आज के आर्टिकल में हम हिंदी व्याकरण के अंतर्गत तुकांत शब्द (Tukant Shabd) को पढेंगे ,इसके अंतर्गत हम तुकांत शब्द किसे कहते हैं (Tukant Shabd kise kahate hain) ,तुकांत शब्द के उदाहरण(Tukant Shabd ka Udaharan) पढेंगे।
तुकांत शब्द किसे कहते हैं – Tukant Shabd kise kahate hain
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⇒ तुकांत शब्द का अर्थ – Tukant Shabd ka Arth
समान तुक वाले शब्द। वे शब्द जिनके अंत में समान तुक वाले शब्द हो अर्थात् एक समान लय वाले शब्द हो। जिन शब्दों का अंत वाला अक्षर समान होता है उन्हें तुकांत शब्द(Tukant Shabd) कहते है। जैसे- ’’राजा-ताजा’’ इसमें ’जा’ शब्द तुकांत शब्द है। इन शब्दों से कविता का आनंद बढ़ जाता है। कविता भूलने की स्थिति में तुकांत के आधार पर कविता तुरंत याद आ जाती है।
तुकांत शब्द के उदाहरण – Tukant Shabd ka Udaharan
- दाना- नाना, खाना, पाना
- राजा- बाजा, ताजा
- सितार – गिटार, विचार, विकार
- फूल- भूल, धूल, शूल
- चंदन – नंदन, वंदन
- कच्चा – बच्चा, सच्चा
- जाल – थाल, माल, साल
- झोली – बोली, गोली
- मटका- लटका, झटका, अटका
- रानी – पानी, नानी
- कैसा – जैसा, वैसा, पैसा
- शोर – मोर, भौर, जोर
- पगड़ी- रगड़ी, तगड़ी, झगड़ी
- पाना- खोना, रोना, सोना
- मिलना – खिलना, जुलना
- रंग- अंग, संग, भंग
- नीला – पीला, गीला
- शादी- दादी, खादी
- कौन – मौन, सौन
- माला- काला, साला, पाला, ताला
- बाल- लाल, खाल, साल
- आया- गाया, खाया, भाया
- पक्की – चक्की मक्की
- ककड़ी – मकड़ी, लकड़ी
- नौका – मौका, चौका
- कचौड़ी- पकौड़ी, भगौड़ी
- हार – मार, कार, तार, थार, लार
- मुरारी – सुरारी, कुमारी, पुजारी
- कुल – खुल, घुल
- नथ- पथ, रथ
- चल- पल, नल, जल
- चुनना – सुनना, बुनना
- थल – बल, छल, चल
- आम- नाम, काम, राम
- माता – छाता, दाता
- आम- नाम, काम, दाम
- खटिया- मचिया, तकिया
- मीरा – जीरा, शीरा, खीरा, हीरा
- राजू – काजू, बाजू
- झोला- गोला, भोला
- साड़ी- खाड़ी, गाड़ी
तुकांत शब्दों की विशेषताएँ – Tukant Shabdo ki Visheshtaen
इन शब्दों के कारण कविता में रूकावट नहीं आती है और प्रवाह बना रहता है।
तुकांत शब्द और अतुकांत शब्दों में अंतर –
⇒ तुकांत शब्द
यह शब्द कविता की पंक्तियों के अंत में समान ध्वनि वाले शब्दों के रूप में होते है। इन शब्दों से शब्द या शब्दों के अंत के बीच ध्वनि का संयोजन होता है। इन शब्दों का इस्तेमाल छोटी कविताओं में किया जाता है। इसमें दो या दो से अधिक शब्दों में समान ध्वनि की पुनरावृति होती है।
जैसे-
वह देखो माँ आज
खिलौनेवाला फिर से आया है
कई तरह के सुंदर-सुंदर
नए खिलौने लाया है।
अतुकांत शब्द-
ये शब्द बिना तुक के होते है। इन शब्दों से बनी कविता में ध्वनियाँ परवर्तित होती रहती है। कविता लयबद्ध नहीं होती है।
जैसे-
’’निकले हुये हैं
भयावह सर्पों के
समूह
तफरीह के लिये
ऐसे में
कंघी, पाउडर, लिपस्टिक
रखो न रखो
सतर्क, सशक्त, सुदृढ़
साहस………
जरूर रख लेना
पर्स में
घर से निकलते हुए…
आज के आर्टिकल में हमनें हिंदी व्याकरण के अंतर्गत तुकांत शब्द (Tukant Shabd) को अच्छे से पढ़ा ,हम आशा करतें है कि आप इसे अच्छे से समझ गए होंगे …धन्यवाद
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धन्यवाद सर जी
bahut badhiya sir… accha laga padha ke, acchi jaanakaari mili apke website se..
स्नेहमयी आभार ..