दोस्तो आज हम आपके लिए नया विषय ले कर आए है आज हम जानेगे कि हिन्दी व्याकरण मे अव्यय(Avyay) क्या होता है आज आप अच्छे से अव्यय के बारे मे जान पाएंगे, और इस विषय से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण प्रश्न भी पढ़ेंगे।
अव्यय की परिभाषा
Table of Contents
अव्यय क्या होता है – Avyay kya hota hai
⇒ अव्यय का शाब्दिक अर्थ होता है – जिन शब्दों के रूप में लिंग , वचन , पुरुष , कारक , काल आदि की वजह से कोई परिवर्तन नहीं होता उसे अव्यय(Avyay) शब्द कहते हैं। अव्यय शब्द हर स्थिति में अपने मूल रूप में रहते हैं। इन शब्दों को अविकारी शब्द भी कहा जाता है।
अव्यय के उदाहरण – Avyay ke udaharan
जब , तब , अभी ,अगर , वह, वहाँ , यहाँ , इधर , उधर , किन्तु , परन्तु , बल्कि , इसलिए , अतएव , अवश्य , तेज , कल , धीरे , लेकिन , चूँकि , क्योंकि आदि।
अव्यय के भेद – Avyay ke bhed
- क्रिया-विशेषण अव्यय(Kriya Visheshan)
- संबंधबोधक अव्यय
- समुच्चयबोधक अव्यय
- विस्मयादिबोधक अव्यय
- निपात अव्यय
1. क्रिया विशेषण अव्यय (Kriya Visheshan)
जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का पता चलता है उसे क्रिया -विशेषण(Kriya visheshan) कहते हैं। जहाँ पर- यहाँ , तेज , अब , रात , धीरे-धीरे , प्रतिदिन , सुंदर , वहाँ , तक , जल्दी , अभी , बहुत आते हैं वहाँ पर क्रियाविशेषण अव्यय होता है।
क्रिया विशेषण अव्यय के उदाहरण
- वह यहाँ से चला गया।
- घोडा तेज दौड़ता है।
- अब पढना बंद करो।
- बच्चे धीरे-धीरे चल रहे थे।
- वे लोग रात को पहुँचे।
- सुधा प्रतिदिन पढती है।
- वह यहाँ आता है।
- रमेश प्रतिदिन पढ़ता है।
- सुमन सुंदर लिखती है।
- मैं बहुत थक गया हूं।
क्रिया विशेषण अव्यय के भेद – Kriya Visheshan avyay ke bhed
1. कालवाचक क्रियाविशेषण अव्यय
2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण अव्यय
3. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण अव्यय
4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण अव्यय
1. कालवाचक क्रियाविशेषण अव्यय किसे कहतें है – Kaal vachak kriya visheshan avyay kise kahate Hain
जिन अव्यय शब्दों से कार्य के व्यापार के होने का पता चले उसे कालवाचक क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं।
क्रियाविशेषण अव्यय के उदाहरण
आजकल , अभी , तुरंत , रातभर , दिन , भर , हर बार , कई बार , नित्य , कब , यदा , कदा , जब , तब , हमेशा , तभी , तत्काल , निरंतर , शीघ्र पूर्व , बाद , पीछे , घड़ी-घड़ी , अब , तत्पश्चात , तदनन्तर , कल , फिर , कभी , प्रतिदिन , दिनभर , आज , परसों , सायं , पहले , सदा , लगातार आदि आते है वहाँ पर कालवाचक क्रियाविशेषण अव्यय होता है।
जैसे :- (i) वह नित्य टहलता है।
(ii) वे कब गए।
(iii) सीता कल जाएगी।
(iv) वह प्रतिदिन पढ़ता है।
(v) दिन भर वर्षा होती है।
(vi) कृष्ण कल जायेगा।
2. स्थान क्रियाविशेषण अव्यय किसे कहतें है – Sthan vachak kriya visheshan avyay kise kahate Hain
जिन अव्यय शब्दों से कार्य के व्यापार के होने के स्थान का पता चले उन्हें स्थानवाचक क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं।
जहाँ पर यहाँ , वहाँ , भीतर , बाहर , इधर , उधर , दाएँ , बाएँ , कहाँ , किधर , जहाँ , पास , दूर , अन्यत्र , इस ओर , उस ओर , ऊपर , नीचे , सामने , आगे , पीछे , आमने आते है वहाँ पर स्थानवाचक क्रियाविशेषण अव्यय होता है।
जैसे :- (i) मैं कहाँ जाऊं ?
(ii) तारा कहाँ अवम किधर गई ?
(iii) सुनील नीचे बैठा है।
(iv) इधर -उधर मत देखो।
(v) वह आगे चला गया।
(vi) उधर मत जाओ।
3. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण अव्यय किसे कहतें है – Pariman vachak kriya visheshan avyay kise kahate Hain
जिन अव्यय शब्दों से कार्य के व्यापार के परिणाम का पता चलता है उसे परिमाणवाचक क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं। जिन अव्यय शब्दों से नाप-तोल का पता चलता है।
जहाँ पर थोडा , काफी , ठीक , ठाक , बहुत , कम , अत्यंत , अतिशय , बहुधा , थोडा -थोडा , अधिक , अल्प , कुछ , पर्याप्त , प्रभूत , न्यून , बूंद-बूंद , स्वल्प , केवल , प्राय: , अनुमानत: , सर्वथा , उतना , जितना , खूब , तेज , अति , जरा , कितना , बड़ा , भारी , अत्यंत , लगभग , बस , इतना , क्रमश: आदि आते हैं वहाँ पर परिमाणवाचक क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं।
जैसे :- (i) मैं बहुत घबरा रहा हूँ।
(ii) वह अतिशय व्यथित होने पर भी मौन है।
(iii) उतना बोलो जितना जरूरी हो।
(iv) रमेश खूब पढ़ता है।
(v) तेज गाड़ी चल रही है।
(vi) सविता बहुत बोलती है।
(vii) कम खाओ।
4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण अव्यय – Riti vachak kriya visheshan avyay kise kahate Hain
जिन अव्यय शब्दों से कार्य के व्यापार की रीति या विधि का पता चलता है उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं।
रीतिवाचक क्रियाविशेषण अव्यय के उदाहरण
ऐसे , वैसे , अचानक , इसलिए , कदाचित , यथासंभव , सहज , धीरे , सहसा , एकाएक , झटपट , आप ही , ध्यानपूर्वक , धडाधड , यथा , ठीक , सचमुच , अवश्य , वास्तव में , निस्संदेह , बेशक , शायद , संभव है , हाँ , सच , जरुर , जी , अतएव , क्योंकि , नहीं , न , मत , कभी नहीं , कदापि नहीं , फटाफट , शीघ्रता , भली-भांति , ऐसे , तेज , कैसे , ज्यों , त्यों आदि आते हैं वहाँ पर रीतिवाचक क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं।
जैसे :-
- जरा , सहज एवं धीरे चलिए।
- हमारे सामने शेर अचानक आ गया।
- कपिल ने अपना कार्य फटाफट कर दिया।
- मोहन शीघ्रता से चला गया।
- वह पैदल चलता है।
2. संबंधबोधक अव्यय – Sambandh bodhak avyay
जिन अव्यय शब्दों के कारण संज्ञा के बाद आने पर दूसरे शब्दों से उसका संबंध बताते हैं उन शब्दों को संबंधबोधक शब्द कहते हैं। ये शब्द संज्ञा से पहले भी आ जाते हैं।
जहाँ पर बाद , भर , के ऊपर , की और , कारण , ऊपर , नीचे , बाहर , भीतर , बिना , सहित , पीछे , से पहले , से लेकर , तक , के अनुसार , की खातिर , के लिए आते हैं वहाँ पर संबंधबोधक अव्यय होता है।
संबंधबोधक अव्यय के उदाहरण
- मैं विद्यालय तक गया।
- स्कूल के समीप मैदान है।
- धन के बिना व्यवसाय चलाना कठिन है।
- सुशील के भरोसे यह काम बिगड़ गया।
- मैं पूजा से पहले स्नान करता हूँ।
- मैंने घर के सामने कुछ पेड़ लगाये हैं।
- उसका साथ छोड़ दीजिये।
- छत पर कबूतर बैठा है।
- राम भोजन के बाद जायेगा।
- मोहन दिन भर खेलता है।
- छत के ऊपर राम खड़ा है।
- रमेश घर के बाहर पुस्तक रख रहा था।
- पाठशाला के पास मेरा घर है।
- विद्या के बिना मनुष्य पशु है।
प्रयोग की पुष्टि से संबंधबोधक अव्यय के भेद :-
- सविभक्तिक
- निर्विभक्तिक
- उभय विभक्ति
1. सविभक्तिक :-
जो अव्यय शब्द विभक्ति के साथ संज्ञा या सर्वनाम के बाद लगते हैं उन्हें सविभक्तिक कहते हैं। जहाँ पर आगे , पीछे , समीप , दूर , ओर , पहले आते हैं वहाँ पर सविभक्तिक होता है।
जैसे :- (i) घर के आगे स्कूल है।
(ii) उत्तर की ओर पर्वत हैं।
(iii) लक्ष्मण ने पहले किसी से युद्ध नहीं किया था।
2. निर्विभक्तिक :-
जो शब्द विभक्ति के बिना संज्ञा के बाद प्रयोग होते हैं उन्हें निर्विभक्तिक कहते हैं। जहाँ पर भर , तक , समेत , पर्यन्त आते हैं वहाँ पर निर्विभक्तिक होता है।
जैसे :- (i) वह रात तक लौट आया।
(ii) वह जीवन पर्यन्त ब्रह्मचारी रहा।
(iii) वह बाल बच्चों समेत यहाँ आया।
3. उभय विभक्ति :-
जो अव्यय शब्द विभक्ति रहित और विभक्ति सहित दोनों प्रकार से आते हैं उन्हें उभय विभक्ति कहते हैं। जहाँ पर द्वारा , रहित , बिना , अनुसार आते हैं वहाँ पर उभय विभक्ति होता है।
जैसे :- (i) पत्रों के द्वारा संदेश भेजे जाते हैं।
(ii) रीति के अनुसार काम होना है।
3. समुच्चयबोधक अव्यय – Samuchaya bodhak avyay
जो शब्द दो शब्दों , वाक्यों और वाक्यांशों को जोड़ते हैं उन्हें समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं। इन्हें योजक भी कहा जाता है। ये शब्द दो वाक्यों को परस्पर जोड़ते हैं।
जैसे :
और , तथा , लेकिन , मगर , व , किन्तु , परन्तु , इसलिए , इस कारण , अत: , क्योंकि , ताकि , या , अथवा , चाहे , यदि , कि , मानो , आदि , यानि , तथापि आते हैं वहाँ पर समुच्चयबोधक अव्यय होता है।
समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण
- सूरज निकला और पक्षी बोलने लगे।
- छुट्टी हुई और बच्चे भागने लगे।
- किरन और मधु पढने चली गईं।
- मंजुला पढने में तो तेज है परन्तु शरीर से कमजोर है।
- तुम जाओगे कि मैं जाऊं।
- माता जी और पिताजी।
- मैं पटना आना चाहता था लेकिन आ न सका।
- तुम जाओगे या वह आयेगा।
- सुनील निकम्मा है इसलिए सब उससे घर्णा करते हैं।
- गीता गाती है और मीरा नाचती है।
- यदि तुम मेहनत करते तो अवश्य सफल होगे।
समुच्चयबोधक अव्यय के भेद – Samuchaya bodhak avyay ke bhed
- समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
- व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
1. समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय :-
जिन शब्दों से समान अधिकार के अंशों के जुड़ने का पता चलता है उन्हें समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं।
जहाँ पर किन्तु , और , या , अथवा , तथा , परन्तु , व , लेकिन , इसलिए , अत: , एवं आते है वहाँ पर समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय होता है।
जैसे :- (i) कविता और गीता एक कक्षा में पढ़ते हैं।
(ii) मैं और मेरी पुत्री एवं मेरे साथी सभी साथ थे।
2. व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय :-
जिन अव्यय शब्दों में एक शब्द को मुख्य माना जाता है और एक को गौण। गौण वाक्य मुख्य वाक्य को एक या अधिक उपवाक्यों को जोड़ने का काम करता है। जहाँ पर चूँकि , इसलिए , यद्यपि , तथापि , कि , मानो , क्योंकि , यहाँ , तक कि , जिससे कि , ताकि , यदि , तो , यानि आते हैं वहाँ पर व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय होता है।
जैसे :- (i) मोहन बीमार है इसलिए वह आज नहीं आएगा।
(ii) यदि तुम अपनी भलाई चाहते हो तो यहाँ से चले जाओ।
(iii) मैंने दिन में ही अपना काम पूरा कर लिया ताकि मैं शाम को जागरण में जा सकूं।
4. विस्मयादिबोधक अव्यय – Vismayadi bodhak avyay
जिन अव्यय शब्दों से हर्ष , शोक , विस्मय , ग्लानी , लज्जा , घर्णा , दुःख , आश्चर्य आदि के भाव का पता चलता है उन्हें विस्मयादिबोधक अव्यय(Vismayadi bodhak avyay) कहते हैं। इनका संबंध किसी पद से नहीं होता है। इसे घोतक भी कहा जाता है। विस्मयादिबोधक अव्यय में (!) चिन्ह लगाया जाता है।
विस्मयादिबोधक अव्यय के उदाहरण – Vismayadi bodhak avyay ke udaharan
- वाह! क्या बात है।
- हाय! वह चल बसा।
- आह! क्या स्वाद है।
- अरे! तुम यहाँ कैसे।
- छि:छि:! यह गंदगी।
- वाह! वाह! तुमने तो कमाल कर दिया।
- अहो! क्या बात है।
- अहा! क्या मौसम हैं।
- अरे! आप आ गये।
- हाय! अब मैं क्या करूँ।
- अरे! पीछे हो जाओ , गिर जाओगे।
- हाय! राम यह क्या हो गया।
भाव के आधार पर विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद :-
- हर्षबोधक
- शोकबोधक
- विस्मयादिबोधक
- तिरस्कारबोधक
- स्वीकृतिबोधक
- संबोधनबोधक
- आशिर्वादबोधक
(1) हर्षबोधक :- जहाँ पर अहा! , धन्य! , वाह-वाह! , ओह! , वाह! , शाबाश! आते हैं वहाँ पर हर्षबोधक होता है।
(2) शोकबोधक :- जहाँ पर आह! , हाय! , हाय-हाय! , हा, त्राहि-त्राहि! , बाप रे! आते हैं वहाँ पर शोकबोधक आता है।
(3) विस्मयादिबोधक :- जहाँ पर हैं! , ऐं! , ओहो! , अरे वाह! आते हैं वहाँ पर विस्मयादिबोधक होता है।
(4) तिरस्कारबोधक :- जहाँ पर छि:! , हट! , धिक्! , धत! , छि:छि:! , चुप! आते हैं वहाँ पर तिरस्कारबोधक होता है।
(5) स्वीकृतिबोधक :- जहाँ पर हाँ-हाँ! , अच्छा! , ठीक! , जी हाँ! , बहुत अच्छा! आते हैं वहाँ पर स्वीकृतिबोधक होता है।
(6) संबोधनबोधक :- जहाँ पर रे! , री! , अरे! , अरी! , ओ! , अजी! , हैलो! आते हैं वहाँ पर संबोधनबोधक होता है।
(7) आशीर्वादबोधक :- जहाँ पर दीर्घायु हो! , जीते रहो! आते हैं वहाँ पर आशिर्वादबोधक होता है।
5. निपात अव्यय किसे कहते हैं – Nipat avyay kise kahate hain
जो वाक्य में नवीनता या चमत्कार उत्पन्न करते हैं उन्हें निपात अव्यय कहते हैं। जो अव्यय शब्द किसी शब्द या पद के पीछे लगकर उसके अर्थ में विशेष बल लाते हैं उन्हें निपात अव्यय कहते हैं। इसे अवधारक शब्द भी कहते हैं। जहाँ पर ही , भी , तो , तक ,मात्र , भर , मत , सा , जी , केवल आते हैं वहाँ पर निपात अव्यय होता है।
निपात अव्यय के उदाहरण – Nipat avyay ke udaharan
- प्रशांत को ही करना होगा यह काम।
- सुहाना भी जाएगी।
- तुम तो सनम डूबोगे ही , सब को डुबाओगे।
- वह तुमसे बोली तक नहीं।
- पढाई मात्र से ही सब कुछ नहीं मिल जाता।
- तुम उसे जानता भर हो।
- राम ने ही रावण को मारा था।
- रमेश भी दिल्ली जाएगा।
- तुम तो कल जयपुर जाने वाले थे।
- राम ही लिख रहा है।
क्रिया -विशेषण और संबंधबोधक अव्यय में अंतर :-
जब अव्यय शब्दों का प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम के साथ किया जाता है तब ये संबंधबोधक होते हैं और जब अव्यय शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं तब ये क्रिया -विशेषण होते हैं।
जैसे :- (i) बाहर जाओ।
(ii) घर से बाहर जाओ।
(iii) उनके सामने बैठो।
(iv) मोहन भीतर है।
(v) घर के भीतर सुरेश है।
(vi) बाहर चले जाओ।
अव्यय के प्रश्न- Avyay ke Prashn
1. ’वह चुपके से चला’ पंक्ति में ’चुपके से’ है?
(अ) रीतिवाचक अव्यय (ब) दिशावाचक अव्यय
(स) स्थानवाचक अव्यय (द) परिमाणवाचक अव्यय
सही उत्तर-(अ)
2. किस वाक्य में क्रियाविशेषण का प्रयोग हुआ है?
(अ) उस पेङ पर पक्षी बैठा है।
(ब) सङक पर धीरे-धीरे चलना चाहिए।
(स) गिरधारी पुस्तक पढ़ता है।
(द) इधर कोई व्यक्ति नहीं है।
सही उत्तर-(ब)
3. व्याकरणिक कोटियों से अप्रभावित रहता है?
(अ) अव्यय (ब) संज्ञा
(स) सर्वनाम (द) क्रिया
सही उत्तर-(अ)
4. किस वाक्य में ’अच्छा’ शब्द क्रियाविशेषण के रूप में प्रयुक्त हुआ है-
(अ) कपिल अच्छा खेलता है।
(ब) अच्छा कपिल खेलता है।
(स) खेलता है कपिल अच्छा
(द) उपर्युक्त सभी
सही उत्तर-(अ)
5. इन शब्दों में अव्यय शब्द है-
(अ) परन्तु (ब) दुधारू
(स) पंजाबी (द) चल
सही उत्तर-(अ)
6. अव्यय में रूपान्तरण नहीं होता-
(अ) लिंग का (ब) वचन का
(स) कारक का (द) उपर्युक्त सभी का
सही उत्तर-(द)
7. एक पद, वाक्यांश या उपवाक्य का सम्बन्ध दूसरे पद, वाक्यांश या उपवाक्य से जोङने वाले अव्यय को कहते हैं?
(अ) समुच्चयबोधक अव्यय
(ब) विस्मयादिबोधक अव्यय
(स) क्रिया विशेषण
(द) अप्रकट अव्यय
सही उत्तर-(अ)
8. ’जो अव्यय क्रिया की विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें कहते हैं-
(अ) सम्बन्धबोधक (ब) समुच्चयबोधक
(स) भावादिबोधक (द) क्रियाविशेषण
सही उत्तर-(द)
9. ’हमें सफलता मिलने तक प्रयास करना चाहिए’ इस वाक्य में ’तक’ है?
(अ) समुच्चबोधक अव्यय
(ब) क्रिया विशेषण
(स) सम्बन्ध बोधक अव्यय
(द) विस्मयादिबोधक अव्यय
सही उत्तर-(स)
10. ’अनिल कल आएगा।’ वाक्य में क्रिया विशेषण का रूप है-
(अ) स्थानवाचक (ब) कालवाचक
(स) रीतिवाचक (द) परिमाणवाचक
सही उत्तर-(ब)
11. ’वहाँ मोहन के…………….कोई नहीं था’ वाक्य में रिक्त स्थान पर प्रयुक्त होगा?
(अ) या (ब) और
(स) अलावा (द) अथवा
सही उत्तर-(स)
12. स्थानवाचक क्रियाविशेषण का उदाहरण है-
(अ) नमन नीचे खङा है।
(ब) महावीर आज आएगा।
(स) मैं अचानक आ गया हूँ।
(द) कोई गा रहा है।
सही उत्तर-(अ)
13. ’……………बोलो, कोई सुन लेगा’ वाक्य में रिक्त स्थान पर आएगा?
(अ) जो से (ब) गाकर
(स) चीखकर (द) धीरे
सही उत्तर-(द)
14. रीतिवाचक क्रियाविशेषण शब्द नहीं है-
(अ) अचानक (ब) अवश्य
(स) सचमुच (द) किंचित्
सही उत्तर-(द)
15. निम्नलिखित में कौन अविकारी है?
(अ) अव्यय (ब) क्रिया विशेषण
(स) विशेषण (द) अ व ब दोनों
सही उत्तर-(द)
16. ’उसने खूब मेहनत की है।’ वाक्य में क्रियाविशेषण का रूप है-
(अ) स्वीकारवाचक (ब) परिमाणवाचक
(स) रीतिवाचक (द) निषेधवाचक
सही उत्तर-(ब)
17. ’कछुआ धीरे-धीरे चलता है’ इस वाक्य में क्रिया विशेषण छाँटे?
(अ) धीरे-धीरे (ब) कछुआ
(स) चलता (द) इनमें से कोई नहीं
सही उत्तर-(अ)
18. ’स्वीकारवाचक क्रियाविशेषण’ का सही प्रयोग हुआ है-
(अ) वह निस्संदेह आएगा।
(ब) वह शायद ही आएगा।
(स) वह नहीं आएगा।
(द) वह नहीं आ सकता है।
सही उत्तर-(अ)
19. ’उसने आँख फाङकर देखा।’ इस वाक्य में ’फाङकर’ निम्नांकित में से क्या है?
(अ) विशेषण (ब) क्रिया विशेषण
(स) पूर्वकालिक क्रिया (द) इनमें से कोई नहीं
सही उत्तर-(ब)
20. ’आग के निकट मत जाओ।’ वाक्य में क्रियाविशेषण का रूप है-
(अ) परिमाणवाचक (ब) रीतिवाचक
(स) निषेधवाचक (द) स्वीकारवाचक
सही उत्तर-(स)
21. इनमें से किसमें एक क्रिया-विशेषण है?
(अ) वह धीरे चलता है (ब) वह कहता कुत्ता है
(स) रमेश तेज धावक है (द) सत्यावाणी सुन्दर होती है
सही उत्तर-(अ)
22. ’मेरी पुस्तक आकांक्षा के पास है।’ वाक्य में अव्यय है-
(अ) क्रियाविशेषण (ब) सम्बन्धबोधक
(स) समुच्चयबोधक (द) विस्मयादिबोधक
सही उत्तर-(ब)
23. ’निश्चित’ शब्द क्रिया विशेषण के किस भेद के अन्तर्गत आता है?
(अ) परिमाण वाचक (ब) प्रश्नवाचक
(स) हेतु बोधक (द) रीतिवाचक
सही उत्तर-(द)
24. संबंधबोधक अव्यय है-
(अ) सामने (ब) अरे!
(स) मत (द) धीरे-धीरे!
सही उत्तर-(अ)
25. ’ध्यानपूर्वक’ शब्द है?
(अ) परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
(ब) कालवाचक क्रिया विशेषण
(स) स्थानवाचक क्रिया विशेषण
(द) रीतिवाचक क्रिया विशेषण
सही उत्तर-(द)
26. ’राम और लक्ष्मण भाई थे।’ वाक्य में अव्यय का रूप है-
(अ) संबंधबोधक (ब) विस्मयादिबोधक
(स) समुच्चयबोधक (द) क्रियाविशेषण
सही उत्तर-(स)
27. राम घर गया और श्याम बाजार गया। इस वाक्य में रेखांकित शब्द है?
(अ) विकल्प सूचक (ब) परिणाम दृर्शक
(स) संयोजक (द) कारणबोधक
सही उत्तर-(स)
28. समुच्चयबोधक सूचक अव्यय है-
(अ) किन्तु, परन्तु, तथा (ब) न, नहीं
(स) आगे, पीछे, मध्य (द) हे, ओ अरे!
सही उत्तर-(अ)
29. ’तिरस्कार सूचक’ अव्यय है?
(अ) आह! (ब) अरे!
(स) छिः! (द) उफ!
सही उत्तर-(स)
30. संबंधबोधक अव्यय का उदाहरण है-
(अ) अरे! यह क्या हो गया।
(ब) मेरा मकान पेङ के सामने हैं।
(स) सीता तथा रीता सगी बहने हैं।
(द) क्रिकेट मत खेलो।
सही उत्तर-(ब)
31. किस वाक्य में निपात का प्रयोग नहीं हुआ है?
(अ) बात अपने तक ही रखना
(ब) शीला तो बीमार है
(स) तुम भी चले जाओ
(द) मैं कल जयपुर गया था
सही उत्तर-(द)
32. विस्मयादिबोधक अव्यय है-
(अ) वाह (ब) परन्तु
(स) निकट (द) तेज
सही उत्तर-(अ)
33. विस्मय के भाव के लिए विस्मयादिबोधक अव्यय शब्द है?
(अ) आह (ब) अरे
(स) उफ (द) हाय
सही उत्तर-(ब)
34. जिन अव्यय शब्दों में भावों की अभिव्यक्ति होती है, वह है-
(अ) संबंधबोधक (ब) क्रियाविशेषण
(स) समुच्चयबोधक (द) विस्मयादिबोधक
सही उत्तर-(द)
35. ’छिः धिक्कार है तुम्हे! इस वाक्य में ’छि’ है?
(अ) संबोधन (ब) संज्ञा
(स) अव्यय (द) क्रिया
सही उत्तर-(स)
36. रीतिवाचक क्रियाविशेषण का उदाहरण है-
(अ) उदयपुर लगभग 100 कि.मी. दूर है।
(ब) वह परसों आ जाएगा।
(स) हम सचमुच बच गए।
(द) मैं अवश्य जाऊँगा
सही उत्तर-(स)
37. निम्न में से अव्यय शब्द नहीं है-
(अ) अचानक (ब) प्रतिदिन
(स) चलना (द) जी हाँ।
सही उत्तर-(स)
38. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण अव्यय है-
(अ) थोङा (ब) मानो
(स) अवश्य (द) हे!
सही उत्तर-(अ)
39. ’इधर आओ।’ वाक्य में अव्यय-रूप है-
(अ) क्रियाविशेषण (ब) संबंधबोधक
(स) समुच्चयबोधक (द) विस्मयादिबोधक
सही उत्तर-(अ)
40. क्रिया के होने का समय-बोध किस क्रिया विशेषण में होता है?
(अ) स्थानवाचक (ब) कालवाचक
(स) परिमाणवाचक (द) निषेधवाचक
सही उत्तर-(ब)
41. क्रियाविशेषण का उदाहरण नहीं है-
(अ) अनिल आज आएगा।
(ब) घोङा तेज दौङ रहा है।
(स) हम अवश्य आएँगे।
(द) सुख और दुःख शाश्वत है।
सही उत्तर-(द)
42. ’घोङा तेज दौङता है।’ वाक्य में अव्यय है-
(अ) घोङा (ब) तेज
(स) दौङता (द) है।
सही उत्तर-(ब)
43. अव्यय शब्द है-
(अ) विकारी (ब) अविकारी
(स) पदबंध (द) वाक्यांश
सही उत्तर-(ब)
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