इस पोस्ट में आधुनिक काल की महत्वपूर्ण विषयवस्तु छायावाद युग की प्रमुख रचनाओ को एक साथ दिया गया है ताकि आप एक साथ अभ्यास कर पाएँ
छायावाद युग प्रमुख रचनाएँ – Chaayavaad Yug Pramukh Rachanaen
Table of Contents
रचनाएँ | लेखक |
1. हिमकिरीटिनी, हिमतंरगिणी, माता | माखनलाल चतुर्वेदी |
2. मौर्य विजय, बापू, दूर्वादल, पाथेय, मृण्मयी | सियारामशरण गुप्त |
3. कुंकुम, उर्मिला, अपलक, रश्मिरेखा, क्वासि, हम विषपायी जनम के | बालकृष्ण शर्मा ’नवीन’ |
4. त्रिधारा, मुकुल | सुभद्राकुमारी चैहान |
5. तक्षशिला | उदयशंकर भट्ट |
6. उर्वशी, वनमिलन, प्रेमराज्य अयोध्या का उद्धार, शोकोच्छ्वास, महाराणा का महत्त्व, झरना, आँसू, लहर, कामायनी | जयशंकर प्रसाद |
7. अनामिका, परिमल, गीतिका, तुलसीदास, पंचवटी प्रसंग, राम की शक्तिपूजा, अणिमा, अर्चना | सूर्यकांत त्रिपाठी ’निराला’ |
8. गिरजे का घंटा, उच्छ्वास, ग्रंथि, वीणा, पल्लव, गुंजन, युगांत, युगवाणी, ग्राम्या, स्वर्णकिरण, स्वर्णधूलि, उत्तरा, रजतशिखर, वाणी, पतझर | सुमित्रानंदन पंत |
9. नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत, यामा, दीपशिखा | महादेवी वर्मा |
10. रूपराशि, निशीथ, चित्ररेखा, आकाशगंगा | डाॅ. रामकुमार वर्मा |
11. राका, मानसी, विसर्जन, युगदीप, अमृत और विष | उदयशंकर भट्ट |
12. निर्माल्य, एकतारा | मोहनलाल मेहतो ’वियोगी’ |
13. मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश | हरिवंशराय बच्चन |
14. प्रभातफेरी, प्रवासी के गीत, पलाशवन | नरेंद्र शर्मा |
15. हुंकार, रेणुका, द्वंद्वगीत, कुरुक्षेत्र, इतिहास के आँसू, रश्मिरथी, धूप और धुआँ, दिल्ली, रसवंती | रामधारीसिंह दिनकर |
16. सूत की माला, निशा-निमंत्रण, एकांत संगीत, सतरंगिनी, मिलन-यामिनी, आरती और अंगारे, आकुल अंतर | हरिवंशराय बच्चन |
17. शिल्पी, अतिमा, कला और बूढ़ा चाँद, लोकायतन, सत्यकाम | पंत |
18. मिट्टी और फूल, कदलीवन | नरेंद्र शर्मा |
19. मधूलिका, अपराजिता, किरणबेला, लाल चूनर | रामेश्वर शुक्ल ’अंचल’ |
20. कलापी, पांचजन्य | आरसीप्रसाद सिंह |
21. नींद के बादल, फूल नहीं रंग बोलते हैं, अपूर्व, युग की गंगा | केदारनाथ सिंह |
22. प्यासी पथराई आँखें, युगधारा, भस्मांकुर, सतरंगे पंखों वाली | नागार्जुन |
23. राह का दीपक, अजेय खँडहर, पिघलते पत्थर, मेधावी, पांचाली | रांगेय राघव |
24. मंजीर, कल्पांतर, शिलापंख चमकीले, नाश और निर्माण, मशीन का पुर्जा, धूप के धान, मैं वक्त के हूँ सामने, छाया मत छूना मन | गिरिजाकुमार माथुर |
25. भूरी-भूरी खाक धूल, चाँद का मुँह टेढ़ा है | गजानन माधव ’मुक्तिबोध’ |
26. अंधायुग, कनुप्रिया, ठंडा लोहा, सात गीत वर्ष | धर्मवीर भरती |
27. सतपुङा के जंगल, गीतफरोश, खुशबू के शिलालेख, बुनी हुई रस्सी, कालजयी, गांधी पंचशती, कमल के फूल, इदं न मम, चकित है दुख, वाणी की दीनता | भवानीप्रसाद मिश्र |
28. भग्नदूत, चिंता, इत्यलम्, हरी घास पर क्षणभर, बावरा अहेरी, इंद्रधनुष रौदे हुए ये, अरी ओ करुणा प्रभामय, आँगन के पार द्वार, कितनी नावों में कितनी बार, क्योंकि मैं उसे जानता हूँ, सागर-मुद्रा, पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ, महावृक्ष के नीचे, नदी की बाँक पर छाया, प्रिजन डेज एवं अदर पोएम्स (अंग्रेजी में), असाध्य वीणा, रूपाम्बरा | सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ’अज्ञेय’ |
29. अमन का राग, चुका भी नहीं हूँ मैं, इतने पास अपने | शमशेर बहादुर सिंह |
30. परिवेश, हम तुम, चक्रव्यूह, आत्मजयी, आमने-सामने | कुँवर नारायण |
31. संशय की एक रात, वनपाखी सुनो, मेरा समर्पित एकांत, बोलने दो चीङ को | नरेश मेहता |
32. मिट्टी की बारात, बरती, गुलाब और बुलबुल, दिगंत, ताप की तापे हुए दिन, शब्द, उस जनपद का कवि हूँ | त्रिलोचन |
33. कागज के फूल, जागते रहो, मुक्तिमार्ग, ओ अप्रस्तुत मन, उतना वह सूरज है | भारतभूषण अग्रवाल |
34. साये में धूप, सूर्य का स्वागत, एक कंठ विषपायी, आवाज के घंटे | दुष्यंत कुमार |
35. जहाँ शब्द है, तेल की पकौङियाँ, स्वप्नभंग, अनुक्षण, मेपल | प्रभाकर माचवे |
36. सीढ़ियों पर धूप में, आत्महत्या, लोग भूल गए हैं, मेरा प्रतिनिधि, हँसो-हँसो जल्दी हँसो | रघुवीर सहाय |
37. मन्वंतर, खण्डित सेतु | शंभूनाथ सिंह |
38. हिल्लोल, जीवन के गान, प्रलय-सृजन, ’विश्वास बढ़ता ही गया | शिवमंगल सिंह ’सुमन |
39. अभी और कुछ इनका, चाँदनी और चूनर, दोपहरी, सुनसान गाङी | शकुंतला माथुर |
40. खूँटियों पर टँगे लोग, कुआनो नदी, बाँस के पुल, काठ की घंटियाँ, एक सूनी नाव, गर्म हवाएँ, जंगल का दर्द | सर्वेश्वरदयाल सक्सेना |
41. मछलीघर, संवाद तुम से साखी | वियजदेवनारायण साही |
42. नाव के पाँव, शब्दशः, हिमबिद्ध, युग्म | रामेश्वर गुप्त |
43. मृग और तृष्णा, एक नशीला चाँद, उठे बादल झुके बादल, त्रिकोण पर सूर्योदय | हरिनारायण व्यास |
44. मायादर्पण, मगध, शब्दों की शताब्दी, दीनारंभ | श्रीकांत वर्मा |
45. कंकावती, मुक्तिप्रसंग | राजकमल चौधरी |
46. एक पतंग अनंत में, शहर अब भी संभावना है | अशोक वाजपेयी |
47. जो नितांत मेरी है | बालस्वरूप राही |
48. संसद से सङक तक, कल सुनना मुझे, सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र | धूमिल |
49. अंकित होने दो, अकेले कंठ की पुकार | अजित कुमार |
50. एक गई है धूप, बैरंग बेनाम चिट्ठियाँ | रामदरश मिश्र |
51. एक पुरुष और, कई अंतराल, दूसरा राग | डाॅ. विनय |
52. इतिहास हंता | जगदीश चतुर्वेदी |
53. अपनी तरह का आदमी | प्रमोद कौसवाल |
54. कुछ शब्द जैसे मेज | संजीव मिश्र |
55. कुकुरमुत्ता, गर्म पकौङी, प्रेम-संगीत, रानी और कानी खजोहरा, मास्को डायलाग्स, स्फटिक शिला, नये पत्ते, गीत गुंज, सांध्य काकली | निराला |
56. ऐसे भी हम क्या, ऐसे भी तुम क्या, खिचङी विप्लव, देखा हमने, हजार हजार बाँहों वाली, पुरानी जूतियों का कोरस, रत्नगर्भ | नागार्जुन |
57. सुनो कारीगर, क से कबूतर | उदयप्रकाश |
58. आत्महत्याएँ, इला और अमिताभ | देवराज |
59. प्रवाद पर्व, महाप्रस्थान, शबरी | नरेश मेहता |
60. कालजयी | भवानीप्रसाद अग्रवाल |
61. अग्निलीक | भारतभूषण अग्रवाल |
62. पुनर्वास का दण्ड, एक मृत्यु प्रश्न | डाॅ. विनय |
63. सूर्यपुत्र | जगदीश चतुर्वेदी |
64. अपराजिता | रामेश्वर शुक्ल ’अंचल’ |
65. किसे किसे बनवास दोगे | शैलेश जैदी |
66. विधुरा | पी.डी. निर्मल |
छायावाद युग प्रमुख रचनाएँ(chaayavaad yug pramukh rachanaen)
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