आज की पोस्ट में हम हिंदी व्याकरण में पदबंध(Padbandh) के बारे में पढेंगे इसके अंतर्गत हम पदबंध की परिभाषा(Padbandh ki paribhasha), पदबंध किसे कहते है(Padbandh kise kahate hain) , पदबंध के कितने भेद होते है(Padbandh ke kitne bhed hote hain), Padbandh in hindi – इन बिन्दुओं पर हम चर्चा करेंगे पदबंध क्या है ,इस पर चर्चा करेंगे ।
दोस्तो सबसे पहले हम पदबंध को सरल तरीके से समझेगें।
शब्द- वर्णों के स्वतंत्र व सार्थक मेल को शब्द कहते है।
जैसे- कमल, फूल, तालाब, सुंदर, खिलना, बहुत आदि।
पद- व्याकरणिक नियमों में बंधकर जब शब्द वाक्य में प्रयुक्त हो जाता है तब वह पद बन जाता है।
जैसे- तालाब में खिला कमल का फूल बहुत सुंदर है।
पदबंध किसे कहते है – Padbandh kise kahate hain
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वाक्य की रचना अनेक पदों के मेल से होती है और एक से अधिक पद मिलकर जब एक इकाई का काम करते है तो वे पदबंध(Padbandh) कहलाते है।
पदबंध की पहचान के लिए कुछ बातों का ध्यान देना अतिआवश्यक है-
1. पदबंध वाक्य का एक अंश है अर्थात् वाक्यांश है इसलिए पदबंध को पूरा वाक्य समझने की भूल नहीं करनी चाहिए।
2. पदबंध में एक से अधिक पद होते है और ये सभी पद आपस में बंधकर एक इकाई का काम करते है इसीलिए ये पदबंध कहलाते है।
3. प्रत्येक पदबंध में एक मुख्य पद होता है और बाकी पद उस मुख्य पद पर आश्रित होते है।
पदबंध के उदाहरण – Padbandh ke Udaharan
- तालाब में खिला कमल का फूल बहुत सुंदर है।
- इस उदाहरण में कमल पद मुख्य पद है और बाकि पद इस पद पर आश्रित है। तालाब में खिला कमल ये तीनों पद आपस में बंधकर पदबंध बना रहे है।
- वाक्यांश का अंतिम पद कमल संज्ञा है इसलिए यह संज्ञा पदबंध है।
- वास्तव में मुख्य पद के आधार पर ही पदबंध का निर्धारण किया जाता है।
- पदों का समूह जब मिलकर वही कार्य करने लगता है जो एक अकेला पद कर रहा है तो उसे पदबंध कहते है।
पदबंध की परिभाषा – Padbandh ki paribhasha
परिभाषा – वाक्य में प्रयोग किए जाने वाले शब्द ’पद’ कहलाते हैं। जब एक से अधिक पद मिलकर व्याकरण पर आधारित इकाई का निर्माण करते हैं तब उस बँधी हुई इकाई को पदबंध(Padbandh) कहते हैं। जैसे – देवकी नन्दन कृष्ण ने गोपियों का मन मोह लिया।
यहाँ देवकी नन्दन कृष्ण कर्ता कारक का कार्य कर रहा है। अतः यह एक पदबंध है।
शीर्ष और आश्रित पद – पदबंध में भी एक पद शीर्ष पद होता है। वह अन्य पदों का केन्द्र होता है। शेष पद उस पर आश्रित होते हैं। जैसे – देवकी नन्दन कृष्ण में कृष्ण शीर्ष पर है। ’देवकी नंदन’ कृष्ण पर आश्रित है।
अन्य उदाहरण –
सामने एक बहुत सुन्दर बच्चा खेल रहा है। यहाँ ’बच्चा’ शीर्ष पद पर है तथा शेष पद उस पर आश्रित है। इसी प्रकार ’एक बहुत सुन्दर’ में भी ’सुन्दर’ शीर्ष पर है। एक बहुत उस पर आश्रित है।
शीर्ष की पहचान – शीर्ष पद की भूमिका को पहचानने के लिए पदबंध की भूमिका को पहचानना आवश्यक है। यहाँ यह देखना आवश्यक है कि वह का कार्य कर रहा है, या विशेषण, सर्वनाम, क्रिया अथवा क्रिया-विशेषण का कार्य कर रहा है। अब उस पदबंध के स्थान पर न्यूनतम एक पद को रखकर देखें। कौनसा पद वाक्य के अर्थ को संगति बनाए हुए है। यही उसका शीर्ष पद है। यहाँ ’दशरथ नन्दन राम वन को गया।’ यहाँ ’राम वन को गया’ भी संगत है। अतः ’राम’ ही इसका शीर्ष पद है। पूरा वाक्य ’राम’ पर ही आधारित है। इसके अतिरिक्त अन्य वाक्य तर्क-संगत नहीं हैं।
पदबंध के कितने भेद होते है – Padbandh ke kitne bhed hote hain
पदबंध 5 प्रकार के होते हैं –
- संज्ञा पदबंध
- सर्वनाम पदबंध
- विशेषण पदबंध
- क्रिया पदबंध
- क्रिया विशेषण पदबंध
1. संज्ञा पदबंध किसे कहते है – Sangya Padbandh kise kahate hain
वाक्य में संज्ञा -पदों की जगह प्रयुक्त होने वाला पदबंध संज्ञा पदबंध(Sangya padbandh) कहलाता है। स्वाभाविक रूप से संज्ञा-पदबंध के साथ भी संज्ञा-पदबंध की तरह कारक-चिह्नों का प्रयोग होता है।
संज्ञा पदबंध के उदाहरण – Sangya padbandh ke Udaharan
(1) सामने के मकान में रहने वाला लङका आज चला गया।
(2) स्वागतार्थ आए हुए लोगों से घिर हुए श्रीकृष्ण ने नगर में प्रवेश किया।
(3) पास के घर में रहने वाला व्यक्ति मेरा परिचित है।
(4) देश के लिए मर मिटने वाला व्यक्ति देशभक्त होता है।
(5) दशरथ पुत्र राम ने रावण को मार डाला।
(6) वह बूढ़ा आदमी शीला का प्रति है।
2. सर्वनाम पदबंध किसे कहते है – Sarvanam padbandh kise kahate hain
वाक्य में सर्वनाम पद का कार्य करने वाले पदबंध सर्वनाम पदबंध(Sarvanam padbandh) कहलाते हैं।
सर्वनाम पदबंध के उदाहरण – Sarvanam padbandh ke Udaharan
(1) शेर की तरह दहाङने वाले तुम काँप क्यों रहे हो ?
(2) बङी शेखियाँ बघारने वाला वह आज मुँह की खाए बैठा है।
(3) है यहाँ ऐसा कोई! जो इस शेर को पकङ ले।
(4) तकदीर का मारा मैं कहाँ आ पहुँचा?
(5) चोट चाए हुए भला तुम क्या खेलोगे?
3. विशेषण पदबंध किसे कहते है – Visheshan padbandh kise kahate hain
जो पदबंध संज्ञा या सर्वनाम के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं उन्हें विशेषण पदबंध(Visheshan padbandh) कहा जाता है। विशेषण पदबंध में एक पदबंध शीर्ष पद पर स्थित होता है तथा शेष पद प्रविशेषण बनकर प्रयुक्त होते हैं। जैसे – कपिल बहुत अच्छा खिलाङी है। यहाँ ’बहुत अच्छा’ विशेषण पदबंध है क्योंकि यह खिलाङी की विशेषता प्रकट करता है। ’अच्छा’ शीर्ष पद है तथा ’बहुत’ प्रविशेषण ’अच्छा’ की विशेषता प्रकट कर रहा है।
विशेषण पदबंध के उदाहरण – Visheshan padbandh ke Udaharan
(1) तुम उसे किताबों का कीङा कहते हों।
(2) जोर-जोर से चिल्लाने वाले तुम अब चुप क्यों हो?
(3) मीठे-मीठे सपने देखने वाले लोग अकर्मण्य होते हैं।
(4) तुम उसे काम चोर कहते हों।
(5) सस्ता खरीदा हुआ कपङा नहीं चलता।
जैसे-
मोहन का भाई सोहन (संज्ञा पदबंध)
मोहन का भाई (विशेषण पदबंध)
जोर-जोर से चिल्लाने वाले तुम (सर्वनाम पदबंध)
जोर-जोर से चिल्लाने वाले (विशेषण पदबंध)
विधेय विशेषण पदबंध अवश्य ही स्वतंत्र रूप में प्रयुक्त होते हैं।
जैसे –
(1) मोहन सबसे अधिक परिश्रमी छात्र है।
(2) यहाँ के अध्यापक परिश्रमी, प्रतिभावान तथा गुणवान हैं।
4. क्रिया पदबंध किसे कहते है – Kriya padbandh kise kahate hain
एक से अधिक क्रिया-पद मिलकर जहाँ क्रिया का कार्य समाप्त करते हैं, वहाँ क्रिया पदबंध(Kriya padbandh) होता है।
जैसे – ’मुझे सुनाई पङ रहा है।’
स्पष्टीकरण – यहाँ ’सुनाई पङ रहा है’ पदबंध ’क्रिया पदबंध’ का कार्य कर रहा है। अतः क्रिया पदबंध है।
क्रिया पदबंध के उदाहरण – kriya padbandh ke Udaharan
(1) मैं लिख सकता हूँ।
(2) विद्यार्थी पढ़कर सो गए हैं।
(3) अब तो हम से चला भी नहीं जा रहा है।
(4) नाव पानी में डूबती चली गई।
(5) हरि को घर सो जाना चाहिये था।
(6) श्याम खाना पका सकता है।
क्रिया पदबंध में मुख्य क्रिया शीर्ष पद पर होती है। शेष पद जैसे – रंजक क्रिया, समापिका क्रिया तथा संयोजी क्रिया उस पर आश्रित होते है। क्रिया विशेषण भी मुख्य क्रिया का आश्रित बनकर प्रयोग होता है। अतः क्रिया पर आधारित होता है।
जैसे-
(1) बालिका नाचती है
(2) मैं चल सकता हूँ
(3) छात्र थककर चूर हो गया।
(4) यहाँ तो लिखा ही नहीं जाता।
(5) देखो, कहीं खो न जाओ।
(6) शीला हारकर मजबूर हो गयी।
5. क्रिया विशेषण पदबंध किसे कहते है – Kriya Visheshan Padbandh kise kahate hain
’’क्रिया विशेषण के स्थान पर प्रयोग होने वाले एकाधिक पदों का समूह क्रिया विशेषण पदबंध(Kriya Visheshan Padbandh) कहलाता है।’’
जैसे – सोहन बहुत धीरे-धीरे बोलता है। यहाँ बहुत धीरे-धीरे क्रिया विशेषण पदबंध है क्योंकि यह बोलना क्रिया की विशेषता बतलाता है। इसमें धीरे क्रिया विशेषण शीर्ष पद है तथा बहुत आश्रित पद है।
क्रिया विशेषण पदबंध के उदाहरण – Kriya Visheshan Padbandh ke Udaharan
(1) पिछले दिनों की अपेक्षा आज गर्मी अधिक है।
(2) आगरा से अलीगढ़ तक एक लंबा मार्ग है।
(3) श्याम पहले की अपेक्षा बहुत तेज दौङा।
(4) कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है।
(5) राजू देखता हुआ धीरे-धीरे दुकानदार के पास पहुँचा।
पदबंध और उपवाक्य में भिन्नता – उपवाक्य भी पदबंध के समान पदों का समूह है लेकिन इससे अपूर्ण भाव ही प्रकट होता है।
पदबंध में क्रिया नहीं होती जबकि उपवाक्य में क्रिया रहती है।
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THANK YOU SO MUCH
जी धन्यवाद
Explained in a very good manner.
Thanks a lot
thnx
आप ने बहुत अच्छे तरीके से विषय का प्रतिपादन किया है| तहे दिल से धन्यवाद कहता हूँ| एक वाक्य को अलग-अलग ढंग से रेखांकित करके विभिन्न पदबंध के नाम दे सकते हैं ?
जैसे – इस छात्रावास में रहने वाले छात्रों में से कुछ फुटबाल के बहुत शौकीन हैं| ( संज्ञा पदबंध)
इस छात्रावास में रहने वाले छात्रों में से कुछ फुटबाल के बहुत शौकीन हैं| ( सर्वनाम पदबंध)
सामने की दुकान पर चाय पीने वाला लड़का अपने घर चला गया| इस वाक्य को क्रमशः विशेषण,संज्ञा तथा क्रिया पदबंध बना सकते हैं ?
इन सभी उत्तर को अंक मिल या दे सकते हैं ?
सुझाव के लिए धन्यवाद
Sir ji namaskar. Vah char kadam chal kar thaq gya me kitne padbandh h?