Top 200 Avyayibhav Samas ke Udaharan – अव्ययीभाव समास | Avyayibhav Samas

आज के आर्टिकल में हम समास के अंतर्गत अव्ययीभाव समास(Avyayibhav Samas ke Udaharan) की परिभाषा(Avyayibhav Samas ki Paribhasha) ,अर्थ और उदाहरणों(Avyayibhav Samas ke Udaharan) को विस्तार से समझेंगे।

अव्ययीभाव समास – Avyayibhav Samas ke Udaharan

अव्ययीभाव समास

अव्ययीभाव समास परिभाषा :

अव्यय का अर्थ होता है ,जिसका व्यय न हो अर्थात ‘अव्यय’ का प्रयोग किसी भी लिंग, वचन ,विभक्ति या पुरुष में करने पर उसके रूप में कोई भी परिवर्तन नहीं होता है , अव्यय शब्द कहलाता है।

अब हम अव्ययीभाव समास की परिभाषा समझेंगे –

इस समास में पहला या पूर्वपद अव्यय होता है ,जो कि प्रधान होता है। अव्यय के प्रयोग से समस्तपद भी अव्यय बन जाता है।

अव्ययीभाव समास में समस्तपद वाक्य में क्रियाविशेषण का काम करता है। इस समास का समस्त पद लिंग, वचन और विभक्तिहीन रहता है, इसके दोनों पदों का स्वतंत्र रूप से पृथक् प्रयोग नहीं होता है।
उपसर्गों से निर्मित समस्तपद अव्यय के रूप में ही कार्य करते हैं।

अव्ययीभाव समास की पहचान कैसे करें

➡️ इस समास के शब्दों की शुरुआत में उपसर्गों का प्रयोग होता है।
➡️  विशेष बात यह है कि इस समास का रूप नहीं बदलता है ।
➡️ इसमें विभक्ति चिन्ह का प्रयोग नहीं किया जाता है ।

➡️ अव्ययीभाव समास में अव्यय का भाव पाया जाता है।

➡️  इस समास में पहला पद आ, भर, यथा, अनु, हर, प्रति, यावत आदि से शुरू होता है ।

अव्ययीभाव समास के उदाहरण – Avyayibhav Samas ke Udaharan

समस्त पदसमास-विग्रह
अंतर्व्यथामन के अंदर की व्यथा
अकारणबिना कारण के
अतिवृष्टिवृष्टि की अति
अत्यन्तअन्त से अधिक
अत्याधुनिकआधुनिक से भी आधुनिक
अत्युत्तमउत्तम से अधिक
अध्यात्मआत्मा से सम्बंधित
अनजानेबिना जाने
अनुकरणकरण के अनुसार करना
अनुगमनगमन के पीछे गमन
अनुदानदान की तरह दान
अनुदिनदिन पर दिन
अनुरूपरूप के योग्य
अनुवंशवंश के अनुकूल
अनुसरणसरण के बाद सरण (जाना)
अनुसारजैसा सार है वैसा
अपूर्णबिना पूर्ण, अधूरा
अप्रत्यक्षआंख के पीछे
अभूतपूर्वजो पूर्व में नहीं हुआ
आमरणमरण तक
आकंठकंठ तक
आजन्मजन्म से लेकर
आजानुजानुओं (घुटनों) तक
आजीवनजीवन पर्यंत तक
आज्ञानुसारआज्ञा के अनुसार
आपादमस्तकपाद (पाँव) से मस्तक तक
आमरणमरने तक
आरक्षणरक्षित किया हुआ
आसमुद्रसमुद्र तक
आसमुद्रसमुद्र पर्यंत
उपकूलकूल के निकट
एकाएकअचानक, अकस्मात
कर्मानुसारकर्म के अनुसार
कानोंकानकान ही कान में
कुशलतापूर्वककुशलता के साथ
क्रमानुसारक्रम के अनुसार
गली-गलीएक गली से दूसरी गली में
घड़ी-घड़ीहर घड़ी
घर-घरहर घर/ प्रत्येक घर
चेहरे-चेहरेहर चेहरे पर
दर-दरएक दरवाज़े से दूसरे दरवाज़े पर
दरअसलअसल में
दानार्थदान के लिए
दिनभरपूरे दिन
दिनोंदिनकुछ ही दिन में
द्वार द्वारहर एक द्वार
धड़ाधड़जल्दी से
निडरबिना डर के
निधड़कबिना धड़क के
निरन्ध्ररन्ध्र से रहित
निरामिषबिना आमिष (माँस) के
निर्विकारबिना विकार के
निर्विरोधबिना विरोध के
निर्विवादबिना विवाद के
निस्संदेहबिना संदेह के
नीरंध्ररंध्र रहित
नीरवरव (ध्वनि) रहित
नीरोगरोग रहित
पल-पलप्रत्येक पल
प्रतिदिनदिन दिन
प्रतिवर्षहर वर्ष
प्रतिक्रियाक्रिया से प्रेरित क्रिया
प्रतिक्षणहर क्षण
प्रतिघातघात के बदले घात
प्रतिदिनप्रत्येक दिन
प्रतिध्वनिध्वनि की ध्वनि
प्रतिनियुक्तिनियमित नियुक्ति के बदले नियुक्ति
प्रतिपलप्रत्येक पल/हर पल
प्रतिबिम्बबिम्ब का बिम्ब
प्रतिमासप्रत्येक मास
प्रतिमाहप्रत्येक महीना
प्रतिलिपिलिपि के समकक्ष लिपि
प्रतिवर्षहर वर्ष
प्रतिशतप्रत्येक शत (सौ) पर
प्रतिसप्ताहप्रत्येक सप्ताह
प्रतिहिंसाहिंसा के बदले हिँसा
प्रत्यंग (प्रति+अंग)अंग-अंग
प्रत्यक्षअक्षि (आँखोँ) के सामने
प्रत्यारोपआरोप के बदले आरोप
प्रत्याशाआशा के बदले आशा
प्रत्युत्तरउत्तर के बदले उत्तर
प्रत्युपकारउपकार के बदले किया जाने वाला उपकार
प्रत्येकहर एक
बकायदाकायदे के साथ
बखूबीखुबी के साथ
बतौरतौर के साथ
बदस्तूरदस्तूर के साथ
बाकलमकलम के साथ
बाकायदाकायदे के अनुसार
बारम्बारबार-बार
बीचों-बीचबीच ही बीच में
बेअटकेबिना अटके
बेअसरबिना असर के
बेकामबिना काम के
बेखटकेबिना खटके
बेचैनबिना चैन के
बेधड़कबिना धड़क के
बेनामबिना नाम के
बेफायदाबिना फायदा के
बेमतलबमतलब के बिना
बेरहमबिना रहम‌ के
बेरोकटोकरोक टोक के बिना
बेलगामलगाम के बिना
बेवजहबिना वजह के
बेशऊरबिना शऊर का
बेशकबिना शक के
बेशर्मबिना शर्म के
भरपूरपूरा भर के
भरपेटपेट भर कर
भरसकपूरी शक्ति से
मंद-मंदबहुत ही मंद
मनमानामन के अनुसार
यथा क्रमयथा–क्रम के अनुसार
यथा नियमनियम के अनुसार
यथा समयसमय के अनुसार
यथानामनाम के अनुसार
यथानियमनियम के अनुसार
यथाबलबल के अनुसार
यथामतिमति के अनुसार
यथायोग्यजितना योग्य हो
यथारुचिरुचि के अनुसार
यथारूपरूप के अनुसार
यथार्थअर्थ के अनुसार
यथावत्जैसा था, वैसा ही
यथावसरअवसर के अनुसार
यथाविधिविधि के अनुसार
यथाशक्तिशक्ति के अनुसार
यथाशीघ्रजितना शीघ्र हो
यथासंभवजहाँ तक संभव हो
यथासमयसमय के अनुसार
यथासामर्थ्यसामर्थ्य के अनुसार
यथास्थानस्थान के अनुसार
यथेच्छइच्छा के अनुसार
यथोचितजितना उचित हो
यावज्जीवनजब तक जीवन है।
रातभरपूरी रात
रातो रातरात ही रात में
व्यर्थबिना अर्थ के
श्रद्धापूर्वकश्रद्धा के साथ
सकुशलकुशलता के साथ
सपरिवारपरिवार के साथ
सप्रसंगप्रसंग के साथ
समक्षअक्षि के सामने
सशक्तशक्ति के साथ
सहसाएक दम से
सादरआदर सहित
सानंदआनंद सहित
साफ़-साफ़बिल्कुल स्पष्ट
सार्थकअर्थ सहित
हर घड़ीप्रत्येक घड़ी
हरसालप्रत्येक साल
हाथोंहाथएक हाथ से दुसरे हाथ

निष्कर्ष : Avyayibhav Samas ke Udaharan

आज के आर्टिकल में हमनें अव्ययीभाव समास(Avyayibhav Samas) के 200 उदाहरण पढ़े। यह उदाहरण आपकी परीक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गये है

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