#1 नाथ साहित्य – अर्थ , प्रमुख ग्रन्थ , विशेषताएँ | हिंदी साहित्य | Best Notes(2024)
नाथ साहित्य : महायान से सहजयान और सहजयान से नाथ सम्प्रदाय का विकास हुआ। सिद्धों की वाममार्गी भोगप्रधान योगसाधना की प्रतिक्रिया के रूप में आदिकाल में नाथ पन्थियों की हठयोग साधना आरम्भ हुई। राहुल सांकृत्यायन नाथपंथ को सिद्धों की परम्परा का ही विकसित रूप मानते हैं। इस पंथ को चलाने वाले मत्स्येन्द्रनाथ तथा गोरखनाथ माने …
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