नवगीत परंपरा (navgeet parmpra)
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हिन्दी में नवगीत की विशुद्ध चर्चा पहली बार राजेन्द्र प्रसाद सिंह द्वारा संपादित गीतांगिनी (1950) में हुई। इन्हें ही ’नवगीत’ की संज्ञा दी जानी चाहिए।
गीतांगिनी के संपादकीय को नवगीत का घोषणा-पत्र माना जाना चाहिए। केदारनाथ अग्रवाल तथा ठाकुर प्रसाद सिंह को नवगीत के आरंभकर्ता का श्रेय दिया जाता है।
नवगीत के पाँच प्रकार होते हैं-
(1) आत्मनिष्ठा (2) जीवन दर्शन (3) व्यक्तिबोध
(4) प्रीति-तत्व (5) परिसंचय
प्रमुख नवगीतकार एवं उनके संकलन
नवगीतकार कृतियाँ
शंभूनाथ सिंह
(1) दर्द जहाँ नीला है (1977) (2) समय की शिला पर (1968) (3) कलापी
(4) संचयिता (5) जीवन और योवन (6) पाँचजन्य (7) माध्यम मैं (8) खंडित सेतु
(9) प्रेमगीत (10) रूपरश्मि (11) छायालोक (12) उदयाँचल (13) मनवन्तर
(14) दिवालोक (1951)
वीरेन्द्र जैन
(1) झुलसा है छायानट धूप में
नीरज
(1) संघर्ष (2) अन्तध्र्वनि (3) बादर बरस गयो (4) प्राण-गीत (5) दर्द दिया है (6)
बादर बरस गयो (7) नीरज की पाती (8) नदी किनारे (10) आसावरी (11) लहर पुकारे
(12) मुक्तकी (13) गीत भी अगीत भी।
रवीन्द्र भ्रमर
(1) रवीन्द्र भ्रमर के गीत (2) इतिहास दुबारा लिखो (3) सोन मछरी मन बसी
राजेन्द्र प्रसाद सिंह
(1) भूमिका (1950) (2) दिग्वधू (1956) (3) संजीवन कहाँ (1965) (4) आओ खुली बयार (5) भरी सङक पर (6) गरज आधी रात का (7) रात आँख मूँद कर जगी
कुँवर बैचेन
(1) पिन बहुत सारे (1972) (2) भीतर साँकल बाहर साँकल (1978) (3) शामियाने काँच के (1983) (4) महावर इन्जारों का (1983)
वीरेन्द्र मिश्र
(1) वाणी के कलाकार (2) अविराम चल मधुमती (3) गीतम (4) लेखनी बेला (5) काले मेघा पानी दे (6) शांति गंधर्व।
ठाकुर प्रसाद सिंह
(1) वंशी और मदाल (1959) (2) महामानव (प्रबंध काव्य-1946) (3) हारी हुई लङाई लङते हुए (काव्य संग्रह-1988)
राजेन्द्र गौतम
(1) गीत पर्व आया है (1983) (2) पंख होते है समय के (1989) बरगद जलते है (1998)
गोरख पाण्डेय
(1) भोजपुरी के नौ गीत (1978) (2) जागते रहो सोने वालों (1983) (3) स्वर्ग से बिदाई (1989) (4) समय का पहिया (5) लोहा गरम हो गया है। अंतिम चारों काव्य-संग्रह है
नवगीत परंपरा
रामनरेश त्रिपाठी जीवन परिचय देखें
महावीर प्रसाद द्विवेदी जीवन परिचय देखें