दोस्तो आज की पोस्ट में हम नागरी प्रचारिणी सभा(Nagari Pracharini Sabha) की पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे ,आप अच्छे से इसे पढ़ें |
नागरी प्रचारिणी सभा(Nagari Pracharini Sabha) |
⇒ इसकी स्थापना 1893 ई. में काशी में निम्न तीन विद्वानों के प्रयासों से हुई थी –
- रामनारायण मिश्र
- डाॅ. श्यामसुन्दर दास
- शिवकुमार सिंह
ट्रिक सूत्र – ’राम-श्याम-शिव’
⇒ वास्तविक गठन तिथि -16 जुलाई, 1893 ई.
⇔ प्रथम अध्यक्ष – राधाकृष्णदास
⇒ इस सभा द्वारा मूल्यवान हिन्दी ग्रंथों का प्रकाशन किया जाता था।
⇔ इस सभा द्वारा हस्तलिखित हिन्दी ग्रन्थों की खोज का कार्य किया गया था, जिसके अध्यक्ष निम्नानुसार रहे थे –
1. बाबू श्यामसुंदर दास -1900 ई. से 1908 ई. तक
2. श्याम बिहारी मिश्र व शुकदेव बिहारी मिश्र-1908 ई. से 1916 ई. तक
⇒ इस सभा द्वारा 1896 ई. में काशी से ’नागरी प्रचारिणी’ नामक एक त्रैमासिक पत्रिका का प्रकाशन भी शुरू किया गया था, जिसमें अनेक शोधपरक लेख छपा करते थे।
⇒ इस सभा द्वारा हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए 1910 ई. में ’हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग’ की स्थापना भी की गई थी।
⇔वाराणसी में इसकी स्थापना में ’मदनमोहन मालवीय’ व पुरुषोत्तमदास टंडन का अपूर्व योगदान रहा था।
हिन्दी साहित्य सम्मेलन,प्रयाग के प्रथम अध्यक्ष-मदनमोहन मालवीय
हिन्दी साहित्य सम्मेलन के प्राण– पुरुषोत्तमदास टंडन
⇒ इसके बाद हिन्दी साहित्य की समृद्धि का काम सभा ने अपने हाथ में रखा एवं प्रचार-प्रसार का काम इस सम्मेलन को सौंप दिया गया।
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बहुत उपयोगी जानकारी सर जी
उपयोगी जानकारी।धन्यवाद।
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