आज के आर्टिकल में हम हिंदी मात्रा(Hindi Matra) के बारे में चर्चा करेंगे ,इसके अंतर्गत हम हिंदी मात्रा क्या है(Hindi Matra kya Hain), हिंदी मात्रा का निर्माण (Hindi Matra ka Nirman) और हिंदी मात्रा का प्रयोग (Hindi Matra ka Pryog) सीखेंगे।
हिंदी मात्रा – Hindi Matra
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दोस्तो मात्राएँ कभी-भी व्यंजन की नहीं होती है, वह स्वर की होती है। हम व्यंजन को बोलने के लिए स्वरों की मात्राओं का इस्तेमाल करते है। स्वर की आवाज के लिए हमें कोई चिह्न चाहिए होता है, जिसे हम मात्रा(Hindi Matra)कहते है। मात्राओं की संख्या 11 होती है परन्तु ’अ’ की कोई मात्रा नहीं होती, इसलिए हम दस मात्राओं का ही इस्तेमाल करते है।
हिन्दी में शब्दों और वाक्यों को लिखने के लिए मात्राओं की आवश्यकता होती है इसीलिए हिंदी वर्णमाला को दो भागों में बांटा गया है:
- स्वर
- व्यंजन
मात्राएँ हमेशा स्वर की ही होती है क्योंकि वे स्वतंत्र होती है। व्यंजन का उपयोग बिना स्वर के नहीं होता है क्योंकि हमेशा व्यंजनों को पूरा लिखने के लिए स्वरों की सहायता ली जाती है।
अब हम सभी स्वरों की मात्राओं(Matra in Hindi) की बारे में जानेंगे-
अब हम सीखेंगे कि मात्राएँ और व्यंजनों को मिलाने से वर्णों का निर्माण कैसे होता है-
क से ढ तक की बारहखड़ी
त से म तक की बारहखड़ी
य से ज्ञ तक की बारहखड़ी
अ की मात्रा वाले शब्द
अब | जग |
जब | मग |
बस | कप |
तप | चल |
कह | यह |
वह | जन |
तर | जर |
सर | फस |
लद | फल |
रट | पल |
पर | बल |
रस | चर |
कर | मर |
जल | कट |
कलम | तरन |
सरल | धरन |
तरल | मलय |
कलश | हरम |
रहम | जलन |
सहन | फलन |
शरबत | अचकन |
हडसन | बचपन |
परबत | खटपट |
दशरथ | अलवर |
चटपट | सरगम |
धड़कन | चरभर |
आ की मात्रा वाले शब्द
चाचा | पापा |
दाना | नारा |
टमाटर | आकाश |
जान | बाजार |
मकान | जानवर |
सभा | बादल |
धरा | नया |
भला | राधा |
भाप | ताला |
नाला | पास |
बड़ा | आया |
गला | मामा |
हाथ | मात्रा |
इ की मात्रा वाले शब्द
दिल | तिमिर |
दिन | रवि |
दिशा | फिल्म |
दिवाकर | फिर |
तिनका | क्लिप |
तिलक | जिला |
तिर्यक | पिता |
आज के आर्टिकल में हमनें हिंदी मात्रा(Hindi Matra) के बारे में चर्चा की ,हम आशा करतें है कि यह टॉपिक आपको अच्छे से समझ आया होगा।
- हिंदी वर्णमाला
- हिंदी व्यंजन
- संयुक्त व्यंजन
- वर्ण क्या होते है
- भाषा किसे कहते है
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