आज की पोस्ट में हम दलित साहित्य में दलित कविता विषय पर चर्चा करेंगे ,और प्रमुख रचनाओं के बारे में जानेंगे |
⇒ रैदास जन्मना दलित है, इसलिए उन्हें पहला दलित कवि कहना तर्क सम्मत इतिहास-सम्मत है।
⇔ दलित लेखन की शुरूआत 1960 के आसपास मराठी भाषा से होती है।
⇒ कुछ विद्वान 1914 में ’सरस्वती’ पत्रिका में हीरोडम द्वारा लिखित ’अछूत की शिकायत’ को पहली दलित कविता मानते हैं।
⇔ कुछ अन्य विद्वान अछूतानन्द को पहला दलित कवि कहते हैं, उनकी कविताएँ 1910 से 1927 तक लिखी गई।
प्रमुख दलित कवि एवं रचनाएँ
कवि | रचनाएँ |
हीरा डोम | अछूत की शिकायत (1914) |
बिहारी लाल हरित | अछूतों का पैगम्बर (1946) चमार हूँ मैं (1975) |
डाॅ. धर्मवीर | हीरामन |
ओम प्रकाश वाल्मिकी | (1) सदियों का संताप (1989) (2) बस्स बहुत हो चुका (1997) (3) अब और नहीं (2002) (4) अखाङे की माटी (5) कभी सोचा है ? (6) ठाकुर का कुआँ। |
मंसाराम विद्रोही | दलित पचासा (1989) |
मलखान सिंह | सुनो ब्राह्मण (1995) |
जयप्रकाश कर्दम | (1) गूंगा नहीं था मैं (1997) (2) आज का रैदास |
सुशीला टाकभोरें | (1) स्वाति बूँद और खारे मोती (1993) (2) तुमने उसे कब पहचाना (3) आज की खुद्दार औरत |
श्यौराज सिंह बैचेन | (1) नई फसल (2) क्रौंचे हूँ मैं। |
कुसुम वियोगी | (1) टुकङे-टुकङे दंश (2) व्यवस्था के विषधर |
दयाशंकर बटोही | यातना की आँखें |
सी. बी. भारती | (1) आक्रोश (2) रूढियाँ (3) सियासत |
सूरजपाल चौहान | (1) प्रयास (2) क्यों विश्वास करूँ (2004) |
दयानंद बटोही | अंधेरे के विरुद्ध |
कंवल भारती | (1) घर की चैखट से बाहर (2) मुक्ति संग्राम अभी बाकी है। (3) तब तुम्हारी निष्ठा क्या होगी ? |
कोदूराम दलित | (1) सियानी गोठ (1967) (2) बहुजन हिताय- बहुजन सुखाय (2000) |