आदिकाल टेस्ट सीरीज 201 से 250 तक:-
Table of Contents
201.बीसलदेव रासो का प्रधान रस~~ श्रृंगार रस
202.पृथ्वीराज रासो के वृहद रुपांतरण में कुल कितने सर्ग है~~69
203.’गोरखबानी’ के संपादक ~~पीतांबर दत्त बड़थ्वाल
204.नारी निंदा किस संप्रदाय में मिलती है~~ नाथपंथ में
205.नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी कमजोरी थी ~~गृहस्थों का अनादर
206.मैथिली में हिंदी में रचित गद्य रचना~~ वर्णरत्नाकर
207.पृथ्वीराज रासो में सर्वाधिक विवादित पक्ष है~~ ऐतिहासिकता
208.राहुल सांकृत्यायन द्वारा संपादित ‘दोहाकोश’ में किस कवि की रचनाएँ संपादित की गई है~~ सरहपा
209.आदिकाल में चरित काव्य सर्वाधिक किस साहित्य में~~ जैन साहित्य
210.चरित काव्य किस छंद में अधिक लिखे गए~~ दोहा- चौपाई
हिंदी साहित्य का आदिकाल
211.जैन साहित्य में रामकथा किस नाम से स्वयंभू द्वारा लिखी गई~~ पउम चरिउ
212.अपभ्रंश का वाल्मीकि~~ स्वयंभू
213.अपभ्रंश का व्यास~~ पुष्पदंत
214.बीसलदेव रासो के रचयिता~ नरपति नाल्ह
215.प्राकृत पैंगलम किस विषय पर केंद्रित रचना है~~ छंदशास्त्र
216.अभिनव जयदेव और कवि कोकिल की उपाधि मिली~~ विद्यापति को
217.विद्यापति शैव मत के अनुयायी थे।
218.विद्यापति किस नरेश के दरबारी कवि थे~~ राजा शिवसिंह
219.खुमाण रासो की प्रमाणित प्रति किस संग्रहालय में संग्रहित की गई है~~ पुणे संग्रहालय में
220.बीसलदेव रासो में 125 छंद है
हिंदी साहित्य का आदिकाल
221.आदिकाल की राजनीतिक पृष्ठभूमि थी~~ हर्षवर्धन साम्राज्य का पतन
222.हिंदी मुक्तक काव्य परंपरा का सबसे प्रिय छंद जो आदिकालीन साहित्य की देन माना गया~~ दोहा
223.संदेश रासक एक विरह काव्य है
224.बीसलदेव रासो एक गेय काव्य है
225.आल्हा और उदल नाम के दो वीर सरदारों की कहानी है~~ परमाल रासो में
226.सिद्ध और नाथ साहित्य का विषय व शैलीगत प्रभाव परिवर्ती किस काल के साहित्य पर लक्षित होता है~~भक्तिकालीन
227.जैन और नाथ कवियों द्वारा रचित काव्यों का सर्वोपरि उद्देश्य था~~ धर्मोपदेश
228.अमीर खुसरो के सूफी गुरु थे~~ निजामुद्दीन औलिया
229.मैथिली एक मैथिली शब्दकोश है।
230.भक्तिकाल की समय अवधि में जन्म लेकर भी आदिकाल की श्रेणी में किस कवि को रखा जाता है~~विद्यापति
231.’दैसिल बउना सब जन मिट्ठा, ते तेसन जपहो अवहट्ठा’ पंक्ति है~~ विद्यापति
232.आदिकाल में सर्वप्रथम बारहमासा वर्णन किया गया`~ बीसलदेव रासो
233.अपभ्रंश व्याकरण के रचयिता है~~ हेमचंद्र
234.णयकुमार चरिउ (नागकुमार चरित) के रचनाकार है~~पुष्पदंत
235.कुमारपाल प्रतिबोध~~सोमप्रभ सुरि
- कुमारपाल चरित~~ हेमचंद्र
हिंदी साहित्य का आदिकाल
237.आचार्य शुक्ल ने पृथ्वीराज रासो को अप्रमाणिक माना।
238.जयचन्द प्रकाश~~ भट्ट केदार
239.’अभि-अंतर की त्यागे माया,दुबध्या मेटि सहज में रहैं’ – पंक्ति है~~गोरखनाथ
240.चौरासी सिद्धों में प्रथम सिद्ध थे~~ सरहपा
241.’पृथ्वीराज रासो’ को शुक- शुकी संवाद के रूप में रचित मानने वाले आलोचक~~ हजारी प्रसाद द्विवेदी
242.आदिकाल को अत्यधिक विरोधी और व्यघातों का युग कहा~~ हजारी प्रसाद द्विवेदी
243.कीर्तिलता वह कीर्तिपताका की भाषा~~ अवहट्ट
244.अपभ्रंश में कृष्ण काव्य के प्रणेता है~` पुष्पदंत
- तिरेसठ शलाका पुरुषों के जीवन का वर्णन हुआ है~~ महापुराण (पुष्पदंत)
246.पृथ्वीराज रासो के प्रथम विदेशी उद्धारकर्ता के रूप में प्रसिद्ध हुए हैं~~ कर्नल जेम्स टॉड
247.’एक नार ने अचरज किया, सांप मार पिंजरे में दिया’ पंक्ति है~~ अमीर खुसरो
248.’भल्ला हुआ जु मारिया बहिणी म्हारा कंतु’- पंक्ति है~~हेमचंद्र
249.आदिकाल का अधिकतम साहित्य किस प्रांत से प्राप्त हुआ है~~ राजस्थान
250.हिंदी में नखशिख परंपरा का आरंभ किस रचना से हुआ है~~ राउलबेल
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