आज के आर्टिकल में हम हिंदी व्याकरण के अंतर्गत अव्ययीभाव समास (Avyayibhav Samas), परिभाषा, भेद, उदाहरण को विस्तार से समझेंगे।
अव्ययीभाव समास – Avyayibhav Samas
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अव्ययीभाव समास की परिभाषा – Avyayibhav Samas ki Paribhasha
- जब दो शब्दों को मिलाकर किसी नये सामासिक शब्द या समस्त पद का निर्माण किया जाता हैं जिसका पूर्व पद अव्यय हो तो वहाँ अव्ययीभाव समास होता है।
- जिस पद का पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते है।
- इस समास में पहला या पूर्वपद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। अव्यय के संयोग से समस्तपद भी अव्यय बन जाता है। इसमें पूर्वपद प्रधान होता है।
अव्ययीभाव समास किसे कहतें है?
अव्ययीभाव समास की पहचान –
- इस समास में पहला पद प्रधान होता है।
- इस समास में पहला पद कोई अव्यय शब्द होता है।
- कभी-कभी समस्त पद भी अव्यय की तरह प्रयुक्त होता है।
- अव्ययी भाव समास में अव्यय शब्द का अर्थ ऐसे शब्द से है जिसका भाषा प्रयोग में अर्थ सदैव एक जैसा होता है अर्थात् उसके रूप में कोई व्यय (खर्च) नहीं होता है या परिवर्तन नहीं होता है।
- उपसर्ग युक्त पद भी इस समास के अन्तर्गत माने जाते हैं।
- संस्कृत में अव्ययी भाव समास का पहला शब्द अव्यय होता है और दूसरा शब्द संज्ञा या विशेषण रहता है, परन्तु हिन्दी में इस समास के उदाहरणों में पहले अव्यय के बदले बहुधा संज्ञा ही पायी जाती है। पुनरावृत्ति शब्द भी अव्ययीभाव समास में ही माने जाते हैं।
अव्ययीभाव समास के भेद – Avyayibhav Samas ke Bhed
अव्ययी भाव समास के दो प्रकार के होते हैं –
- अव्ययी पदपूर्व अव्ययीभाव समास
- नामपद पूर्व अव्ययीभाव समास।
(1) अव्यय पद पूर्व अव्ययीभाव समास –
अव्ययीभाव समास का वह रूप जिसमें प्रथम पद अव्यय एवं द्वितीय पद संज्ञा होता है, उसे अव्यय पद पूर्व अव्ययीभाव समास कहते हैं।
(2) नामपद पूर्व अव्ययीभाव समास –
अव्ययीभाव समास का वह रूप जिसमें प्रथम पद संज्ञा एवं द्वितीय पद अव्यय हो उसे नाम पद पूर्व अव्ययीभाव समास कहते हैं।
अव्ययीभाव समास के उदाहरण – Avyayibhav Samas ke Udaharan
इस समास के समस्त पदों का विग्रह करते समय प्रायः निम्न तरीके काम में लिए जाते हैं –
1. जिस पद में पहला पद ’आ’ उपसर्ग से बना हो तो उसके विग्रह में पद के अन्त में ’तक’ लिखा जाता है। जैसे –
आजीवन | जीवन रहने तक (जीवन भर) |
आमरण | मरण तक |
आकण्ठ | कण्ठ तक |
आजन्म | जन्म तक (जन्म से) |
आजानुबाहु | बाहु से जानु (घुटने) तक |
आपादमस्तक | मस्तक से पाद (पैर) तक |
2. जिस पद में पहला पद बे, नि, ना, निर्, निस् उपसर्ग से बना हो तो उसके विग्रह में अन्त में प्रायः ’रहित’ जोङते हैं अथवा प्रारम्भ में ’बिना’ शब्द लिख दिया जाता है। जैसे –
निडर | डर से रहित (बिना डर के) |
निर्विवाद | विवाद से रहित (बिना विवाद के) |
निधङक | धङक से रहित (बिना धङक के) |
निश्चिन्त | चिन्ता से रहित (बिना चिन्ता के) |
निर्विकार | विकार से रहित (बिना विकार के) |
बेवजह | बिना वजह के (वजह से रहित) |
बेदाग | बिना दाग के (दाग से रहित) |
बेवफा | बिना वफा के (वफा से रहित) |
बेचैन | बिना चैन के (चैन से रहित) |
नासमझ | बिना समझ के (समझ से रहित) |
नापसन्द | बिना पसन्द के (पसन्द से रहित) |
नालायक | जो लायक नहीं |
3. अव्यय शब्द ’यथा’ से बने शब्दों का विग्रह पद के अन्त में ’के अनुसार’ लिखकर अथवा प्रारम्भ में जैसा/जैसी लिखकर करते हैं। जैसे –
यथागति | गति के अनुसार |
यथाशक्ति | शक्ति के अनुसार |
यथोचित | जैसा उचित है |
यथासम्भव | जैसा सम्भव है |
यथाक्रम | जैसा क्रम है (क्रम के अनुसार) |
यथार्थ | जैसा अर्थ है वैसा (अर्थ के अनुसार) |
यथास्थिति | जैसी स्थिति है (स्थिति के अनुसार) |
यथायोग्य | जो जितना है योग्य |
4. ’प्रति’ उपसर्ग से बने शब्दों का विग्रह करते समय प्रायः मुख्य शब्द को दो बार लिख देते हैं अथवा उस शब्द से पहले ’हर’ शब्द जोङ देते हैं। जैसे –
प्रतिदिन | हर दिन (दिन-दिन) |
प्रतिमाह | हर माह (माह-माह) |
प्रतिवर्ष | हर वर्ष (वर्ष-वर्ष) |
प्रतिक्षण | हर क्षण (क्षण-क्षण) |
प्रत्येक | हर एक (एक-एक) |
प्रत्यंग | हर अंग (अंग-अंग) |
प्रतिपल | हर पल (पल-पल) |
प्रतिशत | हर शत (शत-शत) |
’प्रति’ उपसर्ग युक्त पदों के अन्य उदाहरण –
प्रतिबिंब | बिंब का बिंब |
प्रतिघात | घात के बदले घात |
प्रत्याशा | आशा के बदले आशा |
प्रत्यारोप | आरोप के बदले आरोप |
प्रत्याघात | आघात के बदले आघात |
प्रतिक्रिया | क्रिया से प्रेरित क्रिया |
प्रतिलिपि | लिपि के समकक्ष लिपि |
प्रतिनियुक्ति | नियमित नियुक्ति के बदले नियुक्ति |
प्रत्युत्तर | उत्तर का उत्तर |
प्रतिकार | कार (कार्य) के बदले कार |
प्रतिद्वंद्वी | द्वन्द्व करने का विरोधी |
अव्ययीभाव समास के 10 उदाहरण
अव्ययीभाव समास के अन्य उदाहरण | |
चलाचली | चलने के बाद चलना |
लूटमलूट | लूट के बाद लूट |
साफ-साफ | साफ के बाद साफ |
हाथों-हाथ | हाथ ही हाथ में |
एकाएक | एक के बाद एक (यकायक) |
बार-बार | बार ही बार में (बार के बाद बार) |
घङी-घङी | घङी के बाद घङी |
भागमभाग | भागने के बाद भागना |
बीचों-बीच | बीच के भी बीच में (बीच ही बीच में) |
एकाएक | एक होते ही |
धङाधङ | धङ के बाद पुनः धङ |
धीरे-धीरे | घर के बाद में घर |
यथा विधि | जैसा विधि सुनिश्चित है |
यथा सम्भव | जैसा संभव हो |
यथा स्थान | जो स्थान निर्धारित है |
यथा क्रम | जैसा क्रम हो |
यथायोग्य | जो जितना योग्य है |
यथाशक्ति | शक्ति के अनुसार |
यथाशीघ्र | जितना शीघ्र हो सके |
यथार्थ | जैसा वास्तव में अर्थ है |
यथास्थिति | जैसी स्थिति है |
यथासमय | जो समय निर्धारित है |
यथासाध्य | जितना साधा जा सके |
यथोचित | जैसा उचित हो वैसा |
यथानुरूप | उसी के अनुरूप |
यावज्जीवन | जब तक जीवन है |
योग्यतानुसार | योग्यता के अनुसार |
घङी-घङी | घङी के बाद घङी |
घर घर | घर के बाद घर |
हर घङी | प्रत्येक घङी |
इच्छानुसार | इच्छा के अनुसार |
बखूबी | खूबी सहित |
बहिर्वती | बाहर रहने वाला |
बाइज्जत | इज्जत के सहित |
बाकायदा | कायदे के सहित |
बेधङक | बिना धङक के |
बेखटके | बिना खटके के |
बेशक | बिना शक के |
बेशर्म | बिना शर्म के |
बेकाम | बिना काम के |
बेपरवाह | बिना परवाह |
बेरहम | बिना रहम के |
बेवजह | बिना वजह के |
बेचैन | बिना चैन के |
बेफायदा | बिना फायदे के |
बेगम | बिना गम के |
कृपापूर्वक | कृपा के साथ |
कथनानुसार | कथन के अनुसार |
कोेठे-कोठे | प्रत्येक कोठे |
कुशलता पूर्वक | कुशलता के साथ |
मृत्युपर्यन्त | मृत्यु तक |
मंद-मंद | बहुत ही मंद (बहुत ही धीरे) |
मरणोपरान्त | मरने के उपरान्त |
मारा-मारी | मार के बाद मार |
हितार्थ | हित के लिए |
दिन दिन | दिन के बाद दिन |
दिनभर | पूरे दिन |
विशुद्ध | विशेष रूप से शुद्ध |
विश्वासपूर्वक | विश्वास के साथ |
विकल | बिना चैन के |
विवाहोपरांत | विवाह के उपरान्त |
विेवेक पूर्वक | विवेक के साथ |
निःसंकोच | बिना संकोच के |
निधङक | बिना धङक केे |
नियमानुसार | नियम के अनुसार |
नियमन | विशेष यम (बंधन) से युक्त |
नियन्त्रण | विशेष यंत्रण से युक्त |
निकम्मा | काम न करने वाला |
निमंत्रण | भली प्रकार से मंत्रण |
निर्विकार | बिना विकार के |
निर्विरोध | बिना विरोध के |
निर्विवाद | बिना विवाद के |
निर्भय | बिना भय के |
निरामिष | बिना आमिष (माँस) के |
निर्देशानुसार | निर्देश के अनुसार |
नित्य प्रति | जो नित्य हो |
निगोङा | बिना घुटनों के |
हर दिन | प्रत्येक दिन |
हर रोज | प्रत्येक रोज |
हर साल | प्रत्येक साल |
भरपेट | पेट भरकर |
भरसक | शक्ति भर |
भागम-भाग | भागने के बाद भागना |
पहले-पहल | सबसे पहले |
परोक्ष | आँख के पीछे |
प्रयत्नपूर्वक | प्रयत्न के बाद |
प्रतिध्वनि | ध्वनि की ध्वनि |
प्रतिघात | घात के बदले घात |
प्रतिक्षण | हर क्षण |
प्रतिद्वंवद्वी | द्वन्द्व करने वाले का विरोधी |
प्रतिशत | प्रत्येक सैकङा |
प्रतिबिंब | बिंब का बिंब |
प्रतिहिंसा | हिंसा के बदले हिंसा |
प्रतिदिन | दिन-दिन, प्रत्येक दिन |
प्रतिक्रिया | क्रिया से प्रेरित क्रिया |
प्रतिनियुक्ति | नियमित नियुक्ति के बदले नियुक्ति |
प्रतिलिपि | लिपि के समक्षकक्ष |
प्रतिपल | हर पल |
प्रतिरक्षा | रक्षा के बदले रक्षा |
प्रतिसप्ताह | प्रत्येक सप्ताह |
प्रतिवर्ष | प्रत्येक वर्ष |
प्रतिफल | फल के बदले फल |
प्रत्यक्ष | आँख के सामने |
प्रत्यंग | हर अंग या प्रत्येक अंग |
प्रत्याशा | आशा के बदले आशा |
प्रत्यारोप | आरोप के बदले आरोप |
प्रत्युत्तर | उत्तर का उत्तर |
प्रत्येक | हर एक |
श्रद्धापूर्वक | श्रद्धा के साथ |
सशक्त | शक्ति के साथ |
सशर्त | शर्त के साथ |
सकुशल | कुशलता के साथ |
समक्ष | आँख के सामने |
सपरिवार | परिवार के सहित |
सपत्नीक | पत्नी के सहित |
सप्रसंग | प्रसंग के सहित |
सरयूपार | सरयू के पार |
सार्थक | अर्थ के सहित |
सावधान | अवधान के साथ |
साफ साफ | साफ के बाद साफ |
सानंद | आनन्द सहित |
साल-ब-साल | एक साल के बाद दूसरा साल |
सुनासुनी | सुनने के बाद सुनना |
सेवार्थ | सेवा के लिए |
सेवोपरान्त | सेवा के उपरान्त |
दर्शनार्थ | दर्शन के लिए |
दर-असल | असल में |
दरहकीकत | हकीकत में |
दानार्थ | दान के लिए |
दुबारा | दूसरी बार |
दुस्तर | जिसको पार करना कठिन हो |
व्यर्थ | बिना अर्थ के |
क्रमानुसार | क्रम के अनुसार |
चेहरे-चेहरे | हर चेहरे |
चला चली | चलने के बाद चलना |
फूटम-फूट | फूट के बाद फूट |
तनातनी | तनने के बाद तनना |
जीवन भर | पूरे जीवन या जीवन पर्यन्त |
नीरोग | रोग रहित |
नीरव | रव (ध्वनि) से रहित |
नाहक | बिना हक के |
नासमझ | बिना समझ के |
नालायक | जो लायक न हो |
अकारण | बिना कारण के |
अतिरिक्त | रिक्त से अलग, अलावा |
अतिसार | सार की अति |
अतिवृष्टि | वृष्टि की अति |
अभूतपूर्व | जो पूर्व में नहीं हुआ है |
आकंठ | कंठ तक |
आमरण | मरण तक |
आमने-सामने | एक दूसरे के सम्मुख |
आप-आप | आप ही आप |
आपादमस्तक | पैर से लेकर मस्तिष्क तक |
आजीवन | जीवन भर |
आजानुबाहु/आजानुभुज | घटनों तक लम्बी भुजाएँ |
आजन्म | जन्म से |
अवसरानुसार | अवसर के अनुसार |
अत्यंत | अंत से अधिक |
अत्यधिक | अधिक से अधिक |
अत्याधुनिक | आधुनिक से भी आधुनिक |
अत्यावश्यक | आवश्यकता से अधिक |
अत्याचार | आचार का अतिक्रमण |
अत्युत्तम | उत्तम से उत्तम |
अत्यल्प | बहुत ही अल्प |
अतींद्रिय | इंद्रियों से परे |
अनुरूप | रूप के अनुसार |
अनुबंध | बंध की तरह का बंध |
अनुकृति | जैसी कृति है वैसी |
अनुमान | मानदंड के अनुसार |
अनुदिन | प्रत्येक दिन |
अनुचिंतन | चिंतन के बाद किया जाने वाला चिंतन |
अनुसंधान | खोज के उपरान्त |
अनुस्मारक | स्मारक की तरह का |
अनुसार | जैसा सार है वैसा |
अनुदान | दान की तरह का दान |
अनुदेश | निर्देश के अनुसार |
अनुगंगा | गंगा के पास |
अनुगमन | गमन के पीछे गमन |
अनजाने | बिना जानकर |
गंगा पार | गंगा के पार |
लाभार्थ | लाभ के लिए |
लाजवाब | जिसका जवाब न हो |
लूटमलूट | लूट के बाद लूट |
FAQ – Avyayibhav Samas
अब हम अव्ययीभाव समास (Avyayibhav Samas) से जुड़े कुछ प्रश्नों को पढेंगे –
1. अव्ययीभाव समास किसे कहते है ?
उत्तर – जिस पद का पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते है।
2. अव्ययीभाव समास के कितने भेद होते है ?
उत्तर – अव्ययीभाव समास के दो भेद होते है –
(अ) अव्ययी पदपूर्व अव्ययीभाव समास
(ब) नामपद पूर्व अव्ययीभाव समास
3. अव्ययीभाव समास एक उदाहरण बताइये ?
उत्तर – आजीवन – जीवन रहने तक
निष्कर्ष :
आज के आर्टिकल में हमने व्याकरण के अंतर्गत अव्ययीभाव समास (Avyayibhav Samas) को पढ़ा, हम आशा करतें है कि आपको यह समास अच्छे से समझ में आ गया होगा …धन्यवाद