कृष्ण काव्य धारा
दोस्तो आज हम भक्तिकाल के विषय कृष्ण काव्य धारा के महत्वपूर्ण प्रश्नो की चर्चा करेंगे
1- इनमें से कौन सा ग्रंथ निंबार्काचार्य का का है?
अ आदिबानी
ब सुबोधिनी टीका
स तत्व दीप निबंध
द इनमें से कोई नहीं ⇒
2 वल्लभाचार्य जी किसके समकालीन थे?
अ औरंगजेब
ब अकबर
स बाबर⇒
द शेरशाह
3 अष्टछाप की स्थापना कब हुई?
अ 1565 ईसवी⇒
ब 1465 ईसवी
स . 1564 ईसवी
द 1555 ईसवी
4 अणु भाष्य को किसने पूर्ण किया?
अ वल्लभाचार्य
ब त्रिभुवन
स जल्हण
द उपरोक्त में कोई नहीं⇒
5 अष्टछाप के कवियों में उम्र की दृष्टि से वरिष्ठतम कौन थे?
अ परमानंद दास
ब सूरदास
स नाभादास
द कुंभनदास⇒
6 दशाश्लोकी ग्रंथ के रचयिता है
अ श्रीभट्ट
ब स्वामी हरिदास
स निंबार्काचार्य⇒
द वल्लभाचार्य
7 अचिंत्य भेदाभेद वाद किस संप्रदाय का दार्शनिक मत है
अ गौड़ीय ⇒
ब सखी
स रुद्र
द राधावल्लभ
8 अणुभाष्य का एक नाम है
अ उत्तर मीमांसा भाष्य
ब ब्रह्म सूत्र भाष्य
स 1&2 दोनों ⇒
द उपरोक्त में कोई नहीं
9 युगल शतक में पदों की संख्या कितनी
अ 150.
ब 100⇒
स 200.
द 700
10 हरि व्यास देव के गुरु का क्या नाम था
अ लक्ष्मीधर
ब श्रीभट्ट⇒
स हरिदास
द वल्लभाचार्य
11 कुंभनदास किस जाति के थे
अ ब्राह्मण
ब शूद्र
स क्षत्रिय⇒
द वैश्य
12 सूरदास जी का कौनसा ग्रंथ नायिकाभेद से संबंधित है
अ सूरसारावली
ब साहित्य लहरी⇒
स सूरसागर
द उपरोक्त में कोई नहीं
13 श्रीमद्भागवत के किस अध्याय में सर्वप्रथम भ्रमरगीत का पूर्ण प्रसंग मिलता है
अ 46
ब 48
स 47⇒
द 42
14 सूरदास जब अपने विषय का वर्णन करते हैं तो मानो अलंकार शास्त्र हाथ जोड़कर पीछे पीछे दौड़ा करता है कथन किस आलोचक का है
अ नामवर सिंह
ब आचार्य रामचंद्र शुक्ल
स हजारी प्रसाद द्विवेदी⇒
द मैनेजर पांडेय
15 भ्रमरगीत में कुल कितने पद हैं
अ . 600.
ब 700⇒
स 635.
द 735
16 किस बादशाह द्वारा सीकरी बुलाए जाने पर कुंभनदास को पीड़ा हुई
अ औरंगजेब
ब अकबर⇒
स बाबर
द उपरोक्त में कोई नहीं
17 पुष्टिमार्ग को जहाज जात है उपरोक्त उक्ति किसकी है
अ वल्लभाचार्य
ब विट्ठलनाथ⇒
स रामानुजाचार्य
द उपरोक्त में कोई नहीं
18. साहित्य लहरी में दृष्टिकूट पदों की संख्या है
अ . 118⇒
ब 120
स 600
द 718
19 सूरसारावली में छंदों की संख्या कितनी
अ 1108
ब 1109
स 1107⇒
द 1100
20 दानलीला में किस कृष्ण भक्त कवि के पदों का प्रकाशन हुआ
अ नंददास
ब चतुर्भुजदास ⇒
स कुंभनदास
द परमानंद दास
21 परमानंद सागर में पदों की संख्या है
अ 630
ब 635⇒
स 635
द 650
22. रुकमणी मंगल के रचयिता है
अ परमानंद दास
ब चतुर्भुजदास
स नंददास⇒
द कृष्णदास
23. चैतन्य महाप्रभु किस नाम से जाने जाते थे
अ . गौर
ब गौरांग
स निमाई
द उपरोक्त सभी⇒
24 ध्रुवदास ने स्वप्न में किसके शिष्य बने
अ हित हरिवंश⇒
ब निंबार्काचार्य
स रैदास
द विट्ठलनाथ
25 श्री कृष्ण की बंसी के अवतार माने जाते हैं
अ हरिराम व्यास
ब माधव दास
स हित हरिवंश⇒
द गदाधर भट्ट
26 तत्सुखी की भाव की प्रधानता की संप्रदाय में
अ गौड़ीय
ब राधा बल्लभ⇒
स सखी
द उपरोक्त में कोई नहीं
27 दानलीला कार हैं
अ रहीम
ब रसखान ⇒
स नंददास
द कृष्णदास
28 मलारराग किसकी कृति है
अ गोदा
ब मीरा⇒
स परमानंद दास
द छीतस्वामी
29 मन रे परसी हरि के चरण किसकी पंक्ति है
अ मीराबाई⇒
ब परमानंद दास
स श्रीभट्ट
द हित हरिवंश
30 पंच सहेली का प्रकाशन किस वर्ष हुआ
अ 1520
ब 1518 ⇒
स 1535
द 1540
31 किसने कवि गंग को हाथी से कुचलवाया
अ नूरजहां ⇒
ब खुर्रम
स बाबर
द औरंगजेब
32 मदनाष्टक में छंदों की संख्या है
अ 8⇒
ब 6
स 7
द 9
33 . किसी कवि का महत्व उसकी रचनाओं की संख्या पर नहीं गुणवत्ता पर निर्भर करता है शुक्ल जी ने यह उक्ति किस के संदर्भ में कही
अ रहीम
ब बिहारी ⇒
स रसखान
द सूरदास
34 पंचसहेली नामक कृति के रचनाकार हैं
अ हित हरिवंश
ब निंबार्काचार्य
स विट्ठलनाथ
द उपरोक्त में कोई नहीं⇒
35 प्रेम अनत या जगत में जाने बिरला कोई किसकी पंक्ति है
अ हित हरिवंश
ब हरिराम व्यास⇒
स परमानंद दास
द छीतस्वामी
36 -कृष्ण की उपासना ब्रजेन्द्र कुमार के रूप में किस सम्प्रदाय में कई गयी
अ -चैतन्य सम्प्रदाय⇒
ब -राधाबल्लभ सम्प्रदाय
स -रुद्र सम्प्रदाय
द -ब्रम्हसंप्रदाय
37-यह किस रचना में कहा गया है कि “जो मनोहर और छलकते हुए चित्र है वे भी सच्चे है ,कल्पना के झूठे खेल नही है ।उनमें भारतीय प्रेम जीवन की सच्ची झलक है। “
अ – बरवेनायिकाभेद⇒
ब -सूरसागर
स -मदनाष्टक
द -खेटकौटुकम
38-दोहा चौपाई शैली में रचित कृष्ण चरित संबंधी प्रबंध रचना है
अ -सूरसागर
ब -ब्रजविलास ⇒
स -सहित्यलाहरी
द -रसमंजरी
39- बल्लभदिग्विजय रचना किसकी है
अ -बिट्ठलनाथ
ब -गोकुलनाथ
स -नाभादास
द -यदुनाथ ⇒
40-” वह इस असार संसार को न देखने के वास्ते आँखे बंद किये थे ” सूरदास के संदर्भ में ये कथन किसका है ।
अ -रामचंद्र
ब -भारतेंदु हरिश्चंद्र ⇒
स -ब्रजशेखर शर्मा
द -धीरेन्द्र वर्मा
41-देखि गदर हित साहबी,दिल्ली नगर मसान।छिनही बादसा वंश की ठसक छोरि रसखान।” ये पंक्तियां किसकी है ।
अ -रसखान ⇒
ब -रामराय
स -हरिदास
द -किशोरदास
42-“सुंदर परम किसोर बयवक्र चंचल नयन बिसाल ।कर मुरली सिर मोरपंख उर बनमाल ।। पंक्तिया किस रचनाकार की है ।
अ -कुम्भनदास
ब -नंददास
स -हितहरिवंश
द -सूरदास ⇒
43 “अब मैं पूर्ण यौवन को प्राप्त हु ओर स्वामी कृष्ण के अतिरिक्त और किसी को अपना पति नही बना सकती ” कथन किसका है
अ -अंडाल⇒
ब -मीराबाई
स -महादेवी
द -सहजोबाई
44- “सिखवत चलत यशोदा मैया ।आबराय कर पानि गहावति ,डगमगाय धरै पैया” किसकी पंक्ति है
अ -नंददास
ब -कुम्भनदास
स -सूरदास⇒
द -छीतस्वामी
45 -हिंदी अपने जन्म से ही ब्रजभाषा की प्रवत्ति के साथ खड़ी बोली कि प्रवत्ति को लिए आई थी ब्रजभाषा के हाथ में दिए खड़ी बोली उतरी ” यह कथन किसका है
अ -भारतेंदु हरिश्चंद्र
ब आ० शुक्ल⇒
स -डॉ० सत्येंद्र
द -डॉ० नगेन्द्र
46-मन रे परसि हरि के चरन।सुभग सीतल कमल कोमल त्रिविध ज्वाला हरन । पंक्ति किसकी है
अ -रसखान
ब -मीराबाई⇒
स -सूरदास
द -नंददास
47-मेरे नैन विरह की बेल बई।सीचत नैन नीर के सजनी मूल पतार गई।। पंक्ति किसकी है ।
अ -मीराबाई
ब -सूरदास ⇒
स -कृष्णदास
द -छीतस्वामी
48-गेय पदों की जगह कवित्त सवैयों में कृष्ण का लीला गान करने वाले प्रथम कवि कौन है ।
अ -रसखान⇒
ब -तुलसीदास
स -सूरदास
द -नंददास
49-जसोदा कहा कहौ हौ बात ।तुम्हारे सुत के करतब मो पै कहत कहे नही जात ।पंक्ति किसकी है ।
अ -परमानंददास
ब -चतुर्भुजदास ⇒
स -छीतस्वामी
द -कुम्भनदास
50 -तुम नीके दुहि जानत गैया।चलिए कुँवर रसिक मनमोहन लागौ तिहारे पैया ।। पंक्ति किसकी है ।
अ -कुम्भनदास⇒
ब -कृष्णदास
स – परमानंददास
द -छीतस्वामी
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