कविता

पथिक कविता – रामनरेश त्रिपाठी – सारांश || हिंदी साहित्य

पथिक कविता

आज एक आर्टिकल में रामनरेश त्रिपाठी की चर्चित कविता पथिक (Pathik kavita) का महत्त्वपूर्ण सारांश दिया गया है ,जो आपकी परीक्षा के लिए उपयोगी है । रामनरेश त्रिपाठी (पथिक) प्रतिक्षण नूतन वेश बनाकर रंग-बिरंग निराला। रवि के सम्मुख थिरक रही है नभ में वारिद-माला। नीचे नील समुद्र मनोहर ऊपर नील गगन है। घन पर बैठ, …

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देवसेना का गीत – जयशंकर प्रसाद | व्याख्या सहित | Devsena ka geet

देवसेना का गीत(devsena ka geet)

आज की पोस्ट में हम जयशंकर प्रसाद की चर्चित रचना देवसेना का गीत(Devsena ka geet) की व्याख्या सहित अर्थ को समझेंगे | देवसेना का गीत – Devsena ka geet ’देवसेना का गीत’ प्रसाद कृत स्कंदगुप्त नाटक से उद्धृत है। हूणों के आक्रमण से आर्यावर्त संकट में है। मालव नरेश बंधुवर्मा सहित परिवार के सभी लोग …

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कैदी और कोकिला – Kaidi aur kokila | माखनलाल चतुर्वेदी | व्याख्या | 12

कैदी और कोकिला kaidi aur kokila

आज की इस पोस्ट में हम माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित कैदी और कोकिला (Kaidi aur kokila) कविता की सम्पूर्ण व्याख्या विस्तार से पढे़गें तथा इस कविता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेगें । कैदी और कोकिला(Kaidi aur kokila) रचना परिचय – कैदी और कोकिला माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित अतीव प्रसिद्ध कविता ’कैदी और कोकिला’ है। …

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संध्या के बाद – Sandhya ke baad || कविता व्याख्या – सुमित्रानन्दन पंत

संध्या के बाद(Sandhya ke baad)

आज की पोस्ट में हम सुमित्रानन्दन पंत की चर्चित कविता संध्या के बाद (Sandhya ke baad) की व्याख्या को समझेंगे। संध्या के बाद – Sandhya ke baad  (सुमित्रानन्दन पंत) ’संध्या के बाद’ कविता में कवि ने संध्या के बाद ग्रामीण परिवेश में होने वाले परिवर्तनों के साथ रात्रिकालीन ग्रामीण परिवेश का सुन्दर चित्रण प्रस्तुत किया …

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यह दंतुरित मुस्कान – Yah Danturit Muskan || नागार्जुन || सम्पूर्ण व्याख्या

यह दंतुरित मुस्कान

आज की इस पोस्ट में हम नागार्जुन द्वारा रचित यह दंतुरित मुस्कान कविता की सम्पूर्ण व्याख्या विस्तार से पढे़गें तथा इस कविता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेगें । यह दंतुरित मुस्कान(नागार्जुन) रचना-परिचय- प्रस्तुत कविता में छोटे बच्चे की मनोहारी मुस्कान देखकर कवि के मन में जो भाव उमङते है, उन्हें कविता में अनेक …

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Bhikshuk Kavita -भिक्षुक कविता | सूर्यकांत त्रिपाठी निराला | व्याख्या सहित

bhikshuk kavita

आज की पोस्ट में हम सूर्यकांत त्रिपाठी निराला(suryakant tripathi nirala) की चर्चित भिक्षुक कविता (Bhikshuk Kavita) को व्याख्या सहित पढेंगे भिक्षुक कविता – Bhikshuk Kavita वह आता- दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता। पेट-पीठ दोनों मिलकर हैं एक, चल रहा लकुटिया टेक, मुट्ठीभर दाने को, भूख मिटाने को, मुँह फटी पुरानी झोली …

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चन्द्रगहना से लौटती बेर || केदारनाथ अग्रवाल || सम्पूर्ण व्याख्या

चन्द्रगहना से लौटती बेर

आज की इस पोस्ट में हम केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित ‘चन्द्रगहना से लौटती बेर‘(Chandragahana se lautate ber) की सम्पूर्ण व्याख्या विस्तार से पढ़ेंगे तथा इस कविता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेगें । चन्द्रगहना से लौटती बेर रचना परिचय- प्रस्तुत कविता चन्द्रगहना नामक स्थान से लौटते समय कवि ने जिन खेत-खलियानों, किसानों तथा खेतिहर …

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कन्यादान कविता – ऋतुराज || प्रश्नोत्तर

कन्यादान कविता

आज के आर्टिकल में हम ऋतुराज की कविता कन्यादान को पढेंगे और इसके महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर भी पढेंगे । कन्यादान- ऋतुराज कितना प्रामाणिक था उसका दुख लड़की को दान में देते वक्त जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो लड़की अभी सयानी नहीं थी अभी इतनी भोली सरल थी कि उसे सुख का आभास तो होता था …

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पूजन || श्यामनारायण पाण्डेय || सम्पूर्ण व्याख्या

पूजन

आज की इस पोस्ट में हम श्यामनारायण पाण्डेय द्वारा रचित पूजन कविता की सम्पूर्ण व्याख्या विस्तार से पढे़गें तथा इस कविता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेगें । पूजन(Pujan Kavita) पाठ-परिचय यह काव्यांश लेखक के ’हल्दीघाटी’ महाकाव्य से उद्घृत है। इसमें कवि ने देश हित उत्सर्ग करने वाले वीरों के प्रति श्रद्धा भाव अभिव्यक्त …

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बादल को घिरते देखा है ||  नागार्जुन || व्याख्या प्रश्नोत्तर सहित | Badal ko ghirte dekha hai

बादल को घिरते देखा है

आज के आर्टिकल में हम नागार्जुन जी की कविता बादल को घिरते देखा है(Badal ko ghirte dekha hai) की व्याख्या सहित जानकारी देने वाले है बादल को घिरते देखा है – Badal ko ghirte dekha hai यह कविता नागार्जुन के कविता संग्रह ’युगधारा’ से संकलित है। इसमें कवि ने बादल व प्रकृति के विभिन्न स्वरूपों …

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