प्रतीप अलंकार किसे कहतें है?
प्रतीप का तात्पर्य होता है उल्टा या विपरीत। यहाँ उपमा का उलटा रूप दिखाया जाता है। जहाँ पर प्रसिद्ध उपमान को उपमेय और उपमेय को उपमान सिद्ध करके चमत्कारपूर्वक उपमेय या उपमान की उत्कृष्टता दिखायी जाती है, वहाँ पर प्रतीप अलंकार(Prateep Alankar) होता है।
उदाहरण – ’चंद्र-सा मुख है’ तो वहाँ उपमा होती है और यदि इसे ही उलटकर कहा जाये कि ’मुख – सा चंद्र है तो यह प्रतीप अलंकार का उदाहरण होगा। प्रतीप अलंकार में ’उपमेय’ का अतिशय उत्कर्ष प्रकट किया जाता है।
’’बहुरि विचार कीन्ह मन मांही
सिय बदन सम, हिमकर ना ही।’’