खेल – कहानी || जैनेन्द्र कुमार || Hindi sahitya
दोस्तो आज की पोस्ट में आप जैनेन्द्र कुमार की चर्चित खेल कहानी पढ़ें खेल(कहानी) जैनेन्द्र कुमार khel kahani by jenendra kumar मौन -मुग्ध संध्या स्मित प्रकाश सेे रही थी। उस समय गंगा के निर्जन बालुकास्थल पर एक बालक और बालिका अपने को और सारे विश्व को भूल, गंगातट के बालू और पानी को अपना एकमात्र …