आज के आर्टिकल में हम हिंदी साहित्य के चर्चित लेखक धर्मवीर भारती (Dharmveer Bharti ka Jeevan Parichay) के बारे में विस्तार से पढेंगे ।
धर्मवीर भारती – Dharmveer Bharti ka Jeevan Parichay
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आधुनिक हिंदी साहित्य के लेखकों में ‘धर्मवीर भारती’ का नाम लोकप्रिय है। धर्मवीर भारती एक चर्चित साहित्यकार होने के साथ ही स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार और अनुवादक की भूमिका में भी थे। आधुनिक हिंदी साहित्य में उन्होंने सभी विधाओं में अपनी कलम चलाई है। इनका ‘गुनाहों का देवता’ उपन्यास हिंदी साहित्य जगत में खूब चर्चित हुआ था।
धर्मवीर भारती का साहित्यिक परिचय:
जीवनकाल | 15 दिसम्बर 1926 |
मृत्युकाल | 4 सितम्बर 1997 |
जन्म-स्थल | प्रयागराज |
मृत्यु-स्थल | मुम्बई में |
पिता | चिरंजीवलाल शर्मा |
माता | चंदादेवी |
साहित्य गुरु | डाॅ. धीरेन्द्र वर्मा |
शोध विषय | सिद्ध साहित्य |
स्थापना | परिमल-1943 ई. में साहित्य हितार्थ स्थापित संस्था। |
संपादन | संगम-1948 – सहकारी संपादक (संपादक – इलाचंद्र जोशी), निकष, धर्मयुग, आलोचना। |
प्रमुख रचनाएँ | गुनाहों का देवता, सूरज का सातवाँ घोड़ा, अंधा-युग, ठण्डा लोहा, चाँद और टूटे हुए लोग, अन्धा-युग, सात गीत वर्ष, ठेले पर हिमालय, पश्यन्ती |
काव्य –
ठण्डा लोहा (1952), सातगीत वर्ष (1959), कनुप्रिया (1959), अंधायुग (1955), सपना अभी भी (1993), आद्यन्त (1999), देशांतर।
- कनुप्रिया – राधा कृष्ण के प्रेम पर आधारित काव्य। धर्मवीर भारती मूलतः प्रेम के कवि थे।
- देशान्तर – इस काव्य संग्रह में विदेशी कविताओं का संग्रह।
- प्रमथ्युगाथा – यूनानी पौराणिक पुरुष प्रमथ्यु की कथा आधारित लंबी कविता।
सृष्टि का आखिरी आदमी – प्रसिद्ध लंबी कविता। - अंधायुग – 1955 ई. में रचित गीतिनाट्य। महाभारत के अठारहवें दिन की संध्या से प्रभास में कृष्ण की मृत्यु तक की कथा। पाँच अंक – कौरव नगरी, पशु का उदय, अश्वथामा का अर्द्ध सत्य, गांधारी का शाप, विजय। तीन अंक बाद पंख, पहिये और पट्टियाँ नाम से अंतराल एवं अंत में प्रभु की मृत्यु नाम से समापन आता है। आधुनिक संदर्भ में द्वितीय विश्वयुद्ध की भयानकता को स्पष्ट करता नाटक।
- तत्कालीन युग के संदर्भ में भी उचित-अनुचित को स्पष्ट करने वाला नाटक। तत्कालीन युग के संदर्भ में भी उचित-अनुचित को स्पष्ट करने वाला नाटक। प्रमुख पात्र – श्रीकृष्ण, युधिष्ठिर, युयुत्स, गांधारी, धृतराष्ट्र, संजय, अश्वथामा, व्यास, विधुर आदि। स्वतंत्र भारत की मूल्यहीनता के प्रति चिंता व्यक्त करने वाला गीतिनाट्य।
धर्मवीर भारती के उपन्यास (Dharamvir Bharati) –
- गुनाहों का देवता (1949) – चन्दर एवं सुधा के भावुक प्रेम की कथा।
- सूरज का सातवाँ घोङा (1952) – आसिफ लैला, पंचतंत्र आदि की कथा प्रविधि पर नगरीय निम्न मध्यमवर्ग के कटु यथार्थ का चित्रण। श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी फिल्म 2001 में से रिलीज। T.V. धारावाहिक रुप में भी इसका प्रसारण किया गया।
- ग्यारह सपनों का देश
कहानी संग्रह –
- मुर्दों का गाँव (1946)
- स्वर्ग और पृथ्वी (1949)
- चाँद और टूटे हुए लोग (1955)
- बंद गली का आखिरी मकान (1969)
- गुलकी बन्नो,
- सावित्री नं. 2
- पुल टूटने से पहले
एकांकी –
नदी प्यासी थी, नीली झील, संगमरमर पर एक रात, सृष्टि का आखिरी आदमी आवाज का नीलाम।
निबंध –
- ठेले पर हिमालय (1958),
- पश्यंती (1969),
- कहानी-अनकहनी (1970),
- कुछ चेहरे कुछ चिंतन (1995),
- शब्दिता (1997)
आलोचना – मानव मूल्य और साहित्य, प्रगतिवाद: एक समीक्षा
यात्रा साहित्य –
- यात्रा चक्र (1994), यादें यूरोप की
- सफर सुहाने (1994) – पुष्पा भारती
रिपोतार्ज – युद्ध यात्रा (1972)
डायरी – ठेले पर हिमालय (1958) का कुछ अंश
साक्षात्कार – धर्मवीर भारती से साक्षात्कार (1998) – पुष्पा भारती (पत्नी)
पत्र साहित्य – एक साहित्यिक के प्रेमपत्र (2013) – पुष्पा भारती (पत्नी)
अक्षर अक्षर यक्ष – (1999) – पुष्पा भारती
संस्मरण – यादें यादें और यादें (2017) – पुष्पा भारती (पत्नी)
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बहुत अच्छा सर