आज के आर्टिकल में हम समास के अंतर्गत तत्पुरुष समास(Tatpurush Samas) को विस्तार से पढेंगे। इसकी परिभाषा(Tatpurush samas ki Paribhasha) भेद(Tatpurush samas ke Bhed) उदाहरणों(Tatpurush samas ke Udaharan),tatpurush samas in hindi के माध्यम से अच्छे से पढेंगे।
तत्पुरुष समास – Tatpurush Samas
Table of Contents
अब सबसे पहले हम यह जानेंगे कि तत्पुरुष समास होता क्या है ?
तत्पुरुष समास की परिभाषा – Tatpurush samas ki Paribhasha
तत्पुरुष समास में उत्तरपद(समस्त पद का अंतिम पद) प्रधान होता है और पूर्व पद (शुरू का पद )गौण होता है। इसका अर्थ यह हुआ कि तत्पुरुष समास में उत्तर पद की प्रधानता होती है। सामासिक पद में विभक्ति का लोप हो जाता है।
इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि शब्दों का लोप होता है।
विशेष : तत्पुरुष समास में कर्ता कारक का कभी भी प्रयोग नही होता है।
अब हम कुछ उदाहरणों से तत्पुरुष समास को समझेंगे।
तत्पुरुष समास के उदाहरण – Tatpurush Samas ke Udaharan
➡️ माखनचोर : माखन को चुराने वाला
➡️ शरणागत : शरण को आया हुआ
➡️ शोकाकुल : शोक से आकुल
➡️ अकालपीड़ित : अकाल से पीड़ित
➡️ रसोईघर : रसोई के लिए घर
➡️ गुणहीन : गुण से हीन
➡️ जलधारा : जल की धारा
➡️ गृहप्रवेश : गृह में प्रवेश
➡️नरोत्तम : नारों में उत्तम
आइए अब हम तत्पुरुष समास के भेदों को समझेंगे।
क्या आप जानते है कि तत्पुरुष समास के भेद कितने होते है?
तत्पुरुष समास के भेद – Tatpurush Samas ke Bhed
- कर्म तत्पुरुष समास
- करण तत्पुरुष समास
- सम्प्रदान तत्पुरुष समास
- अपादान तत्पुरुष समास
- सम्बन्ध तत्पुरुष समास
- अधिकरण तत्पुरुष समास
कर्म तत्पुरुष समास – Karm Tatpurush Samas
परिभाषा :
जिस समास में कारक चिन्ह ‘को’ लोप होता है ,उसे कर्म तत्पुरुष समास(Karm Tatpurush Samas ) कहते है ।
कर्म तत्पुरुष समास के उदाहरण – Karm Tatpurush Samas ke Udaharan
समस्त पद | समास विग्रह |
अग्निभक्षी | अग्नि (को) भक्षण करनेवाला |
आशातीत | आशा को लाँघकर गया हुआ |
इतिहासकार | इतिहास को लिखने वाला। |
कठखोदवा | काठ (को) खोदनेवाला |
कठफोड़वा | काष्ठ को फोड़ने वाला |
कमरतोड़ | कमर को तोड़ने वाला |
कष्टसहिष्णु | कष्ट को सहन वाला |
कुंभकार | कुंभ को बनाने वाला |
गगनचुंबी | गगन को चूमने वाला |
गठकटा | गाँठ को काटनेवाला |
गिरहकट | गिरह को काटने वाला |
गिरिधर | गिरी को धारण करने वाला |
गृहागत | गृह को आया हुआ |
ग्रंथकार | ग्रंथ को लिखने वाला |
ग्रामगत | ग्राम को गया हुआ |
चिड़ीमार | चिड़ी को मारने वाला |
चित्तचोर | चित्त को चुराने वाला |
चित्रकार | चित्र को बनाने वाला। |
जनप्रिय | जन को प्रिय |
जलधर | जल को धारण करने वाला |
जलपिपासु | जल को पीने की इच्छा रखनेवाला |
जितेंद्रिय | इंद्रियों को जीतने वाला |
जेबकतरा | जेब को काटने वाला |
तिलचट्टा | तिल को चाटनेवाला |
दु:खद | दुःख को देनेवाला |
दु:खापन्नी | दु:ख को आपन्न |
देशगत | देश को गया हुआ |
नर्कगत | नर्क को गया हुआ। |
नेत्रसुखद | नेत्र को सुख देने वाला |
पदप्राप्त | पद को प्राप्त |
परलोकगमन | परलोक को गमन |
पाकिटमार | पाकिट को मारनेवाला |
मनोहर | मन को हरने वाला |
मरणातुर | मरने को आतुर |
मरणासन्न | मरण को पहुँचा हुआ |
माखनचोर | माखन को चुराने वाला। |
मुंहतोड़ | मुंह को तोड़ने वाला |
मूर्तिकार | मूर्ति को बनाने वाला। |
यशप्राप्त | यश को प्राप्त |
यशोदा | यश को देनेवाली |
रथचालक | रथ को चलाने वाला। |
वनगमन | वन को गमन |
विकासोन्मुख | विकास को उन्मुख |
विद्याधर | विद्या को धारण करने वाला |
व्यक्तिगत | व्यक्ति को गत (गया) हुआ |
शत्रुघ्न | शत्रु को मारने वाला |
शरणागत | शरण को आया हुआ |
शहरगत | शहर को गया हुआ। |
संकटापन्न | संकट को आपन्न (प्राप्त) |
संगीतज्ञ | संगीत को जानने वाला |
सम्मानप्राप्त | सम्मान को प्राप्त |
सर्वज्ञ | सब को जानने वाला |
सर्वभक्षी | सब का भक्षण करने वाला |
सिरतोड़ | सिर को तोड़ने वाला। |
सुखप्राप्त | सुख को प्राप्त |
स्थानापन्न | स्थान को आपन्न (प्राप्त) |
स्वर्गगत | स्वर्ग को गया हुआ |
स्वर्गप्राप्त | स्वर्ग को प्राप्त |
हितकारी | हित को करने वाला |
करण तत्पुरुष समास – Karan Tatpurush Samas
परिभाषा :
जिस समास में दो कारक चिन्ह “से और के द्वारा” लोप होता है,उन्हें करण तत्पुरुष समास कहते है
करण तत्पुरुष समास के उदाहरण – Karan Tatpurush Samas ke Udaharan
समस्त पद | समास-विग्रह |
अंधकारयुक्त | अंधकार से युक्त |
अकाल पीड़ित | अकाल से पीड़ित |
अनलदग्ध | अनल (आग) से दग्द |
अश्रुपूर्ण | अश्रु से पूर्ण |
आँखोंदेखी | आँखों से देखी |
आकालपीड़ित | आकाल से पीड़ित |
आचारकुशल | आचार से कुशल |
आचारपूत | आचार से पूत (पवित्र) |
आतपजीवी | आतप (धूप) से जीनेवाला |
ईश्वरदत्त | ईश्वर द्वारा दिया हुआ |
उत्कंठापूर्ण | उत्कंठा से पूर्ण |
कंटकाकीर्ण | कंटकों (काँटों) से भरा |
कपड़छन | कपड़ा से छना |
करुणापूर्ण | करुणा से पूर्ण |
कर्मवीर | कर्म से वीर |
कलंकयुक्त | कलंक से युक्त |
कलापूर्ण | कला से पूर्ण |
कष्ट साध्य | कष्ट से साध्य |
कष्टापन्न | कष्ट को आपन्न (प्राप्त) |
कामचोर | काम से चोर |
क्षुधातुर | क्षुधा (भूख) से आतुर |
खड्गधर | खड्ग को धारण करने वाला |
गुणयुक्त | गुण से युक्त |
गुरुदक्ष | गुरु से दक्ष |
गुरुदत्त | गुरु द्वारा दिया हुआ |
गृहागत | गृह को आगत |
ग्रामगत | ग्राम को गया हुआ |
घृतमिश्रित | घृत से मिश्रित |
चिंताग्रस्त | चिंता से ग्रस्त |
चिड़ीमार | चिड़ियों को मारने वाला |
जगसुहाता | जग को सुहाने वाला |
जलसिक्त | जल से सिक्त (गीला/भीगा) |
जलाभिषेक | जल से अभिषेक |
जलावृत | जल से आवृत |
जितेन्द्रिय | इंद्रियों को जीतने वाला |
जेबकतरा | जेब को कतरने वाला |
ज्ञानयुक्त | ज्ञान से युक्त |
ज्वरग्रस्त | ज्वर से ग्रस्त |
तर्कसंगत | तर्क से संगत |
तारोभरी | तारों से भरी |
तिलकुटा | तिल को कूटकर बनाया हुआ |
तिलपापड़ी | तिल से बनी पापड़ी |
तुलसी कृत | तुलसी द्वारा रचित |
दयार्द्र | दया से आर्द्र |
दस्तकारी | दस्त (हाथ) से किया गया कार्य |
दिलतोड़ | दिल को तोड़ने वाला |
दुःखसंतप्त | दुःख से संतप्त |
दुःखार्त | दुःख से आर्त |
देवदत्त | देव द्वारा दत्त (प्रदत्त) |
देशभक्ति | देश से भक्ति |
देहचोर | देह से चोर |
धनहीन | धन से हीन |
धर्माध | धर्म से अंधा |
नककटा | नाक को कटवाया हुआ |
नरभक्षी | नर को भक्षित करने वाला |
नियमाबद्ध | नियम से आबद्ध (बँधा हुआ) |
नीतियुक्त | नीति से युक्त |
नेत्रहीन | नेत्र से हीन |
पंतप्रणीत | पंत द्वारा प्रणीत (रचित) |
पक्षधर | पक्ष को धारण करने वाला |
पतितपावन | पापियों को पवित्र करने वाला |
पददलित | पद से दलित |
पपड़छना | कपड़े से छना हुआ |
परलोक गमन | परलोक को गमन |
परशुरामरचित | परशुराम द्वारा रचित। |
पर्णकुटीर | पर्ण से बनी कुटीर |
प्राप्तोदक | उदक (जल) को प्राप्त |
प्रेमसिक्त | प्रेम से सिक्त |
प्रेमाकुल | प्रेम से आकुल |
प्रेमातुर | प्रेम से आतुर |
फलावेष्टित | फल से आवेष्टित |
बाणाहत | बाण से आहत |
भयाकुल | भय से आकुल |
भुखमरा | भूख से मरा |
मदमस्त | मद से मस्त |
मदमाता | मद से माता |
मदांध | मद से अंधा |
मनगढंत | मन से गढ़ा हुआ |
मनचाहा | मन से चाहा |
मनोहर | मन को हरने वाला |
मरणासन्न | मरण को पहुँचा हुआ |
माखनचोर | माखन को चुराने वाला |
मुँहचोर | मुँह से चोर |
मुहमांगा | मुँह से माँगा गया |
मेघाच्छन्न | मेघ से आच्छन्न |
मोहांध | मोह से अंधा |
यशप्राप्त | यश को प्राप्त |
रक्तरंजित | रक्त से रंजीत |
रक्तारक्त | रक्त से आरक्त (लाल) |
रत्नजड़ित | रत्नों से जड़ित |
रसभरा | रस से भरा |
रेखांकित | रेखा के द्वारा अंकित |
रेलयात्रा | रेल के द्वारा यात्रा |
रोगग्रस्त | रोग से ग्रस्त |
रोगमुक्त | रोग से मुक्त |
वयःप्राप्त | वय (उम्र) को प्राप्त |
वाग्दत्ता | वाणी द्वारा दत्त |
वाग्युद्ध | वाक् (वाणी ) से युद्ध |
वाल्मीकिरचित | वाल्मीकि दवारा रचित |
विद्याधर | विद्या को धारण करने वाला |
विद्युतमापी | विद्युत को मापने वाला |
विधिनिर्मित | विधि द्वारा निर्मित |
व्यवहारकुशल | व्यवहार से कुशल |
शरणागत | शरण को आगत |
शराहत | शर से आहत |
शोकग्रस्त | शोक से ग्रस्त |
शोकाकुल | शोक से आकुल |
श्रमजीवी | श्रम से जीने वाला |
संकटापन्न | संकट को आपन्न (प्राप्त) |
सर्वज्ञ | सर्व (सब) को जानने वाला |
सुखप्राप्त | सुख को प्राप्त करने वाला |
सूररचित | सूर के द्वारा रचित |
स्नेहाविष्ट | स्नेह से आविष्ट |
स्याहीचूस | स्याही को चूसने वाला |
स्वयंसिद्ध | स्वयं से सिद्ध |
स्वरचित | स्व द्वारा रचित |
स्वर्ग प्राप्त | स्वर्ग को प्राप्त |
हस्तलिखित | हस्त से लिखित |
सम्प्रदान तत्पुरुष समास – Sampradan Tatpurush Samas
परिभाषा:
जिस समास के अंतर्गत कारक चिन्ह के रूप में “के लिए” का लोप होता है, वह सम्प्रदान तत्पुरुष समास (Sampradan Tatpurush Samas) कहलाता है
सम्प्रदान तत्पुरुष समास के उदाहरण – Sampradan Tatpurush Samas ke Udaharan
समस्त पद | समास-विग्रह |
आरामकुर्सी | आराम के लिए कुर्सी |
आवेदन पत्र | आवेदन के लिए पत्र |
कर्णफूल | कर्ण (कान) के लिए फूल |
काकबलि | काक (कौआ) के लिए बलि |
कारावास | कारा के लिए आवास |
कृष्णार्पण | कृष्ण के लिए अर्पण |
क्रीड़ास्थल | क्रीडा के लिए स्थल |
गुरुदक्षिणा | गुरु के लिए दक्षिणा |
गृहस्थाश्रम | गृहस्थ के लिए आश्रम |
गोशाला | गायों के लिए शाला |
चिड़ियाघर | चिड़िया के लिए घर |
डाकगाड़ी | डाक के लिए गाड़ी |
डाकमहसूल | डाक के लिए महसूल (कर अथवा लगान) |
देवबली | देव के लिए बली |
देवालय | देव के लिए आलय |
देशभक्ति | देश के लिए भक्ति |
देशार्पण | देश के लिए अर्पण |
पाठशाला | पाठ (पढ़ने) के लिए शाला |
पुत्रशोक | पुत्र के लिए शोक |
प्रयोगशाला | प्रयोग के लिए शाला |
ब्राह्मदक्षिणा | ब्राह्मण के लिए दक्षिणा |
मार्गव्यय | मार्ग के लिए व्यय |
मालगाड़ी | माल के लिए गाड़ी |
मालगोदाम | माल के लिए गोदाम |
यज्ञशाला | यज्ञ के लिए शाला |
यज्ञाहुति | यज्ञ के लिए आहुति |
रंगमंच | रंग के लिए मंच |
रणभूमि | रण के लिए शाला |
रसोईघर | रसोई के लिए घर |
राहखर्च | राह के लिए खर्च |
लोकहितकारी | लोक के लिए हितकारी |
विद्यालय | विद्या के लिए आलय |
विधान भवन | विधान के लिए भवन |
विधानसभा | विधान के लिए सभा |
विश्रामगृह | विश्राम के लिए गृह |
शपथपत्र | शपथ के लिए पत्र |
शरणागत | शरण को आगत |
शिवार्पण | शिव के लिए अर्पण |
सत्यागृह | सत्य के लिए आग्रह |
सभाभवन | सभा के लिए भवन |
समाचार पत्र | समाचार के लिए पत्र |
साधुदक्षिणा | साधु के लिए दक्षिणा |
स्नानघर | स्नान के लिए घर |
स्वागतगान | स्वागत के लिए मान |
हथकड़ी | हाथ के लिए कड़ी |
हथघड़ी | हाथ के लिए घड़ी |
हवन सामग्री | हवन के लिए सामग्री |
अपादान तत्पुरुष समास – Apadan Tatpurush Samas
परिभाषा:
ऐसे समास शब्द जिनमें अपादान कारक चिन्ह “से” का लोप हो , उन्हें अपादान तत्पुरुष समास(Apadan Tatpurush Samas) कहा जाता है।
अपादान तत्पुरुष की पहचान:
नोट : अपादान तत्पुरुष में पदों में पार्थक्य,विलगता, दूरीकरण और अलगाव का भाव होता है
जिन समस्त पदों के अंत में निम्न पद हो वे समस्त पद अपादान तत्पुरुष समास में आते है ,कुछ अपवादों को छोड़कर।
विरक्त | भय |
मुक्त | भीत |
हीन | भ्रष्ट |
विहीन | शून्य |
च्युत | उत्पत्ति |
रहित | विमुख |
निकाला | निर्वासित |
उत्पन्न | वंचित |
बहिष्कार | निवृत्त |
इतर | निष्कासन |
बहिष्कृत | आगत |
अतीत | पतित |
भिन्न | वासी |
अपादान तत्पुरुष समास के उदाहरण – Apadan Tatpurush Samas ke Udaharan
समस्त पद | समास-विग्रह |
अन्नहीन | अन्न से हीन |
ऋणमुक्त | ऋण से मुक्त |
कर्जमुक्त | कर्ज से मुक्त। |
कर्मरहित | कर्म से रहित |
कर्महीन | कर्म से हीन |
कामचोर | काम से जी चुराने वाला |
गुणहीन | गुणों से हीन |
जन्मरोगी | जन्म से रोगी |
जन्मांध | जन्म से अँधा |
जलहीन | जल से हीन |
जातिच्युत | जाति से च्युत |
जीवनमुक्त | जीवन से मुक्त |
दूरागत | दूर से आगत |
देशनिकाला | देश से निकाला |
देशनिर्वासित | देश से निर्वासित |
धनहीन | धन से हीन |
धर्मच्युत | धर्म से च्युत |
धर्मभ्रष्ट | धर्म से भ्रष्ट |
धर्मविमुख | धर्म से विमुख |
नेत्रहीन | नेत्र से हीन |
पथभ्रष्ट | पथ से भ्रष्ट |
पदच्युत | पद से हटाया हुआ |
पदभ्रष्ट | पद से भ्रष्ट |
पापमुक्त | पाप से मुक्त |
फलहीन | फल से हीन |
बंधनमुक्त | बंधन से मुक्त |
बलहीन | बल से हीन |
बीमारीमुक्त | बीमारी से मुक्त। |
बुद्धिहीन | बुद्धि से हीन |
भयभीत | भय से भीत |
भाग्यहीन | भाग्य से हीन |
भार रहित | भार से रहित |
मरणोत्तर | मरण ‘से’ उत्तर (परे) |
मायारिक्त | माया से रिक्त |
रणविमुख | रण से विमुख |
रोगमुक्त | रोग से मुक्त |
रोजगारवंचित | रोजगार से वंचित |
लक्ष्यभ्रष्ट | लक्ष्य से भ्रष्ट |
लोकोतर | लोक से उतर |
वनरहित | वन से रहित |
विदयारहित | विदया से रहित |
विवाहेतर | विवाह से इतर (भिन्न) |
व्ययमुक्त | व्यय से मुक्त |
शक्तिहीन | शक्ति से हीन |
सजामुक्त | सजा से मुक्त। |
सत्ताच्युत | सत्ता से च्युत |
सेवानिवृत्त | सेवा से निवृत्त |
सेवामुक्त | सेवा से मुक्त |
स्थानच्युत | स्थान से हटाया हुआ |
स्थानभ्रष्ट | स्थान से भ्रष्ट |
सम्बन्ध तत्पुरुष समास – Sambandh Tatpurush Samas
परिभाषा:
ऐसे समास शब्द जिनमें अपादान कारक चिन्ह “का ,के ,की ” का लोप हो , उन्हें सम्बन्ध तत्पुरुष समास(Sambandh Tatpurush Samas) कहा जाता है।
सम्बन्ध तत्पुरुष समास के उदाहरण – Sambandh Tatpurush Samas ke Udaharan
समस्त पद | समास-विग्रह |
अंगदान | अंग का दान |
अक्षांश | अक्ष का अंश |
अछूतोद्वार | अछूतों का उद्धार |
अन्नदाता | अन्न को देने वाला |
अमचूर | आम का चूर्ण |
श्रमदान | श्रम का दान |
अमरस | आम का रस |
अमृतधारा | अमृत की धारा |
अश्वमेध | अश्व का यज्ञ |
आज्ञानुसार | आज्ञा के अनुसार |
आनंदाश्रम | आनंद का आश्रम |
उद्योगपति | उद्योग का पति |
कनकघर | कनक (सोने) का घर |
कन्यादान | कन्या का दान |
कृष्णमूर्ति | कृष्ण की मूर्ति |
खरारि | खर का अरि |
गंगाचल | गंगा का आँचल |
गंगाजल | गंगा का जल |
गंगातट | गंगा का तट |
गुरुसेवा | गुरु की सेवा |
गृहस्वामी | गृह का स्वामी |
ग्रामोद्धार | ग्राम का उद्धार |
घुड़दौड़ | घोड़ों की दौड़ |
चन्द्रोदय | चंद्रमा का उदय |
चरित्रचित्रण | चरित्र का चित्रण |
जलधारा | जल की धारा |
जीवदानी | जीव का दान। |
जीवनसाथी | जीवन का साथी |
दशरथपुत्र | दशरथ का पुत्र |
दीनानाथ | दीनों का नाथ |
देवदास | देव का दास |
देवमूर्ति | देवों की मूर्ति |
देवालय | देव का आलय (घर) |
देशरक्षा | देश की रक्षा |
देशवासी | देश के वासी |
देशसुधार | देश का सुधार |
देशसेवा | देश की सेवा |
नेत्रदान | नेत्र का दान |
परनिंदा | पर की निंदा |
पराधीन | दूसरों के अधीन |
पवनपुत्र | पवन का पुत्र |
पुष्पवर्षा | पुष्पों की वर्षा |
पुस्तकालय | पुस्तक का आलय |
प्रजापति | प्रजा का पति |
प्रधानपति | प्रधान का पति |
प्रश्नानुसार | प्रश्न के अनुसार |
प्रसंगानुसार | प्रसंग के अनुसार |
फुलवाड़ी | फूलों की बाड़ी |
बैलगाड़ी | बैल की गाड़ी |
ब्राह्मणपुत्र | ब्राह्मण का पुत्र |
भारत रत्न | भारत का रत्न |
भारतवासी | भारत का वासी |
भूदान | भू का दान |
भ्रातृस्नेह | भ्रातृ का स्नेह |
मंत्रीपरिषद् | मंत्रियों की परिषद |
मनधारा | मन की धारा |
मनोविज्ञान | मन का विज्ञान |
मृगछौना | मृग का छौना (छाल) |
मृत्युदंड | मृत्यु का दंड |
यमुनातट | यमुना का तट |
रक्तदान | रक्त का दान |
राजकन्या | राजा की कन्या |
राजकुमार | राजा का कुमार |
राजगृह | राजा का गृह |
राजदरबार | राजा का दरबार |
राजनीतिज्ञ | राजनीति का ज्ञाता |
राजपुत्र | राजा का पुत्र |
राजपुरुष | राजा का पुरुष |
राजभवन | राजा का भवन |
राजमाता | राजा की माता |
राजसभा | राजा की सभा |
रामचरित | राम का चरित |
रामभक्ति | राम की भक्ति |
रामायण | राम का अयन |
रामोपासक | राम का उपासक |
राष्ट्रगौरव | राष्ट्र का गौरव |
राष्ट्रपति | राष्ट्र का पति |
लखपति | लाखों का पति |
लोकसभा | लोक की सभा |
वस्तुदान | वस्तु का दान |
विद्याभण्डार | विद्या का भंडार |
विद्याभ्यास | विद्या का आभास |
विद्यासागर | विद्या का सागर |
वीरकन्या | वीर की कन्या |
सचिवालय | सचिव की आलय |
सभापति | सभा का पति |
सूर्योदय | सूर्य का उदय |
सेनाध्यक्ष | सेना का अध्यक्ष |
सेनानायक | सेना का नायक |
सेनापति | सेना का पति |
सौरमंडल | सूर्य का मण्डल |
स्वतंत्र | स्व का तंत्र |
स्वास्थ्यरक्षा | स्वास्थ्य की रक्षा |
हिमालय | हिम का आलय |
अधिकरण तत्पुरुष समास – Adhikaran Tatpurush Samas
परिभाषा:
ऐसे समास शब्द जिनमें अपादान कारक चिन्ह “में ,पर ” का लोप हो , उन्हें अधिकरण तत्पुरुष समास(Adhikaran Tatpurush Samas) कहा जाता है।
अधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण – Adhikaran Tatpurush Samas ke Udaharan
समस्त पद | समास-विग्रह |
अज्ञातवास | अज्ञात में वास |
आत्मनिर्भर | आत्म पर निर्भर |
आत्मविश्वास | आत्म में विश्वास |
आत्मविश्वास | आत्म पर विश्वास |
आनंदमग्न | आनंद में मग्न |
आपबीती | अपने पर बीती |
कपिश्रेष्ठ | कपियों में श्रेष्ठ |
कर्त्तव्यपराणता | कर्त्तव्य में परायण |
कर्मरत | कर्म में रत (लगा हुआ) |
कर्मलीन | कर्म में लीन |
कलानिपुण | कला में निपुण |
कविपुंगव | कवियों में पुंगव (श्रेष्ठ) |
कविश्रेष्ठ | कवियों में श्रेष्ठ |
कानाफूसी | कानों में फुसफुसाहट |
कुलश्रेष्ठ | कुल में श्रेष्ठ |
क्षत्रियाधम | क्षत्रियों में अधम |
खुदबीती | खुद पर बीती। |
गृह प्रवेश | गृह में प्रवेश |
ग्रामवास | ग्राम में वास |
घुड़सवार | घोड़े पर सवार |
घृतान्न | घी में पका हुआ अन्न |
चिंतामग्न | चिंता में मग्न |
जगबीती | जग में बीती |
जलज | जल में जन्मा |
जलमग्न | जल में मग्न |
जलसमाधि | जल में समाधि |
डिब्बाबंद | डिब्बा में बन्द |
तीर्थाटन | तीर्थ में यात्रा |
दहीबड़ा | दही में डूबा हुआ बड़ा |
दानवीर | दान में वीर |
दुकानप्रवेश | दुकान में प्रवेश। |
देशाटन | देश में अटन |
धर्मवीर | धर्म में वीर |
ध्यानमग्न | ध्यान में मग्न |
नगरनिवास | नगर में निवास |
नरश्रेष्ठ | नरों में श्रेष्ठ |
पर्वतारोहण | पर्वत पर आरोहण |
नीतिकुशल | नीति में कुशल |
पुरुषोत्तम | पुरुषों में उत्तम |
पेटदर्द | पेट में दर्द |
मंत्रीवर | मंत्रियों में वर |
मुनिश्रेष्ठ | मुनियों में श्रेष्ठ |
युद्धनिपुण | युद्ध में निपुण |
युद्धवीर | युद्ध में वीर |
रणवीर | रण में वीर |
रथारूढ़ | रथ पर आरूढ़ |
रेलगाड़ी | रेल (पटरी) पर चलने वाली गाड़ी |
लोकप्रिय | लोक (लोगों) में प्रिय |
वनवास | वन में वास |
विचारमग्न | विचार में मग्न |
विचारलीन | विचारों में लीन |
विद्याप्रवीण | विद्या में प्रवीण |
व्यवहारकुशल | व्यवहार में कुशल |
शरणागत | शरण में आगत |
शहरवास | शहर में वास |
शास्त्रप्रवीण | शास्त्र में प्रवीण |
सर्वव्याप्त | सब में व्याप्त |
सिरदर्द | सिर में दर्द |
स्नेह मग्न | स्नेह में मग्न |
स्वर्गवासी | स्वर्ग में बसने वाला |
निष्कर्ष :
आज के आर्टिकल में हमने समास के अंतर्गत तत्पुरुष समास(Tatpurush Samas) को विस्तार से पढ़ा। इसकी परिभाषा,भेद, उदाहरणों(Tatpurush samas ke Udaharan) के माध्यम से अच्छे से समझा। हम उम्मीद करतें है कि आपको यह टॉपिक अच्छे से समझ आ गया होगा ….धन्यवाद
- जेबकतरा में कौनसा समास है?
कर्म तत्पुरुष - देशगत में कौनसा समास है?
कर्म तत्पुरुष - मरणासन्न में कौनसा समास है?
कर्म तत्पुरुष - माखनचोर में कौनसा समास है?
कर्म तत्पुरुष - शरणागत में कौनसा समास है?
कर्म तत्पुरुष - सर्वज्ञ में कौनसा समास है?
कर्म तत्पुरुष - स्वर्गप्राप्त में कौनसा समास है?
कर्म तत्पुरुष - आकालपीड़ित में कौनसा समास है?
करण तत्पुरुष - कठफोड़ा में कौनसा समास है?
करण तत्पुरुष - कनकटा में कौनसा समास है?
करण तत्पुरुष - कर्मवीर में कौनसा समास है?
करण तत्पुरुष - कामचोर में कौनसा समास है?
करण तत्पुरुष - रेलगाड़ी में कौनसा समास है ?
तत्पुरुष (अधिकरण)
महत्त्वपूर्ण लिंक :
सूक्ष्म शिक्षण विधि 🔷 पत्र लेखन
🔷प्रेमचंद कहानी सम्पूर्ण पीडीऍफ़ 🔷प्रयोजना विधि
🔷 सुमित्रानंदन जीवन परिचय 🔷मनोविज्ञान सिद्धांत
🔹रस के भेद 🔷हिंदी साहित्य पीडीऍफ़
🔷शिक्षण कौशल 🔷लिंग (हिंदी व्याकरण)🔷
🔹सूर्यकांत त्रिपाठी निराला 🔷कबीर जीवन परिचय 🔷हिंदी व्याकरण पीडीऍफ़ 🔷 महादेवी वर्मा