आधुनिक काल साहित्य

हरिवंश राय बच्चन – जीवन परिचय | Harivansh Rai Bachchan ka Jeevan Parichay

Harivansh Rai Bachchan

आज के आर्टिकल में हम साहित्य के चर्चित कवि हालावाद के जनक हरिवंश राय बच्चन जी (Harivansh rai Bachchan ka Jeevan Parichay) के सम्पूर्ण जीवन परिचय को पढेंगे ,इनसे जुड़ें महत्त्वपूर्ण तथ्यों का अध्ययन करेंगे । हरिवंश राय बच्चन – Harivansh Rai Bachchan ka Jeevan Parichay   हरिवंशराय बच्चन शिक्षा , प्रारंभिक जीवन – Harivansh …

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Hindi sahitya objective question quiz 10 || द्विवेदी युग || हिंदी साहित्य

Hindi sahitya objective question quiz 10

हिन्दी साहित्य मिशन   प्रश्न संख्या: 50      टेस्ट -11 द्विवेदी युग                   पूर्णांक: 100 Hindi sahitya objective question quiz 10 1. द्विवेदी युग में ’भारतेन्दु-प्रज्ञेंदु’ की उपाधि किस कवि को मिली ? (अ) नाथूराम शर्मा शंकर (ब) गयाप्रसाद शुक्ल (स) प्रेमघन (द) रामनरेश त्रिपाठी 2. किस …

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मैथिलीशरण गुप्त के काव्य में नारी भावना -Hindi sahitya

मैथिलीशरण गुप्त के काव्य में नारी भावना

आज की पोस्ट में हम चर्चित कवि मैथिलीशरण गुप्त के काव्य में नारी भावना के प्रति उनका क्या दृष्टिकोण था ,इसके बारे में चर्चा करेंगे | गुप्त जी की नारी भावना(Maithilisharan gupt) मैथिलीशरण गुप्त जी द्विवेदी युग के कवियों में उच्च स्थान रखते हैं। उनकी रचनाओं में राष्ट्रीयता समाज सुधार युग बोध के साथ-साथ भारतीय …

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प्रयोगवाद की प्रमुख विशेषताएँ – Prayogvad ki Visheshta

प्रयोगवाद की प्रमुख विशेषताएँ

आज के आर्टिकल में हम हिंदी साहित्य में आधुनिक काल के अंतर्गत प्रयोगवाद की प्रमुख विशेषताएँ (Prayogvad ki Visheshta) पढेंगे। प्रयोगवाद की प्रमुख विशेषताएँ – Prayogvad ki Visheshta भावुकता तथा बौद्धिकता का संश्लेषणः- प्रयोगवादी कविता में न तो छायावादी काव्य के जैसी वायवीयता, अति भावुकता एवं कल्पना है और न ही प्रगतिवाद की तरह किसी …

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प्रियप्रवास महाकाव्य – महत्वपूर्ण तथ्य || Priyprvaas || Hindi Sahitya

दोस्तों आज की पोस्ट में हरिऔध जी की चर्चित रचना प्रियप्रवास(Priyprvaas) के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य जानेंगे। प्रियप्रवास – Priyprvaas हरिऔध जी द्विवेदी युग के प्रख्यात कवि होने के साथ-साथ उपन्यासकार आलोचक व इतिहासकार भी थे। पण्डित श्रीधर पाठक के बाद हरिऔध जी हैं जिन्होंने खङी बोली में सरस व मधुर रचनाएँ की। प्रियप्रवास की …

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भारतेन्दु युग पार्ट 1

भारतेन्दु युग(bhartendu yug)   आज हम भारतेन्दु युग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी ले कर आए है  1. भारतेंदु की राजभक्ति परक कविता *भारत शिक्षा* है 2.सर सैयद अहमद खां ने हिंदी को गंवारू बोली कहकर उर्दू की हिमायत की 3.रीतिकाल का अंतिम चरण सन 1843 ईस्वी और भारतेन्दु के आगमन 1868 ईस्वी के बीच …

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नई कविता के प्रमुख कवि एवं उनकी कृतियां || Hindi Sahiya || Adhunik Kaal

NAYI KAVITA KE PRMUKH KAVI

आज की पोस्ट में हिंदी साहित्य के अंतर्गत आधुनिक काल में नई कविता के प्रमुख कवि (Nayi kavita ke Prmukh kavi)  के बारे में जानेगें | नई कविता के प्रमुख कवि एवं उनकी कृतियां सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ’अज्ञेय’ (1911-1987 ई.) रचनाएँ : सम्पादन – दिनमान, प्रतीक, एव्रीमेंस, नवभारत टाइम्स, तार सप्तक, दूसरा सप्तक, तीसरा सप्तक। …

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Dwivedi yug ki Visheshta || द्विवेदी युग की विशेषताएँ || Hindi Sahitya

Dwivedi yug ki Visheshta

आज की पोस्ट में हम आधुनिक काल के अंतर्गत द्विवेदीयुगीन काव्य प्रवृत्तियाँ (Dwivedi yug ki Visheshta) को पढेंगे ,इसके महत्त्वपूर्ण तथ्य जानेंगे | द्विवेदी युगीन काव्य प्रवृत्तियाँ(Dvivedi yug ki Visheshta) देश प्रेम की भावना द्विवेदीयुगीन कवियों ने जनमानस के बीच राष्ट्रप्रेम का लहर चलाई। स्वतन्त्रता के प्रति जनमानस में चेतना का संचार किया। इस युग …

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नयी कविता || Nayi Kavita || Hindi Sahitya || hindi sahitya ka itihas

नयी कविता

दोस्तो आज की पोस्ट में हम हिन्दी साहित्य (hindi sahitya) में आधुनिक काल के अंतर्गत नयी कविता के बारे में विस्तार से जानेंगे नयी कविता – 1953 ई. नयी कविता अनेक अर्थों में प्रयोगवाद का विकास मानी जाती है। उसने प्रयोग की अनेक उपलब्धियों को आत्मसात् किया है। ऐतिहासिक दृष्टि से नयी कविता ’दूसरा सप्तक’ …

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उत्तर छायावाद युग – हिंदी साहित्य का इतिहास

उत्तर छायावाद युग

आज के आर्टिकल में हम हिंदी साहित्य के इतिहास में हम उत्तर छायावाद युग (Uttar Chayavad Yug) को विस्तार से पढेंगे। उत्तर छायावाद युग – Uttar Chayavad Yug उत्तर-छायावादयुगीन साहित्य को प्रगतिवाद, प्रयोगवाद एवं नई कविता, इन तीनों में बाँटा गया है- प्रगतिवादी काव्य का समय 1936 से 1943 ई. तक माना गया। प्रयोगवादी काव्य …

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