आज के आर्टिकल में हम हिंदी साहित्य के चर्चित कवि नागार्जुन (Nagarjun ka Jivan Parichay) के परिचय के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि आपको नई जानकारी मिल सके ।
नागार्जुन कवि परिचय – Nagarjun ka Jivan Parichay
Table of Contents
कवि नागार्जुन
नाम | नागार्जुन |
मूलनाम | वैद्यनाथ मिश्र |
उपनाम | नागार्जुन, यात्री, ढक्कन मिश्र, वैदेह, बाबा |
जन्मतिथि | 30 जून 1911 |
जन्मस्थल | ग्राम सतलखा (दरभंगा), पैतृक ग्राम-तरौनी (दरभंगा) |
माता का नाम | उमादेवी |
पिता का नाम | गोकुल मिश्र |
उपाधि | प्रगतिवाद का श्लाका पुरुष, ‘आधुनिक युग का कबीर‘, ग्राम्य कवि-रामविलास शर्मा। |
संपादन | दीपक नामक पत्रिका का संपादन’, विश्वबंधु (लाहौर), कौमी आवाज (हैदराबाद)। |
मृत्यु | 5 नवम्बर 1998 |
मैथिली भाषा की प्रथम कविता 1929 में ’मिथिला’ पत्रिका में यात्री नाम से छपी। खङी बोली हिंदी की प्रथम कविता ’राम के प्रति’ (1934) में ’विश्वबंधु’ पत्रिका लाहौर से छपी।
काव्य रचना – Nagarjun ka Jivan Parichay
युगधारा | 1953 |
सतरंगे पंखों वाली | 1959 |
प्यासी पथराई आँखें | 1962 |
भस्मांकुर | 1974, खंडकाव्य |
तालाब की मछलियाँ | 1974 |
तुमने कहा था | 1980 |
खिचङी विप्लव देखा हमने | 1980 |
हजार-हजार बाँहों वाली | 1981 |
पुरानी जूतियों की कोरस | 1983 |
रत्नगर्भ | 1984 |
ऐसे भी हम क्या! ऐसे भी तुम क्या | 1985 |
आखिर ऐसा क्या कह दिया मैंने | 1986 |
इस गुब्बारे की छाया में | 1989 |
भूल जाओ पुराने सपने | 1994 |
अपने खेत में | 1997 |
भूमिजा | 1997 |
मैं मिलिटरी का बूढ़ा घोङा | 1997 |
युगधारा – बादलों को घिरते देखा है, प्रेत का बयान, भारतमाता आदि संकलित।
सतरंगे पंखों वाली – खुरदरे पैर, अकाल और उसके बाद, कालिदास, सिंदूर तिलंकित भाल, यह दंतुरित मुस्कान, जैसी प्रसिद्ध कविताएँ संकलित।
खिचङी विप्लव देखा हमने – इंदु जी क्या दुआ आपको, चंदू मैंने सपना देखा, प्रतिबद्ध हूँ, हरिजन गाथा जैसी व्यंग्य परक रचनाएँ शामिल’ आपातकाल के दौरान रचित कविताएँ।
हजार हजार बाँहो वाली – भारतीय जनकवि का प्रणाम, सच न बोलना, बेतवा किनारे, प्रतिहिंसा ही स्थायी भाव है, बाकी बच गया अंडा आदि कविताएँ संकलित।
इस गुब्बारे की छाया में – भारतभाग्य विधाता, भारत पुत्री नगरवासिनी संकलित।
पुरानी जूतियों की कोरस – भारतेंदु, भगतसिंह नामक कविता संकलित।
प्रसिद्ध कवितायें –
- प्रेत का बयान
- अकाल और उसके बाद
- कालीमाई
उपन्यास –
रतिनाथ की चाची (1948), बलचनामा (1952) (बलचनामा उपन्यास “मैला आँचल” से पूर्व प्रकाशित हुआ था ,इसमें आंचलिकता की कमी नही फिर भी इसे प्रथम आँचलिक उपन्यास नही माना गया।), नयी पौध (1953), बाबा बटेसरनाथ (1954), वरुण के बेटे (1956), दुखमोचन (1957), कुंभीपाक (1960, पूर्व में चंपानाम), हीरक जयन्ती (1962, पूर्व में अभिनंदन नाम), उग्रतारा (1963), जमनिया का बाबा (1968, पूर्व में इमरतिया नाम), गरीबदास (1990)।
कहानी संग्रह – आसमान में चंदा तैरे (1982)। प्रथम कहानी – अकिंचन (1936, ढीपक में)।
संस्मरण – एक व्यक्ति: एक युग (1963) – निराला पर।
मैथिली काव्य – चित्रा (1949), पत्रहीन नग्न गाह्य (1967)
आलोचना ग्रंथ – नागार्जुन रचनावली (2003) – शोभाकांत
नागार्जुन का कवि कर्म (2013) – खगेन्द्र ठाकुर।
आत्मकथा – विषकीट – 1999
विशेष – नागार्जुन – साहित्य अकादमी सम्मान (1969) – ’पत्र हीन नग्न गाछ’ हेतु।
ये जन्म से कवि, प्रकृति से घुमक्कङ एवं विचारों से मूलतः मार्क्सवादी थे।
निबंध – मृत्युंजय कवि तुलसीदास, बंभभोलेनाथ, अन्न हीनम्, क्रिया हीनम् आदि।
जीवनी – बाबूजी – शोभाकांत ने लिखी (1991)।
कथन –
नामवर सिंह – ’’यह निर्विवाद है कि कबीर के बाद हिंदी कविता में नागार्जुन से बङा व्यंग्यकार अभी तक कोई नहीं हुआ।’’
महत्त्वपूर्ण तथ्य – Nagarjun ka Jivan Parichay
- मैथिली भाषा ने “यात्री” नाम से लिखते थे।
- बौद्ध धर्म ग्रहण करने के बाद “नागार्जुन” नाम पड़ा।
- अंधविश्वास के कारण इनको “ढक्कन “भी कहा जाता है।
- प्रगतिवादी काव्य के सशक्त हस्ताक्षर।
- दीपक पत्रिका के संपादक रहे ।
- “मजदूरों के हिमायती कवि ।”
- पत्रहीन नगनगाछ(मैथिली) रचना पर साहित्य अकादमी पुरस्कार
- इन्होंने मैथिली साहित्यकार के रूप में रूस की यात्रा की।
- इंदिरा गांधी की राजनीति को केंद्र बनाकर उन पर आरोप लगाकर
काव्य सर्जन किया। - स्वतंत्रता के बाद केवल कविताओं के लिए जेल जाने वाले हिंदी कवियों म सिर्फ “नागार्जुन ” ही है ।
- व्यंग्यपरक रचनाओं के कुशल शिल्पी
माने जाते है । - कबीर के उपरान्त जनविरोधी शक्ति को सर्वाधिक खुली चुनौती देने वाले साहित्यकार नागार्जुन ही है ।
- प्रथम हिंदी कविता -राम के प्रति (1935 विश्वबन्धु पत्रिका में )
- भूमिजा- इनकी लम्बी कविता है ।
निष्कर्ष :
आज के आर्टिकल में हमनें हिंदी साहित्य के चर्चित कवि नागार्जुन का जीवन परिचय (Nagarjun ka Jivan Parichay) के परिचय के बारे में विस्तार से पढ़ा ,हम आशा करतें है कि जरुर आपको अच्छी जानकारी मिली होगी।
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