Questions

उपमा अलंकार के 10 उदाहरण – Upma Alankar ka Udaharan

उपमा अलंकार के 10 उदाहरण – Upma Alankar ka Udaharan ‘‘चन्द्रमा-सा कान्तिमय मुख रूप दर्शन है तुम्हारा।’’ ’सुनि सुरसरि सम सीतल बानी।’ ‘‘राम लखन सीता सहित, सोहत पर्ण-निकेत। जिमि बस वासव अमरपुर, सची जयन्त समेत।।’’ मोम सा तन घुल चुका, अब दीप सा दिल जल रहा है। राधा बदन चन्द सो सुन्दर। मुख मयंक सम …

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विरोधाभास अलंकार किसे कहते हैं?

विरोधाभास अलंकार किसे कहते हैं? विरोधाभास’ शब्द ’विरोध+आभास’ के योग से बना है, अर्थात् जब किसी पद में वास्तविकता में तो विरोध वाली कोई बात नहीं होती है, परन्तु सामान्य बुद्धि से विचार करने पर वहाँ कोई भी पाठक विरोध कर सकता है तो वहाँ विरोधाभास अलंकार माना जाता है। जैसे- ’’या अनुरागी चित्त की, …

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विभावना अलंकार किसे कहते है?

विभावना अलंकार किसे कहते है? हम विभावना अलंकार के बारे में संक्षिप्त जानकारी दे रहें है – विभावना अलंकार की परिभाषा – Vibhavana Alankar ki Paribhasha हमारे द्वारा जो कोई भी कार्य किया जाता है, उनके पीछे कोई न कोई कारण अवश्य निहित होता है, परन्तु जब किसी पद में वास्तविक कारण के बिना ही …

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प्रतीप अलंकार किसे कहतें है?

प्रतीप अलंकार किसे कहतें है? प्रतीप का तात्पर्य होता है उल्टा या विपरीत। यहाँ उपमा का उलटा रूप दिखाया जाता है। जहाँ पर प्रसिद्ध उपमान को उपमेय और उपमेय को उपमान सिद्ध करके चमत्कारपूर्वक उपमेय या उपमान की उत्कृष्टता दिखायी जाती है, वहाँ पर प्रतीप अलंकार(Prateep Alankar) होता है। उदाहरण – ’चंद्र-सा मुख है’ तो …

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काव्य के कितने गुण होते हैं?

काव्य के कितने गुण होते हैं? उत्तर  – काव्य के सौंदर्य को बढ़ाने वाले या उत्कर्षक तत्त्वों को काव्य गुण कहा जाता है। काव्य के मुख्यतया तीन गुण होते है काव्य गुण भेद: प्रसाद ओज माधुर्य प्रसाद गुण – Prasad Gun प्रसाद का शाब्दिक अर्थ – स्वच्छता ,स्पष्टता और निर्मलता। ऐसी काव्य रचना जिसको पढ़ते …

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काव्य रीति क्या है?

काव्य रीति क्या है? ‘रीति’ शब्द ‘री’ धातु में ‘क्तिन’ प्रत्यय के योग से निर्मित है, जिसका अर्थ है मार्ग, प्रणाली या पद्धति । ‘री’ धातु जाने या गति करने के अर्थ में प्रयुक्त होती है । रीति शब्द की व्युत्पत्ति है;’ रीयते अनेनेति रीति’ अर्थात जिस मार्ग से गमन किया जाए वही रीति है …

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