैनेजर मुंशी की न सुनेगा तो किसी सुनेगा ? वह तो आजकल उनकी नाक का बाल बना हुआ है।
199. नाक रगड़ना (दीनतापूर्वक प्रार्थना करना) – उसने मालिक के सामने बहुत नाक रगड़ी, पर सुनवाई न हुई।
200. नाकों चने चबवाना (तंग करना) – भारतीयों ने अँग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए।
201. नाक पर मक्खी न बैठने देना (निर्दोष बचे रहना) – उसने कभी नाक पर मक्खी बैठने ही न दी।
202. नाक पर गुस्सा (तुरंत क्रोध) – गुस्सा तो उसकी नाक पर रहता है।
‘आँख’ पर मुहावरे
203. आँखें खुलना (होश आना, सावधान होना) – जनजागरण से हमारे शासकों की आँखें अब खुलने लगी है।
204. आँखें चार होना (आमने-सामने होना) – जब आँखें चार होती हैं, मुहब्बत हो ही जाती है।
205. आँखें मूँदना (मर जाना) – आज सबेरे उसके पिता ने आँखें मूँद लीं।
Hindi Muhavare part 7
206. आँखें चुराना (नजर बचाना, अपने को छिपाना) – मुझे देखते ही वह आँखें चुराने लगा।
207. आँखों में खून उतरना (अधिक क्रोध करना) – बेटे के कुकर्म की बात सुनकर पिता की आँखों में खून उतर आया।
208. आँखों में गड़ना (किसी वस्तु को पाने की उत्कट लालसा) – उसकी कलम मेरी आँखों में गड़ गई है।
209. आँखें फेर लेना (उदासीन हो जाना) – मतलब निकल जाने के बाद उसने मेरी ओर से बिलकुल आँखें फेर ली है।
210. आँख मारना (इशारा करना) – उसने आँख मारकर मुझे बुलाया।
211. आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना) – वह बड़ों-बड़ो की आँखों में धूल झोंक सकता है।
212. आँखें बिछाना (प्रेम से स्वागत करना) – मैंने उनके लिए अपनी आँखें बिछा दीं।
213. आँखों का काँटा होना (शत्रु होना) – वह मेरी आँखों का काँटा हो रहा है।
मुहावरे व लोकोक्तियों के महत्त्वपूर्ण प्रश्न –
1. ’बगल में छोरा, देश ढिंढोरा’ लोकोक्ति का निम्नलिखित अर्थों में से सही अर्थ का चयन कीजिए?
(अ) किसी वस्तु के खो जाने पर हङबङी करना
(ब) चीज को खोकर शोर मचाना
(स) वस्तु के पास में होने पर भी दूर-दूर तक उसकी तलाश करना
(द) शोर मचाते हुये वस्तु की तलाश करना
सही उत्तर-(स)
2. ’सिर फिर जाना’ मुहावरे का अर्थ है?
(अ) चक्कर आ जाना
(ब) अहंकारी हो जाना
(स) सर दर्द हो जाना
(द) पीछे मुङकर देखने लगना
सही उत्तर-(ब)
3. ’एक लकङी से हाँकना’ मुहावरे के सही अर्थ विकल्प का चयन कीजिए?
(अ) मूर्ख बनाना
(ब) गधे को घोङा बनाना
(स) तानाशाह होना
(द) अच्छे-बुरे की पहचान न करना
सही उत्तर-(द)
4. ’हाथ न आना’ इस मुहावरे का निकटतम अर्थ है?
(अ) पकङ में न आना
(ब) बहुत बङा होना
(स) हाथों का व्यायाम करना
(द) हाथ फैलाना
सही उत्तर-(ब)
5. ’कुछ न कुछ बुराई सब जगह होती है’ अभिप्राय की वाचक लोकोक्ति है?
(अ) कङाही से गिरा चूल्हे मेें पङा
(ब) करम से बलिया, पकाई खीर हो गया दलिया
(स) काबुल में क्या गधे नहीं होते
(द) दान की बछिया के दाँत नहीं देखे जाते
सही उत्तर-(स)
6. सही मुहावरा है?
(अ) नेत्रों में मिट्टी डालना
(ब) आँखों में रेत फेंकना
(स) आँखों में धूल झोंकना
(द) आँखों में कचरा डालना
सही उत्तर-(स)
7. ’बाँछे खिलना’ से अभिप्राय है?
(अ) फसल में फलियाँ आ जाना
(ब) अत्यन्त प्रसन्न होना
(स) काम पूरा हो जाना
(द) खिलखिलाकर हँसना
सही उत्तर-(ब)
8. ’’शेर को सामने देखकर………………। यह वाक्य किस मुहावरे से पूर्ण होगा?
(अ) मैं सातवें आसमान पर पहुँच गया
(ब) मैंने आसमान सिर पर उठा लिया
(स) मैं आग बबूला हो उठा
(द) मेरे प्राण सूख गये
सही उत्तर-(द)
9. ’अरहर की टट्टी गुजराती ताला’ लोकोक्ति का उपयुक्त अर्थ है?
(अ) कम मूल्यवान वस्तु की सुरक्षा हेतु अधिक खर्च करना
(ब) गरीब होने पर भी धनवान होने का दिखावा करना
(स) बिना सोचे समझे काम करना
(द) सामान्य चीज को भी अच्छा सजाना
सही उत्तर-(अ)
10. ’रंग में भंग होना’ का अभिप्राय है?
(अ) रंगों में भंग मिल जाना
(ब) रंग का डिब्बा बिखर जाना
(स) उल्लास में विघ्न पङना
(द) रंगीन तस्वीर खराब हो जाना
सही उत्तर-(स)
11. ’काम बिगङ जाने के बाद पश्चाताप करना व्यर्थ है’ हेतु उपर्युक्त लोकोक्ति है?
(अ) का वर्षा जब कृषि सुखाने
(ब) एक पापी सारी नाव डुबोता है
(स) नहि विष बेल अमिय फल पूरही
(द) अब पछताए होत क्या जब चिङिया चुग गई खेत
सही उत्तर-(द)
12. ’खेत रहना’ का अर्थ है?
(अ) शहीद हो जाना
(ब) खेत मेें ही रूक जाना
(स) खेत गिरवी रख देना
(द) क्षेत्र में निवास करना
सही उत्तर-(अ)
13. ’नानी कुँआरी मर गयी नवासे के नौ नौ ब्याह’ लोकोक्ति का अर्थ है?
(अ) व्यर्थ शेखी बधारने वाला
(ब) एक आदमी अपराध करे और दूसरा दण्ड भुगते
(स) अधिक जानने वाले को उपदेश देने वाला
(द) दूसरों की सम्पत्ति से लाभ उठाने वाला
सही उत्तर-(द)
14. कौन-सा अर्थ सही है?
(अ) छाती पर साँप लौटना – ईष्र्या करना
(ब) बालू से तेल निकालना – नई तकनीक का प्रयोग करना
(स) हाथों के तोते उङ जाना – पिंजरे से तोते का निकल जाना
(द) हाथ-पांव फूल जाना – मोटा हो जाना
सही उत्तर-(अ)
15. ’बालू से तेल निकालना’ मुहावरे का अर्थ है?
(अ) शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तु
(ब) असंभव कार्य करना
(स) पूर्णतः स्वस्थ्य होना
(द) बहुत साधन संपन्न होना
सही उत्तर-(ब)
16. कौन-सा अर्थ सही नहीं है?
(अ) छठी का दूध याद आना – बचपन का लाङ प्यार याद आना
(ब) आस्तीन का साँप होना – समीप का विश्वासघाती होना
(स) त्रिशंकु होना – कोई काम करते हुये बीच में ही अटक जाना
(द) खून सफेद हो जाना – दया-ममता न रह जाना
सही उत्तर-(अ)
17. कार्य आरम्भ करने के लिए किस मुहावरे का प्रयोग होना है?
(अ) शुभारम्भ (ब) उद्घाटन
(स) प्रवेश करना (द) श्री गणेश करना
सही उत्तर-(द)
18. ’अवसर का लाभ उठाना’ के लिए उपयुक्त है?
(अ) बहती गंगा में हाथ धोना
(ब) आकाश – पाताल एक करना
(स) फूला न समाना
(द) अंगारों पर पैर रखना
सही उत्तर-(अ)
19. निम्नलिखित मुहावरों में से किस मुहावरे के सामने लिखित अर्थ सही नही हैं?
(अ) बालू की भीत उठाना – व्यर्थ प्रयास करना
(ब) बगलें झाँकना – जवाब न दे पाना
(स) राग बिगङना – स्वर बेसुरा होना
(द) लहू का घूँट पीना – क्रोध को दबाना
सही उत्तर-(द)
20. ’बाधा डालना’ मुहावरे का अर्थ है?
(अ) पाला पङना (ब) रोङा अटकाना
(स) बरस पङना (द) दाँतों में जीभ होना
सही उत्तर-(ब)
21. निम्नलिखित मुहावरों में से किस मुहावरे का अर्थ ’अदृश्य होना’ है?
(अ) तीन तेरह होना
(ब) गूलर का फूल होना
(स) जमीन पर पाँव न रखना
(द) हाथ को हाथ न सूझना
सही उत्तर-(ब)
22. ’अपना हाथ जगन्नाथ’ का अर्थ है?
(अ) मनमानी करना
(ब) अपना हाथ पुजनीय होता है।
(स) अपने हाथ से काम करना ही उपयुक्त होता है
(द) अपने हाथ से दान करना
सही उत्तर-(स)
23. ’बिजली गिरना’ मुहावरे का अर्थ है?
(अ) चका चैंध होना (ब) प्रलय होना
(स) रोषपूर्वक बिगङना (द) घोर विपत्ति आना
सही उत्तर-(द)
24. ’मैं तुम सबको खूब समझता हूँ, तुम सब एक जैसे हो’ के लिए उपयुक्त है?
(अ) चोर-चोर मौसरे भाई
(ब) एक ही थैली के चट्टे-बट्टे
(स) केर-बेर का संग
(द) जैसे नागनाथ वैसे साँपनाथ
सही उत्तर-(ब)
25. ’जैसी वह बयार पीठ तक तैसी दीजै’ कहावत का अर्थ है?
(अ) समय का रूख देखकर कार्य करना
(ब) राजनीति में दलबदल करते रहना चाहिए
(स) ऐसा काम करना चाहिए, जिससे संकट में न फँसना पङे
(द) पवन की तरह कभी शीतल और कभी उष्ण होना चाहिए
सही उत्तर-(अ)
26. कौन मुहावरा नहीं है?
(अ) लाल पीला होना
(ब) सब्ज बाग दिखना
(स) पीला मुँह करना
(द) हरा ही हरा सूझना
सही उत्तर-(स)
27. ’हाथी के पाँव में सबका पाँव’ लोकोक्ति का अर्थ है?
(अ) हाथी एक बलशाली जानवर है
(ब) हाथी के घर पैर में बङी महता है
(स) बङों के रहते छोटों को क्यों पूछना
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
सही उत्तर-(स)
28. ’भीगी बिल्ली होना’ का अभिप्राय है?
(अ) भीग जाना (ब) बिल्ली की आवाज निकालना
(स) डर जाना (द) सर्दी लग जाना
सही उत्तर-(स)
29. ’थाली का बैंगन होना’ मुहावरे का अर्थ है?
(अ) उद्धार होना
(ब) जिसका अपना कोई विचार न हो
(स) व्यंग्य वचन बोलना
(द) कष्ट देना
सही उत्तर-(ब)
30. किसी के सामने………..मेरी आदत नहीं हैं?
(अ) हाथ फैलाना
(ब) अंगारों पर पैर रखना
(स) नाकों चने चबाना
(द) पत्थर की लकीर खींचना
सही उत्तर-(अ)
31. ’काला अक्षर भैंस बराबर’ लोकोक्ति का अर्थ होगा?
(अ) अनपढ़ व अशिक्षित व्यक्ति
(ब) काले अक्षर को महत्त्व देना
(स) ना समझ होना
(द) काला अक्षर लाभदायक मानना
सही उत्तर-(अ)
32. ’गङे मुर्दे उखाङना’ का अभिप्राय है?
(अ) व्यर्थ श्रम करना
(ब) कब्रिस्तान से शरारत करना
(स) अंतिम संस्कार करना
(द) पुरानी बातों को दोहराना
सही उत्तर-(द)
33. ’बरस पङना’ मुहावरे का सही प्रयोग किस वाक्य में हुआ है?
(अ) गलती बङे बाबू ने की थी पर साहब उसके लिए चपरासी पर बरस पङे
(ब) आसमान में बादल घिरे और बरस पङे
(स) सेठ ने भिखारी को इतना धन दिया जैसे व बरस पङे हो
(द) बिन बादल बरस पङना चकित करता है
सही उत्तर-(अ)
34. ’विश्वास सबसे बङी चीज है’ यह निम्नलिखित में से किस कहावत का अर्थ है?
(अ) अंधेर नगरी चैपट राजा
(ब) आँख के अंधे गाँठ के पूरे
(स) मानो तो देव नहीं तो पत्थर
(द) आम के आम गुठल के दाम
सही उत्तर-(स)
35. ’रस्सी जल गयी पर ऐंठन न गयी’ लोकोक्ति का अर्थ है?
(अ) रस्सी जलने पर राख बन जााना
(ब) अपने में मस्त होना
(स) दूसरों की परवाह न करना
(द) दुर्दशा होने पर भी अहंकार न छोङना
सही उत्तर-(द)
36. ’काठ की हाँडी’ मुहावरे का अर्थ है?
(अ) बहुत सस्ता (ब) अस्थायी चीज
(स) कमजोर आदमी (द) बहुत मजबूत हँडिया
सही उत्तर-(ब)
37. ’एक आँख से देखना’ मुहावरे का अर्थ है?
(अ) काणा होना
(ब) अन्धा होना
(स) समभाव से देखना
(द) पक्षपात करना
सही उत्तर-(स)
38. ’कपटी मित्र’ के लिए मुहावरा है?
(अ) गुदङी का लाल
(ब) आस्तीन का साँप
(स) अगले जमाने का आदमी
(द) आँख का तारा
सही उत्तर-(ब)
39. ’जैसे नागनाथ वैसे साँप नाथ’ लोकोक्ति का अर्थ है?
(अ) दो सज्जनों में समानता होना
(ब) गुरु-शिष्य में समानता होना
(स) पिता-पुत्र में समानता होना
(द) दो दुष्टों में समानता होना
सही उत्तर-(द)
40. ’अपना उल्लू सीधा करना’ मुहावरा का अर्थ है?
(अ) धूर्तता करना (ब) अपना काम निकालना
(स) खुशामद करना (द) उल्लू पालना
सही उत्तर-(ब)
41. ’’घाट-घाट का पानी पीना’ लोकोक्ति का अर्थ है?
(अ) बहुत प्यास होना
(ब) बहुत अनुभवी होना
(स) बहुत मेहनती होना
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
सही उत्तर-(ब)
42. ’गाल बजाना’ मुहावरे का अर्थ है?
(अ) डींग हांकना
(ब) गाल से आवाज निकालना
(स) घबरा जाना
(द) धमकाना
सही उत्तर-(अ)
43. इनमें से कौन-सा मुहावरा नहीं है?
(अ) आग लगाना
(ब) आग उगलना
(स) आग बुझाना
(द) आग में घी डालना
सही उत्तर-(स)
44. ’लाल-पीला होना’ मुहावरे का अर्थ है?
(अ) क्रोध करना (ब) तेवर बदलना
(स) मुद्राए बदलना (द) रंग बदलना
सही उत्तर-(अ)
45. ’चमङी जाए पर दमङी न जाए’ लोकोक्ति का अर्थ है?
(अ) अत्यन्त कमजोर होना
(ब) छलकपट करना
(स) अत्यन्त कंजूस होना
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
सही उत्तर-(स)
46. ’कोयले की दलाली में मुँह काला’ लोकोक्ति का अर्थ है?
(अ) कोकले का व्यापार करना
(ब) बुरे काम में बुराई मिलना
(स) झूठ बोलना
(द) व्यापार में घाटा होना
सही उत्तर-(ब)
47. ’कठोर परिश्रम के बिना जीवन में सफलता नहीं मिलती’ इस संदेश की व्यंजक उक्ति इनमें से है?
(अ) बालू से तेल निकालना
(ब) खोदा पहाङ निकली चुहिया
(स) जिन खोजा तिन पाइया गहरे पानी पैठ
(द) नौ दिन चले अढ़ाई कोस
सही उत्तर-(स)
48. ’काला मुँह होना’ का अर्थ है?
(अ) चेहरे पर रंग लग जाना
(ब) होली खेलना
(स) जिसका मुँह काले रंग का होना
(द) बदनाम होना
सही उत्तर-(द)
49. ’विपत्ति के समय थोङी सहायता भी बङी होती है’ इस भाव की व्यंजक पंक्ति है?
(अ) चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात
(ब) आम के आम गुठलियों के दाम
(स) चुपङी और दो-दो
(द) डूबते को तिनके का सहारा
सही उत्तर-(द)
50. ’ओठों निकली कोठों चढ़ी’ का अर्थ है?
(अ) ओट से निकल कर खुले में आ जाना
(ब) मुँह से निकली बात फैल जाती है
(स) घर से बाहर निकलते ही नाम हो जाना
(द) बाहर निकलने पर प्रसिद्ध हो जाना
सही उत्तर-(ब)
51. नीचे पंक्तियों के सामने उनके अर्थ लिखे है, इनमें से गलत अर्थ वाली पंक्ति छाँटिए-
(अ) लंगोटी में फाग खेलना – दरिद्रता में आनन्द
(ब) गाल बजाना – डींग मारना
(स) परवी बैठना – विचार मिलना
(द) कौङी का तीन – बहुत अच्छा होना
सही उत्तर-(द)
52. ’चाँदी का जूता’ का सर्वाधिक उपयुक्त अर्थ है?
(अ) महंगी वस्तु
(ब) रिश्वत
(स) अनुपयोगी वस्तु
(द) अमीरी का दिखावा
सही उत्तर-(ब)
53. ’गरीबी में भी आनंद हो सकता है’ इस भाव के लिए उपयुक्त पंक्ति है?
(अ) बिन माँगे मोती मिले माँगे मिले न भीख
(ब) कभी घी घना कभी मुठ्ठी भर चना
(स) कोठी वाला रोवे छप्पर वाला सोवे
(द) गधे का जीवन थोङा ही भला
सही उत्तर-(स)
54. किस क्रमांक में मुहावरे के सामने उसका सही अर्थ है?
(अ) वसन्त का कोकिल होना – अच्छे दिन देखने का अवसर मिलना
(ब) उङती चिङिया पहचानना – कुशाग्रबुद्धि होना
(स) पौ बारह होना – विजय ही विजय पाना
(द) आँख का काजल निकालना – रूदन करना
सही उत्तर-(ब)
55. ’जो चीज सामने हो, उसके लिए किसी प्रमाण की क्या आवश्यकता है’ निम्नलिखित वाक्य के उचित लोकोक्ति बताएँ?
(अ) साँच को आँच कहाँ
(ब) होनहार बिरयान के होत चीकने पात
(स) मन चंगा तो कठौती में गंगा
(द) हाथ कंगन को आरसी क्या
सही उत्तर-(द)
56. निम्नलिखित मुहावरों में ’शीघ्र नष्ट हो जाने’ का आशय किस मुहावरे में है?
(अ) अंग-अंग ढीला होना
(ब) ओस का मोती होना
(स) पका आम होना
(द) बाँबी में हाथ डालना
सही उत्तर-(ब)
57. निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ बताइये?
’सिर से पानी गुजर जाना’
(अ) अच्छी चीज का और अच्छा हो जाना
(ब) अपमान सहन कर लेना
(स) सहनशीलता की सीमा टूट जाना
(द) बाढ़ आ जाना
सही उत्तर-(स)
58. ’खुशियाँ मनाना’ किस मुहावरे का अर्थ है?
(अ) घूरे के दिन फिरना
(ब) घी के दीपक जलाना
(स) घर में गंगा बहना
(द) उपर्युक्त सभी
सही उत्तर-(ब)
59. ’जवाब नहीं सूझना’ के लिए उपयुक्त है?
(अ) बगलें झाकना (ब) पौ बारह होना
(स) नानी मरना (द) फूले न समाना
सही उत्तर-(अ)
60. किस क्रम में लोकोक्ति नहीं है?
(अ) ढाक के तीन पात
(ब) तबेले की बला बंदर के सिर
(स) चींटी के पर निकलना
(द) तू डाल-डाल मैं पात-पात
सही उत्तर-(स)
61. ’खरी पातरी कान की’ का अर्थ है?
(अ) कान का आभूषण
(ब) कान का सुन्दर होना
(स) कान का कच्चा होना
(द) बहरा होना
सही उत्तर-(स)
62. कौन-सा क्रम सही नहीं है?
(अ) गाँठ बाँधना – मुहावरा
(ब) चूल्लू भर पानी में डूबना – मुहावरा
(स) उल्टे बाँस बरेलीह को – मुहावरा
(द) ऊँट किस करवट बैठता है- लोकोक्ति
सही उत्तर-(स)
63. ’बहती गंगा में हाथा धोना’ इस मुहावरे का अर्थ बताए?
(अ) अधिकाधिक उन्नति होना
(ब) अवसर का फायदा उठाना
(स) असंभव काम को सम्भव करना
(द) बहुत परिश्रम करना
सही उत्तर-(ब)
64. ’जिसका काम उसी को साजै’ लोकोक्ति का सही अर्थ किस क्रम में है?
(अ) जिसका जो काम है, वही उसे अच्छी तरह कर सकता है
(ब) काम करने वाला ही सुशोभित होता है।
(स) जिसका जो कार्य किया जाये वही करें।
(द) अच्छा काम सजता है।
सही उत्तर-(अ)
65. निम्नलिखित के लिए उपयुक्त मुहावरा क्या है?
’’मुसीबत देखकर घबरा जाना’’
(अ) नाक पर धब्बा लगना
(ब) नौ दो ग्यारह होना
(स) दाँतो तले अँगुली दबाना
(द) नानी याद आना
सही उत्तर-(द)
66. ’डंकाँ बजना’ मुहावरे का सही प्रयोग किस क्रम में हुआ है?
(अ) प्रचारित करना (ब) झूठ बोलना
(स) प्रतिष्ठित हो जाना (द) शोर करना
सही उत्तर-(स)
67. ’काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती’ लोकोक्ति का अर्थ है?
(अ) बुरे लोग लाख प्रयत्न के बाद भी अपनी बुराई नहीं छोङते
(ब) कठिन काम अकेले आदमी के वश की बात नहीं है
(स) छल कपट का काम एक बार ही होता है
(द) दृष्ट व्यक्ति से बात से नहीं, बल्कि दण्ड से ही मानता है।
सही उत्तर-(स)
68. किस क्रम में मुहावरा है?
(अ) ऊँची दुकान फीके पकवान
(ब) जो गुङ खाए सो कान छिदाय
(स) तीन लोक से मथुरा न्यारी
(द) दूर के ढोल सुहावने
सही उत्तर-(द)
69. ’लकीर का फकीर होना’ मुहावरे का अर्थ है?
(अ) कानून बाज (ब) डस्पोक आदमी
(स) वचन का पक्का (द) पुरानी बातों का विरोधी\
सही उत्तर-(स)
70. ’’प्रभूता पाहि काहि मद नाही’’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) उच्च स्वप्न देखना
(ब) मन की इच्छा पूरी करना
(स) उच्च पद प्राप्त करके किसे घमण्ड नहीं होता
(द) घमण्डी हो जाना
सही उत्तर-(स)
71. ’जीभ लपलपाना’ मुहावरे का अर्थ है?
(अ) चुप रहना
(ब) बहुत बोलना
(स) चखने की इच्छा रखना
(द) चुगली करना
सही उत्तर-(स)
72. कौन-सा क्रम सही नहीं है?
(अ) होनहार बिरवान के होत चीकने पात – मुहावरा
(ब) अक्ल के घोङे दौङाना – मुहावरा
(स) हथेली पर सरसों नहीं उगती – लोकोक्ति
(द) विष दे पर विश्वास न दे – लोकोक्ति
सही उत्तर-(अ)
73. ’साँप छछूँदर की गति होना’ मुहावरे का अर्थ है?
(अ) प्रतिस्पर्धा करना
(ब) मर मिटने को तैयार
(स) बराबरी का मुकाबला
(द) दुविधा में पङना
सही उत्तर-(द)
74. ’कलेजा फटना’ मुहावरे का सही अर्थ है?
(अ) हृदय का विदीर्ण हो जाना
(ब) असहनीय दुख होना
(स) मृत्यु हो जाना
(द) हृदय का कमजोर हो जाना
सही उत्तर-(ब)
75. ’घी के दिए जलाना’ मुहावरा का सही अर्थ है?
(अ) दीपावली मनाना (ब) खुशी मनाना
(स) रईसी प्रकट करना (द) अपने को विशिष्ट समझना
सही उत्तर-(ब)
76. ’अंगारे उगलना’ मुहावरे का सही अर्थ है?
(अ) कठोर वचन कहना
(ब) मुँह से अंगारे निकलना
(स) ज्वालामुखी फूट पङना
(द) आग का फैल जाना
सही उत्तर-(अ)
77. ’सोने में सुगन्ध’ मुहावरा का सही अर्थ है?
(अ) सुन्दर वस्तु में और गुण होना
(ब) सुगन्ध से युक्त आभूषण
(स) सुन्दर आभूषण होना
(द) सुगन्धित होना
सही उत्तर-(अ)
78. ’इन तिलों में तेल नहीं’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) तिलों में तेल न निकलना
(ब) निराशा हाथ लगना
(स) तिलों से तेल की आश न करना
(द) किसी प्रकार के लाभ की संभावना का न होना
सही उत्तर-(द)
79. ’आँख का अंधा गाँठ का पूरा’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) अंधा परन्तु विवेकशील होना
(ब) मूर्ख धनी
(स) अंधे के पास धन होना
(द) आँखों का रोग
सही उत्तर-(ब)
80. ’अंधे के हाथ बटेर लगना’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) बिना ताकत की प्राप्ति
(ब) बिना मेहनत के ही उपलब्धि होना
(स) बिना आँख के प्राप्त करना
(द) बिना आँ के पक्षी को मारना
सही उत्तर-(ब)
81. ’गंगा गए गंगा दास’ जमुना गए जमनादास’ का सटीक अर्थ है?
(अ) अच्छा तीर्थयात्री
(ब) यशस्वी व्यक्ति
(स) अवसरवादी व्यक्ति
(द) यह सभी
सही उत्तर-(स)
82. ’द्रोपदी का चीर’ मुहावरे का सही अर्थ है?
(अ) बहुत पवित्र
(ब) लज्जा हरण
(स) अत्यधिक कुरूप
(द) ऐसी वस्तु जो समाप्त ही न हो
सही उत्तर-(द)
83. ’सबसे अलग स्थिति’ किस लोकोक्ति का अर्थ है?
(अ) ढाक के तीन पात
(ब) तीन लोक से मथुरा न्यारी
(स) तू डाल डाल, मैं पात पात
(द) इनमें से कोई नहीं
सही उत्तर-(ब)
84. किस क्रम में मुहावरा नहीं है?
(अ) भगीरथ-प्रयत्न
(ब) समझ पर पत्थर पङना
(स) अशर्फियाँ लुटें कोयलों पर मोहर
(द) हाथों के तोते उङना
सही उत्तर-(स)
85. ’अधजल गगरी छलकत जाय’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) दूसरों के सामने ज्यादा बोलने वाला
(ब) अत्यधिक ज्ञानी होना
(स) अल्पज्ञ व्यक्ति ज्ञान की डींग ज्यादा हाँकता है
(द) घङे से जल को गिराना
सही उत्तर-(स)
86. ’कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली’ लोकोक्ति का सही अर्थ क्या है?
(अ) आकाश-पाताल का अन्तर होना
(ब) बराबरी करना
(स) अत्यधिक मित्रता
(द) बहुत दूर की बात
सही उत्तर-(अ)
87. ’चल्लू भर पानी में डुबना’ मुहावरे का सही अर्थ है?
(अ) नदी में डूब मरना
(ब) लज्जा को पानी में डूबों देना
(स) नदी से चूल्लूभर पानी निकालना
(द) लज्जा के मारे मुँह नहीं दिखाना
सही उत्तर-(द)
88. किस क्रम में सही मेल नहीं है?
(अ) खोदा पहाङ निकली चुहिया – लोकोक्ति
(ब) एक और एक ग्यारह – मुहावरा
(स) दुविधा में दोनों गये माया मिली न राम – लोकोक्ति
(द) हम्मीर हठ – मुहावरा
सही उत्तर-(द)
89. ’अपने पैरों कुल्हाङी मारना’ मुहावरे का सही अर्थ है?
(अ) कठिन कार्य करना
(ब) अपना नुकसान स्वयं ही करना
(स) कुल्हाङी से पैरों को काट लेना
(द) पैरों से असंभव कार्य करना
सही उत्तर-(ब)
90. ’छछून्दर के सिर में चमेली का तेल’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) अयोग्य व्यक्ति द्वारा स्तरीय वस्तु का उपयोग
(ब) सौन्दर्य प्रसाधन को बढ़ावा देना
(स) किसी चीज का गलत इस्तेमाल
(द) इनमें से कोई नहीं
सही उत्तर-(अ)
91. ’इमली के पात पर दंड पेलना’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) बङा कार्य करना
(ब) सीमित साधनों से बङा कार्य करने का प्रयास करना।
(स) कठिन परिश्रम करना
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
सही उत्तर-(ब)
92. ’इक नागिन अरू पंख लगायी’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) नागिन के पंख लग जाना
(ब) एक दोष के साथ दूसरे का जुङ जाना
(स) अत्यधिक जहर चढ़ना
(द) इनमें से कोई नहीं
सही उत्तर-(ब)
93. किस क्रमांक में लोकोक्ति नहीं है?
(अ) खग जाने खग की ही भाषा
(ब) का वर्षा जब कृषि सुखाने
(स) चुपङी और दो-दो
(द) आकाश के तारे तोङना
सही उत्तर-(द)
94. किस क्रम में लोकोक्ति है?
(अ) टस से मस न होना
(ब) झण्डे तले आना
(स) जी का जंजाल
(द) आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास
सही उत्तर-(द)
95. किस क्रमांक में मुहावरा नहीं है?
(अ) आँखें खुलना
(ब) कौआ चले हंस की चाल
(स) कान का कच्चा
(द) अंगारे उगलना
सही उत्तर-(ब)
96. किस क्रम में ’जीती मक्खी निगलना’ का सही अर्थ है?
(अ) अन्याय करना
(ब) बीमारी को बढ़ावा देना
(स) जान-बूझकर अन्याय
(द) गंदगी को आमंत्रण देना
सही उत्तर-(स)
97. किस क्रमांक में ’झूठे आश्वासन देना’ का सही अर्थ है?
(अ) सिक्का जमाना (ब) सिर उठाना
(स) सब्ज बाग दिखाना (द) सिर खपाना
सही उत्तर-(स)
98. ’छाती पर पत्थर रखना’ मुहावरे का सही अर्थ है?
(अ) कठोर हृदय
(ब) विपत्तियों में भी विचलित न होना
(स) विवश होना
(द) तनिक भी न पसीजना
सही उत्तर-(अ)
99. ’काजी जी दुबले क्यों शहर का अंदेशा है’ लोकोक्ति का सटीक अर्थ है?
(अ) दूसरों के कष्ट से चिंतित रहना
(ब) दूसरों की प्रगति से ईष्र्या करना
(स) दूसरों की भलाई चाहना
(द) दूसरों से शत्रुता करना
सही उत्तर-(ब)
100. किस क्रम में मुहावरा है?
(अ) दाहिना हाथ
(ब) समय चूकि पुनि का पछिताने
(स) सबधान बाईस पंसेरी
(द) नेकीकर दरिया में डाल
सही उत्तर-(अ)
101. ’जहर का घूँट पीना’ मुहावरे का सही अर्थ है?
(अ) गलत कार्य करना
(ब) भूल से विष पी लेना
(स) असहनीय स्थिति को भी सह लेना
(द) कठिन काम करना
सही उत्तर-(स)
102. ’पहाङ टूट पङना’ मुहावरे का सही अर्थ है?
(अ) व्यक्ति का बङी विपत्ति में पङ जाना
(ब) पहाङ के नीचे दब जाना
(स) अपने को असमर्थ मानना
(द) पर्वत से पत्थर का गिरना
सही उत्तर-(अ)
103. ’आ बैल मुझे मार’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) बैल को जानबूझकर मारना
(ब) बैल को मारने के लिए आमंत्रित करना
(स) जानबूझकर आफत मोल लेना
(द) बैल से लङाई करना
सही उत्तर-(स)
104. ’अपनी पगङी अपने हाथ’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) अपना सम्मान बचाना अपने हाथ में होता है।
(ब) अपनी पगङी स्वयं संभालना
(स) अपनी पगङी स्वयं पहनना
(द) पगङी का हाथ में सुरक्षित रखना
सही उत्तर-(अ)
105. ’आम के आम गुठलियों के दाम’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) बिना मेहनत काम निकालना
(ब) सिर्फ लाभ ही देखना
(स) हानि-लाभ बराबर होना
(द) दोहरा फायदा
सही उत्तर-(द)
106. ’उल्टी गंगा बहाना’ मुहावरे का सही अर्थ है?
(अ) असंभव कार्य करना
(ब) गंगा की धारा में तैरना
(स) रीति के विपरीत कार्य करना
(द) गंगा की धारा को पलट देना
सही उत्तर-(स)
107. ’काठ का उल्लू होना’ मुहावरे का सही अर्थ है?
(अ) बुरे आचरण करना
(ब) अत्यन्त मूर्ख व्यक्ति
(स) उल्लू के समान दिखाई देना
(द) काठ की तरह शुष्क होना
सही उत्तर-(ब)
108. ’बहती गंगा में हाथ धोना’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) बहती गंगा में डूबना – उतराना
(ब) बहती गंगा में तैरना
(स) अवसर का लाभ उठाना
(द) धारा के विपरीत आचरण करना
सही उत्तर-(स)
109. ’हाथ कंगन को आरसी क्या’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) कंगन पहनने से सुन्दरता बढ़ जाती है
(ब) हाथ के कंगन को आइने में देखना
(स) प्रत्यक्षा को प्रमाण की जरूरत नहीं होती
(द) सुन्दर व्यक्ति को कंगन की जरूरत नहीं पङती
सही उत्तर-(स)
110. ’मन चंगा तो कठौती में गंगा’ लोकोक्ति का सही अर्थ है?
(अ) मन की पवित्रता
(ब) कठौती में हाथ धोना
(स) बाहरी बातों पर ध्यान न देना
(द) बाह्याडम्बरों में अविश्वास
सही उत्तर-(अ)
111. ’हमहु कहब अब ठकुर सुहाती’ में ’ठकुर सुहाती’ मुहावरे का सही अर्थ है?
(अ) चापलूसी
(ब) हाँ में हाँ मिलाना
(स) ठकुराई को मानना
(द) सेवा करना
सही उत्तर-(अ)
112. किस क्रमांक में सही अर्थ नहीं है?
(अ) हाथ कंगन को आरसी क्या – प्रत्यक्ष को प्रमाण क्या
(ब) साँप-छछूंदर की गति होना – डर जाना
(स) सावन हरे ना भादो सूखा – हमेशा एक जैसा रहना
(द) लिखे ईसा पढ़े मूसा – न पढ़ने योग्य लिखावट
सही उत्तर-(ब)
113. किस क्रमांक में ’पेट में दाढ़ी होना’ मुहावरे का सही अर्थ है?
(अ) बाल्यावस्था में ही समझदार होना
(ब) झगङालू होना
(स) कुरूप होना
(द) निरर्थक व्यक्ति
सही उत्तर-(अ)
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