उपमा अलंकार के 10 उदाहरण – Upma Alankar ka Udaharan
- ‘‘चन्द्रमा-सा कान्तिमय मुख रूप दर्शन है तुम्हारा।’’
- ’सुनि सुरसरि सम सीतल बानी।’
- ‘‘राम लखन सीता सहित, सोहत पर्ण-निकेत।
जिमि बस वासव अमरपुर, सची जयन्त समेत।।’’ - मोम सा तन घुल चुका, अब दीप सा दिल जल रहा है।
- राधा बदन चन्द सो सुन्दर।
- मुख मयंक सम मंजु मनोहर
- पीपर पात सरिस मन डोला।
- हँसने लगे तब हरि अहा। पूर्णेन्दु सा मुख खिल गया।।
- कुलिस कठोर सुनत कटु बानी।
- ‘‘तो मुख सोहत है ससि सो, अरु ससि सोहत है तो मुख जैसो।’’
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