हिंदी पाठको के लिए इस पोस्ट में प्रेमचंद जी की लगभग सभी कहानियों(Premchand Stories Hindi) को पीडीऍफ़ रूप में दिया गया है ,आप सुविधानुसार इसे डाउनलोड कर सकते हो ,अगर हमारा प्रयास आपको अच्छा लगे तो इस पोस्ट को अन्य हिंदी मित्रों को शेयर जरुर करें ।
Munshi Premchand Short Stories
Table of Contents
मानसरोवर भाग 1
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मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां
Munshi Premchand ki Kahani
मानसरोवर भाग 2
कुसुम(kusum) | Download |
खुदाई फौजदार(khudaai foujdaar) | Download |
चमत्कार(chamtakar) | Download |
मोटर के छींटे(motor ke chinte) | Download |
कैदी(kedi) | Download |
मिस पद्मा(mis padma) | Download |
विद्रोही(vidhrohi) | Download |
दो बैलों की कथा(do bailo ki katha) | Download |
नेऊर(neuar) | Download |
गृह-नीति(grih niti) | Download |
कानूनी कुमार(kaanuni kumar) | Download |
लॉटरी(lotory) | Download |
जादू(jaadu) | Download |
नया विवाह(nya vivah) | Download |
शूद्र(shudra) | Download |
रियासत का दीवान(riyast ka divan) | Download |
मुफ्त का यश(muft ka yash) | Download |
बासी भात में खुदा का साझा(baasi bhaat me khuda ka saanjha) | Download |
दूध का दाम(dudh ka daam) | Download |
बालक(balak) | Download |
जीवन का शाप(jivan ka shaap) | Download |
डामुल का कैदी(daamul ka kedi) | Download |
मानसरोवर भाग 3
विश्वास | Download |
नरक का मार्ग | Download |
स्त्री और पुरुष | Download |
उद्धार | Download |
निर्वासन | Download |
नैराश्य लीला | Download |
कौशल | Download |
स्वर्ग की देवी | Download |
आधार | Download |
एक आँच की कसर | Download |
माता का हृदय | Download |
गुरु-मंत्र | Download |
सौभाग्य के कोड़े | Download |
विचित्र होली | Download |
डिक्री के रुपये | Download |
शतरंज के खिलाड़ी | Download |
वज्रपात | Download |
सत्याग्रह | Download |
भाड़े का टट्टू | Download |
बाबाजी का भोग | Download |
विनोद | Download |
परीक्षा | Download |
तेंतर | Download |
नैराश्य | Download |
नैराश्य | Download |
धिक्कार | Download |
लैला | Download |
मुक्तिधन | Download |
दीक्षा | Download |
क्षमा | Download |
मनुष्य का परम धर्म | Download |
मानसरोवर भाग 4
प्रेरणा | Download |
सद्गति | Download |
तगादा | Download |
दो कब्रें | Download |
ढपोरसंख | Download |
डिमॉन्सट्रेशन | Download |
दारोगाजी | Download |
भूत | Download |
सवा सेर गेहूँ | Download |
सभ्यता का रहस्य | Download |
समस्या | Download |
खुचड़ | Download |
स्मृति का पुजारी | Download |
अभिलाषा | Download |
खुचड़ | Download |
आगा-पीछा | Download |
प्रेम का उदय | Download |
सती | Download |
मृतक-भोज | Download |
मानसरोवर भाग 5
मंदिर | Download |
निमंत्रण | Download |
रामलीला | Download |
कामना तरु | Download |
हिंसा परम धर्म | Download |
बहिष्कार | Download |
चोरी | Download |
लांछन | Download |
आत्म-संगीत | Download |
एक्ट्रेस | Download |
ईश्वरीय न्याय | Download |
ममता | Download |
मंत्र | Download |
प्रायश्चित | Download |
कप्तान साहब | Download |
इस्तीफा | Download |
सती | Download |
कजाकी | Download |
आसुँओं की होली | Download |
अग्नि-समाधि | Download |
सुजान भगत | Download |
पिसनहारी का कुआँ | Download |
सोहाग का शव | Download |
मानसरोवर भाग 6
यह मेरी मातृभूमि है | Download |
राजा हरदौल | Download |
त्यागी का प्रेम | Download |
रानी सारन्धा | Download |
शाप | Download |
मर्यादा की वेदी | Download |
मृत्यु के पीछे | Download |
अमावस्या की रात्रि | Download |
चकमा | Download |
पछतावा | Download |
आप-बीती | Download |
राज्य-भक्त | Download |
अधिकार-चिन्ता | Download |
दुराशा (प्रहसन) | Download |
पाप का अग्निकुंड | Download |
आभूषण | Download |
जुगनू की चमक | Download |
गृह-दाह | Download |
धोखा | Download |
लाग-डाट | Download |
मानसरोवर भाग 7
जेल | Download |
पत्नी से पति | Download |
शराब की दुकान | Download |
जुलूस | Download |
मैकू | Download |
समर-यात्रा | Download |
शान्ति | Download |
बैंक का दिवाला | Download |
वैर का अंत | Download |
दो भाई | Download |
महातीर्थ | Download |
विस्मृति | Download |
प्रारब्ध | Download |
सुहाग की साड़ी | Download |
लोकमत का सम्मान | Download |
नाग-पूजा | Download |
आत्माराम | Download |
दुर्गा का मन्दिर | Download |
बड़े घर की बेटी | Download |
पंच-परमेश्वर | Download |
शंखनाद | Download |
जिहाद | Download |
फातिहा | Download |
मानसरोवर भाग 8
खून सफेद | Download |
गरीब की हाय | Download |
बेटी का धन | Download |
धर्मसंकट | Download |
सेवा-मार्ग | Download |
शिकारी राजकुमार | Download |
बलिदान | Download |
बोध | Download |
सच्चाई का उपहार | Download |
पशु से मनुष्य | Download |
बौड़म | Download |
गुप्तधन | Download |
आदर्श विरोध | Download |
विषम समस्या | Download |
अनिष्ट शंका | Download |
सौत | Download |
सज्जनता का दंड | Download |
नमक का दारोगा | Download |
उपदेश | Download |
परीक्षा | Download |
मूठ | Download |
ब्रह्म का स्वांग | Download |
विमाता | Download |
बूढ़ी काकी | Download |
हार की जीत | Download |
दफ्तरी | Download |
विध्वंस | Download |
स्वत्व-रक्षा | Download |
पूर्व-संस्कार | Download |
दुस्साहस | Download |
प्रेमचंद जी का कुछ परिचय पढ़ें
✔️ मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) ई. का मूलनाम धनपत राय था। किंतु वे ’उर्दू’ में ’नबावराय’ के नाम से लिखते थे।
✅ धनपत राय को ’प्रेमचंद’ नाम उर्दू के लेखक दयानारायण निगम ने दिया था।
✔️ प्रेमचंद को ’कथा सम्राट’ की संज्ञा बंग्ला कथाकार शरतचन्द्र चटोपाध्याय ने दिया था।
✅ प्रेमचंद का प्रथम प्रौढ़ उपन्यास सेवासदन (1918) ई. है। इस उपन्यास में सामाजिक अत्याचार से पीङित नारी समाज और वेश्यावृत्ति की समस्या को आधार बनाया गया है।
⇒ प्रेमचंद युगीन हिंदी उपन्यास
प्रेमचंद युग की मर्यादा 1918 से 1936 ई. तक मान्य है। हिंदी साहित्य में यह ’युग’ छायावाद के नाम से प्रसिद्ध है। छायावाद अपनी समस्त दुर्बलताओं के बावजूद नव-जागरण का युग था। भावावेग, आदर्शप्रियता, राष्ट्रीयता भावना, स्वच्छदता आदि प्रवृत्तियाँ नवजागरण की ही सूचना देने वाली थी। इन प्रवृत्तियों से प्रेमचंद भी प्रभावित हुए। उपन्यास के बारे प्रेमचंद ने कहा है:-
’’मैं उपन्यास को मानव-जीवन का चित्र मात्र समझता हूँ। मानव जीवन पर प्रकाश डालना और उसके रहस्यों को खोजना ही उपन्यास के मूल तत्त्व है।’’
प्रेमचंद ’मानवतावाद’ से भी प्रकाशित थे। उन्होंने ’जीवन में साहित्य का स्थान’ विषय पर विचार करते हुए लिखा है:-
’’आदि काल से मनुष्य के लिए सबसे समीप मनुष्य है। हम जिसके सुख-दुख, हँसने-रोने का मर्म समझ सकते है, उसी
से हमारी आत्मा का अधिक मेल होता है।’’
जीवन के अंतिम दिनों में प्रेमचंद की आदर्शवादी आस्था हिल उठी थी। सेवासदन (1918) ई. से लेकर गोदान (1936) ई.
तक आते-आते भीतर ही भीतर उनके विचारों में क्रांतिकारी परिवर्तन हो चुके थे। गोदान (1936) तक आते-आते प्रेमचंद का आदर्शान्मुख यथार्थवाद, यथार्थोन्मुख आदर्शवाद बन गया है। प्रेमचंद का ’गोदान’ एक ऐसी मनोभूमि पर प्रतिष्ठित है,
जहाँ जैनेन्द्र की आत्मकेन्द्रित अंतर्मुखी पीङा, इलाचंद जोशी की कामकुण्ठा-जनित जटित व्यक्ति-चेतना, यशपाल का समाजोन्मुख यथार्थवाद, भगवतीचरण वर्मा और उपेन्द्रनाथ ’अश्क’ का रूमानी समाजोन्मुखी व्यक्तिवाद तथा अमृतलाल नागर का सर्व-मांगलिक मानववाद सभी के प्रेरणा-सूत्र लक्षित किये जा सकते हैं। प्रेमचंद युग के अंतिम चरण में उपर्युक्त सभी प्रवृत्तियों का उन्मेष हो चुका था।
प्रेमचंद के प्रारंभिक उपन्यासों का मूल रूप उर्दू में था। प्रेमचंद ने निम्नलिखित उपन्यासों का उर्दू से हिंदी में रूपांतर किया:-
उर्दू उपन्यास | हिंदी में रूपांतदित | उपन्यास वर्ष |
असरारे मआविद | देवस्थान रहस्य | 1905 ई. |
हमखुर्मा व हमसबाब | प्रेमा | 1907 ई. |
बजारे हुस्न | सेवासदन | 1918 ई. |
जलवाए ईसार | वरदान | 1921 ई. |
गोशाएँ आफियत | प्रेमाश्रम | 1922 ई. |
चौगाने हस्ती | रंगभूमि | 1925 ई. |
किशना | गबन | 1931 ई. |
प्रेमचंद (1880-1936 ई.)
- प्रेमा (1907)
- रूठी रानी (1907)
- सेवासदन (1918)
- वरदान (1921)
- प्रेमाश्रम (1922)
- रंगभूमि (1925)
- कायाकल्प (1926)
- निर्मला (1927)
- प्रतिज्ञा (1929)
- गबन (1931)
- कर्मभूमि (1933)
- गोदान (1936)
- मंगलसूत्र (1948 ई.),अपूर्ण
प्रेमचंदयुगीन हिन्दी कहानी
इस युग में कहानियों को जीवन की नयी समस्याओं से जोङने का प्रयास सर्वप्रथम कथा सम्राट प्रेमचंद ने ही किया। उपन्यास और कहानियाँ दोनों विधाओं में प्रेमचंद आदर्श और यथार्थ की ओर अग्रसर होते है। इसे उनकी पहली कहानी पंच परमेश्वर (1917) से आखिरी कहानी ’कफन’ (1936) तक देखा जा सकता है।
✅ प्रेमचंद का मूल नाम नबावराय था। उर्दू में वे इसी नाम से लिखते थे।
✔️ नबावराय के प्रथम कहानी संग्रह ’सोजे वतन’ (1908) को ब्रिटिश सरकार ने जब्त कर लिया था। ’सोजे वतन’ पाँच कहानियों का संग्रह था जो उर्दू में लिखा गया था।
✅ प्रेमचंद की प्रथम कहानी ’पंच परमेश्वर’ (1917) तथा अन्तिम कहानी कफन (1936) है।
प्रेमचंद के प्रमुख कहानी-संग्रह
1. सप्त सरोज (1917) 7. प्रेम प्रतिमा (1926)
2. नवनिधि (1917) 8. प्रेम प्रतिज्ञा (1929)
3. प्रेम पूर्णिमा (1918) 9. प्रेम चतुर्थी (1929)
4. प्रेम पच्चीसी (1923) 10. प्रेम कुंज (1930)
5. प्रेम प्रसून (1924) 11. सप्त सुमन (1930)
6. प्रेम द्वादश (1926) 12. कफ़न (1936)
प्रेमचंद की प्रमुख कहानियाँ – Premchand ki Kahani
1. नमक का दरोगा (1913) 11. अलग्योझा (1929)
2. सज्जनता का दण्ड (1916) 12. पूस की रात (1930)
3. ईश्वरीय न्याय (1917) 13. समर यात्रा (1930)
4. दुर्गा का मंदिर (1917) 14. सद्गति (1930)
5. बूढ़ी काकी (1920) 15. दो बैलों की कथा (1931)
6. सवा सेर गेहूँ (1924) 16. होली का उपहार (1931)
7. शतरंज के खिलाङी (1924) 17. ठाकुर का कुँआ (1932)
8. मुक्ति मार्ग (1924) 18. ईदगाह (1933)
9. मुक्ति धन (1924) 19. बङे भाई साहब (1934)
10. सौभाग्य के कोङे (1924) 20. कफ़न (1936)
✔️ प्रेमचंद ने 300 कहानियाँ लिखी जो ’मानसरोवर’ शीर्षक से आठ भागों में प्रकाशित है।
- महादेवी वर्मा जीवन परिचय
- सुमित्रानंदन पन्त का जीवन परिचय
- निराला जी का जीवन परिचय
- भारतेन्दु जीवन परिचय देखें
- साहित्य के शानदार वीडियो यहाँ देखें
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