हिंदी मित्रो आज की पोस्ट में Ugc net hindi के इकाई 10(आत्मकथा जीवनी) के महत्वपूर्ण परीक्षापयोगी प्रश्नों को दिया गया है ,जो आपकी परीक्षा के लिए संभावित है
इकाई 10(आत्मकथा,जीवनी) के महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
1. ’माटी की मूरतें’ किस प्रकार की विधा है ?
उ. – रेखाचित्र संग्रह
2.संस्कृति के चार अध्याय के अंतिम अध्याय का क्या नाम है ?
उ. – भारतीय संस्कृति और यूरोप
3. ’माटी की मूरतें’ का प्रकाशन समय है –
उ. – 1946 ई.
4. एक साहित्यिक की डायरी कितने प्रकरणों में विभक्त हैं ?
उ. – 13
5. रामवृक्ष बेनीपुरी का प्रथम रेखाचित्र संग्रह है –
उ. – लालतारा, (1940 ई.) मुर्दहिया आत्मकथा का वर्ण्य विषय है।
6. एक साहित्यिक की डायरी के किस प्रकरण में कला के तीन क्षणों का वर्णन है ?
उ. – प्रथम प्रकरण – तीसरा क्षण
7. ’मुर्दहिया’ आत्मकथा का वर्ण्य विषय है –
उ. – ग्रामीण परिवारों में जो आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछङे हुए है, उनकी दशा का वर्णन है।
8. भोलाराम का जीव किस प्रकार की कहानी है ?
उ. – व्यंग्यात्मक
9. तुलसीराम की आत्मकथा के कितने भाग है ?
उ. – दो भाग ( पहला – मुर्दहिया, दूसरा – मणिकर्णिका)
10. ’जामुन का पेङ’ व्यंग्य में पेङ के नीचे दबा आदमी कौन था ?
उ. – शायर
11.’एक कहानी यह भी’ मन्नू भंडारी की यह किस प्रकार की विधा है ?
उ. – आत्मकथ्य (आत्मकथा)
12. यात्रा साहित्य का पितामह किसे कहा जाता है ?
उ. – राहुल सांकृत्यायन
13. ’एक कहानी यह भी’ आत्मकथा में लेखिका की अध्यापिका का क्या नाम था ?
उ. – शीला अग्रवाल
14. अरे यायावर रहेगा याद किस विधा की रचना है ? और किसके द्वारा रचित है ?
उ. – यात्रावृतांत, अज्ञेय
15. ’आवारा मसीहा’ किसके जीवन पर आधारित जीवनी है ?
उ. – शरतचन्द्र
16. ठकुरी बाबा रेखा चित्र महादेवी के किस रेखाचित्र संग्रह से लिया गया है ?
उ. – स्मृति की रेखाएं
17. रमणिका गुप्ता की आत्मकथा के कितने खण्ड है ?
उ. – दो खण्ड (पहला खण्ड – हादसे, दूसरा खण्ड – आपहुदरी)
18. विष्णु प्रभाकर को आवारा मसीहा जीवनी लिखने में कितना समय लगा ?
उ. – 14 वर्ष
19. ’जामुन का पेङ’ कहानी में पेङ के नीचे किसे आदमी के दबे होने का पता सबसे पहले किसे लगा ?
उ. – माली
20. हादसे किसकी आत्मकथा है ?
उ. – रमणिका गुप्ता
21. ’’ये तो माना कि तगाफ़ुल ना करोगे लेकिन खाक हो जाएँगे हम तुमको खबर होने तक’’। पंक्तियाँ किस रचना से ली गई है ?
उ. जामुन का पेङ
22. ’’यौन के बारे में भक्ष्य-अभक्ष्य क्या है, समाज इसका फैसला तो करता रहा है, पर उसने समझ के साथ अपने मानदंड नहीं बदले’’।
उ. – रमणिका गुप्ता
23. ’संस्कृति के चार अध्याय’ का प्रकाशन समय है –
उ. – 1956 ई.
24. यौन शोषण, शारीरिक संबंध, केदला, झारखंड के कोयला खदानों के राष्ट्रीयकरण, आदिवासी, दलितों किसानों के अधिकारों की लङाई आदि विषय किस आत्मकथा में देखे जा सकते हैं ?
उ. – आपहूदरी
25. ’मेरी तिब्बत यात्रा’ में कितने खण्ड है ?
उ. – 5 खण्ड
26. ’आदिम से आदमी तक’ कविता संग्रह किसका है ?
उ. – रमणिका गुप्ता
27. ’एक साहित्यिक की डायरी’ में पहले प्रकरण ’तीसरा क्षण’ में वर्ण्य विषय है ?
उ. – इस प्रकरण में मुक्तिबोध ने केशव के व्यक्तित्व एवं बौद्धिकता का चित्रण किया गया है।
28. ’मौसी’ किसके द्वारा रचित उपन्यास है ?
उ. – रमणिका गुप्ता
29. ’एक साहित्यिक की डायरी’ के ’हाशिये पर नोटस’ प्रकरण का वर्ण्य विषय है ?
उ. – इस प्रकरण के अन्तर्गत मुक्तिबोध के आलोचना की तटस्थता पर जोर दिया गया है।
30. ’काठ का सपना’ कहानी संग्रह किसके द्वारा रचित है ?
उ. – मुक्तिबोध
31. ’संस्कृति के चार अध्याय’ में चारों अध्यायों में प्रकरण की संख्या बताइये –
उ. – पहला अध्याय – तीन प्रकरण
दूसरा अध्याय – सात प्रकरण
तीसरा अध्याय – तेरह प्रकरण
चौथा अध्याय – सत्रह प्रकरण
32. किसे प्रगतिशील कविता और नयी कविता के बीच का सेतु भी माना जाता है ?
उ. – मुक्तिबोध
33. भोलाराम की आत्मा ने कितने दिन पहले देह त्यागी थी ?
उ. – पाँच दिन पहले
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34. ’’शब्दबद्ध होने की प्रक्रिया के भीतर जो प्रवाह बहता रहा है वह समस्त व्यक्तित्व और जीवन का प्रवाह होता है।’’ उपरोक्त कथन किसका है ?
उ. – मुक्तिबोध (एक साहित्यिक की डायरी, प्रथम प्रकरण – तीसरा क्षण)
35. ’आवारा मसीहा’ जीवनी के तीनों पर्वों के नाम लिखो –
उ. – 1. दिशाहारा, 2. दिशा की खोज, 3. दिशांत
36. ’’यथार्थ के तत्त्व परस्पर गुम्फित है यही कारण है कि मैं छोटी कविताओं लिख नहीं पाता’’। उपरोक्त कथन किसका है ?
उ. – मुक्तिबोध (एक साहित्यिक की डायरी, दूसरा प्रकरण – एक लंबी कविता का अंत)
37. ’डबरे पर सूरज’ निबंध किस शैली में लिखा गया है ?
उ. – व्यंग्य शैली
38. हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा के चार खण्डों के नाम लिखो –
उ. – 1. क्या भूलूँ क्या याद करूँ (1969 ई.)
2. नीङ का निर्माण फिर (1970 ई.)
3. बसेरे से दूर (1977 ई.)
4. दशद्वार से सोपान तक (1985 ई.)
39. ’’एक आलोचक को अपनी आलोचनात्मक भावना को प्रधान मानते हुए तटस्थ रूप से कृति की समीक्षा करनी चाहिए’’। उपरोक्त कथन किस निबंध से लिया गया है ?
उ. – मुक्तिबोध – (एक साहित्यिक की डायरी-हाशिये पर नोट्स)
40. किस निबंध में मुक्तिबोद्ध ने पुरानी परंपराओं के स्थान पर नए मूल्यों की स्थापना को अनिवार्य माना है ?
उ. – नए की जन्म कुंडली
41.किसकी बातों से प्रेरित होकर विष्णु प्रभाकर जी ने आवारा मसीहा जीवनी लिखी ?
उ. – नाथूराम शर्मा
42. तमिलनाडू के अतिप्राचीन मंदिरों का वर्णन अज्ञेय के किस यात्रावृतांत में है ?
उ. – अरे यायावर रहेगा याद
43. मेरी तिब्बत यात्रा किसकी रचना है ?
उ. – राहुल सांकृत्यायन का यात्रावृतांत
44. मेरी तिब्बत यात्रा यात्रावृतांत में तिब्बत में प्रवेश करने पर पहली यात्रा में लेखक कहाँ ठहरता है ?
उ. – डाम गाँव
45. इस यात्रा में शामिल दूसरे व्यक्ति का क्या नाम है ?
उ. – अभय सिंह
46. इस यात्रा वृतांत में किस माह से यात्रा प्रारंभ का वर्णन है ?
उ. – अप्रैल
47. रघुवीर जो हिंदी बोलता था वह किस स्थान पर रहता था ?
उ. – टशी-ल्हूपों का महाविहार
48. मुर्दहिया आत्मकथा में मुर्दहिया किसका नाम है ?
उ. – स्थान का
49. मुर्दहिया आत्मकथा को किस विमर्श की रचना कहा जा सकता है ?
उ. – दलित विमर्श
50. किस आत्मकथा में परूपर गाँव के एक ’मुसहर’ परिवार का जिक्र किया गया है? जो पलाश की पत्तियों से पत्तल बनाया करता था ?
उ. – मुर्दहिया
51. डाॅ. तुलसीदास के मन पर किसका गहरा प्रभाव था ?
उ. – बुद्ध का
52. मणिकर्णिका किस विधा की रचना है ?
उ. – डाॅ. तुलसीदास की आत्मकथा का दूसरा खंड
53. पर्सिया टू ईरान किसकी रचना है ?
उ. – डाॅ. तुलसीदास
54. डाॅ. तुलसीदास किस साहित्यिक पत्रिका के संपादक रह चुके हैं ?
उ. – अश्वघोष नामक प्रसिद्ध बुधिष्ट साहित्यिक पत्रिका
55. ’प्रेमचंद घर में है’’ किस विधा की रचना है ?
उ. – जीवनी
56. ’कोई भी लेखक न तो संपर्क-सबन्धविलीन हो सकता है न परिवेश-निरपेक्ष, इसलिए उन घटनाओं को तो इसका अनिवार्य हिस्सा होना ही था, जिन्होंने मात्र मेरी संवेदना को ही नहीं बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।’’
उपरोक्त कथन किसका है ?
उ. – मन्नू भंडारी (एक कहानी यह भी-भूमिका)।
57. राहुल सांकृत्यायन ने अपनी तिब्बत यात्रा किस छद्म वेश में की थी ?
उ. – भिखारी के
58. मन्नू भण्डारी द्वारा रचित आत्मपरक शैली में लिखी हुई आत्मकथा है
उ. – एक कहानी यह भी ।
59. ’’मैं जब सब परिधियाँ बाँध सकती थी, सीमाएँ तोङ सकती थी,
सीमाओं में रहना मुझे हमेशा कचोटता रहा है, सीमा तोङने का आभास
ही मुझे अत्यधिक सुखकारी लगता है, मैं वर्जनाएँ तोङ सकती हूँ, अपनी
देह की मैं खुद मालिक हूँ, मैं संचालक हूँ, संचालित नहीं।’’
ये पंक्तियाँ किस आत्मकथा से उद्धृत हैं ?
उ. – आपहुदरी
60. रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित कौन-सा ग्रन्थ ’भारतीय एकता का सैनिक’ कहा जाता है ?
उ. – संस्कृति के चार अध्याय
61. ’’संस्मरण लेखक की स्मृति से सम्बन्ध रखता है और स्मृति में वहीं अंकित रह जाता है जिसने उसके भाव या बोध को कभी गहराई में उद्वेलित किया हो।’’ संस्मरण के सम्बन्ध में यह कथन किसका है ?
उ. – महादेवी वर्मा
62. ’’बेनीपुरी जी ने चतुर पारखी जौहरी की भाँति जहाँ-कहीं भी पात्र मिले, उन्हें लेकर अपनी कुशल लेखनी से पात्र का चित्र खङा कर दिया। विषय की जितनी विविधता और शैली का जितना अद्भुत चमत्कार बेनीपुरी जी में मिलता है, उतना अन्यत्र नहीं।’’ यह कथन किसका है ?
उ. – डाॅ. हरवंशलाल शर्मा
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